रांची:
इंडियन प्रीमियर लीग के लगातार दूसरे वर्ष सबसे फिसड्डी टीम रहने से पुणे वॉरियर्स शायद ही खुद को बचा पाए, हालांकि आज रांची के झारखंड क्रिकेट संघ (जेसीए) मैदान पर जब वह आईपीएल-6 के 65वें मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना करने उतरेगी तो उद्देश्य जीत हासिल करना ही होगा।
यह बात दीगर है कि अब ग्रुप चरण के अपने सारे मैच जीतकर भी वॉरियर्स शायद ही खुद को अंक तालिका की तलहटी से ऊपर उठा पाएं। दोनों टीमें प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी हैं, ऐसे में दोनों सिर्फ अपने खाते में जीत की संख्या बढ़ाने के लिए दो-दो हाथ करेंगी।
इससे पहले वॉरियर्स लगातार नौ मैचों में हार चुकी है, जबकि नाइट राइडर्स ने अपने पिछले दोनों मैचों में जीत दर्ज की है।
वॉरियर्स तो इस सत्र में हार का परिचायक बन चुके हैं। इस टीम को लगातार नौ मैचों में हार मिली है और यह नौ टीमों की तालिका में अंतिम पायदान पर बनी हुई है। ऐसा लगता है कि इसके सफर की समाप्ति अंतिम पायदान पर ही होगी क्योंकि खेल को छोड़ दिया जाए तो किस्मत भी उनके साथ नहीं दिखती।
वॉरियर्स इस लीग में अपनी लगातार 10वीं हार टालने की कोशिश करेंगे लेकिन नाइट राइडर्स के लिए यह मैच बेहतर परिणाम के साथ यह साबित करने का माध्यम होगा कि उसने बीते साल यूं ही नहीं आईपीएल खिताब जीत लिया था।
यह टीम अपने नए घरेलू मैदान पर लगातार दूसरी जीत के साथ यह साबित कर सकती है कि उसने कई मौकों पर अच्छा खेल दिखाया लेकिन कई मौकों पर किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। सच्चाई यह भी है कि इस टीम के कई बड़े खिलाड़ियों ने उसका साथ नहीं दिया।
नाइट राइडर्स ने रांची के इस मैदान पर अपने बीते मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को पराजित किया था। इसके खाते में 14 मैचों से छह जीत और आठ हार हैं जबकि वॉरियर्स ने 14 में से 12 मैच गंवाए हैं। दो में उसकी जीत हुई है।
7 मई को मुम्बई इंडियंस से हारने के बाद नाइट राइडर्स ने वॉरियर्स और रॉयल चैलेंजर्स को हराया है और इससे उसके खिलाड़ियों के आत्मबल में इजाफा हुआ है। इस टीम के कई बड़े नाम नाकाम रहे हैं लेकिन अगर ले चल निकले तो यह टीम अपने आगे के सभी मैच जीत सकती है।
दूसरी ओर, वॉरियर्स के लिए जीत के लिहाज से उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आती। इन सबके बीच वह नाइट राइडर्स के हाथों लगातार दूसरी हार और कुल मिलाकर अपनी 10वीं हार को टालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने का प्रयास करेगी।
यह बात दीगर है कि अब ग्रुप चरण के अपने सारे मैच जीतकर भी वॉरियर्स शायद ही खुद को अंक तालिका की तलहटी से ऊपर उठा पाएं। दोनों टीमें प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो चुकी हैं, ऐसे में दोनों सिर्फ अपने खाते में जीत की संख्या बढ़ाने के लिए दो-दो हाथ करेंगी।
इससे पहले वॉरियर्स लगातार नौ मैचों में हार चुकी है, जबकि नाइट राइडर्स ने अपने पिछले दोनों मैचों में जीत दर्ज की है।
वॉरियर्स तो इस सत्र में हार का परिचायक बन चुके हैं। इस टीम को लगातार नौ मैचों में हार मिली है और यह नौ टीमों की तालिका में अंतिम पायदान पर बनी हुई है। ऐसा लगता है कि इसके सफर की समाप्ति अंतिम पायदान पर ही होगी क्योंकि खेल को छोड़ दिया जाए तो किस्मत भी उनके साथ नहीं दिखती।
वॉरियर्स इस लीग में अपनी लगातार 10वीं हार टालने की कोशिश करेंगे लेकिन नाइट राइडर्स के लिए यह मैच बेहतर परिणाम के साथ यह साबित करने का माध्यम होगा कि उसने बीते साल यूं ही नहीं आईपीएल खिताब जीत लिया था।
यह टीम अपने नए घरेलू मैदान पर लगातार दूसरी जीत के साथ यह साबित कर सकती है कि उसने कई मौकों पर अच्छा खेल दिखाया लेकिन कई मौकों पर किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। सच्चाई यह भी है कि इस टीम के कई बड़े खिलाड़ियों ने उसका साथ नहीं दिया।
नाइट राइडर्स ने रांची के इस मैदान पर अपने बीते मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को पराजित किया था। इसके खाते में 14 मैचों से छह जीत और आठ हार हैं जबकि वॉरियर्स ने 14 में से 12 मैच गंवाए हैं। दो में उसकी जीत हुई है।
7 मई को मुम्बई इंडियंस से हारने के बाद नाइट राइडर्स ने वॉरियर्स और रॉयल चैलेंजर्स को हराया है और इससे उसके खिलाड़ियों के आत्मबल में इजाफा हुआ है। इस टीम के कई बड़े नाम नाकाम रहे हैं लेकिन अगर ले चल निकले तो यह टीम अपने आगे के सभी मैच जीत सकती है।
दूसरी ओर, वॉरियर्स के लिए जीत के लिहाज से उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आती। इन सबके बीच वह नाइट राइडर्स के हाथों लगातार दूसरी हार और कुल मिलाकर अपनी 10वीं हार को टालने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने का प्रयास करेगी।
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