
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) के पांच साल (2023-27) के लिए मंगलवार को खत्म हुयी मीडिया अधिकार की बोली से मिली रकम (48,390 करोड़ रुपये) भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे देश के बीच चर्चा का विषय बनी हुयी है. घर-घर गली, गली-गली इस मोटी रकम को लेकर चर्चा हो रही है, तो पड़ोसी देश पाकिस्तान के टीवी चैनल को एकदम से सन्न हैं कि आखिर यह हो क्या रहा है! जब आईपीएल की साल 2008 में शुरुआत हुयी थी थी तो शायद किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि एक टूर्नामेंट इस मुकाम तक पहुंचेगा, लेकिन खत्म हुई नीलामी के लगभग 15 साल बाद अब आईपीएल लीग दुनिया की दूसरी सबसे महंगी लीग बन गयी है.
The BCCI will utilize the revenue generated from
— Jay Shah (@JayShah) June 14, 2022
IPL to strengthen our domestic cricket structure starting from grassroots, to boost infrastructure and spruce up facilities across India and enrich the
overall cricket-watching experience.
खत्म हुयी आईपीएल में इस साल दो नयीं टीमें भी जुड़ीं. और इससे मैचों की संख्या भी करीब 54 से बढ़कर 74 हो गयी और आने वाले सालों में बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि मैचों की संख्या एक समय 94 हो जाएगी. जाहिर है कि ऐसे में आईपीएल का विंडो समय भी बढ़ेगा. नीलामी के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने साफ कर दिया कि इस मिली मोटी रकम का इस्तेमाल देश में घरेलू क्रिकेट के विकास के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि अब राज्य एसोसिएशन और फ्रेंचाइजी को मिलकर काम करना चाहिए. बहरहाल मिली जानकारी, हमारे अनुमार और आईपीएल के नियमों अनुसार आने वाली मोटी रकम रकम को 8 मूल फ्रेंचाइजी, खिलाड़ियों, बोर्ड के संबद्ध राज्य एसोसिशनों और स्टॉफ के बीच वितरित किया जाएगा. चलिए हम आपको बताते हैं कि इस रकम को कैसे-कैसे वितरित किया जा सकता है.
Now, it's time for our state associations, IPL Franchises to work together with the IPL to enhance the fan experience and ensure that our biggest stakeholder – ‘the cricket fan' is well looked after and enjoys high quality cricket in world-class facilities.
— Jay Shah (@JayShah) June 14, 2022
जानकारी के अनुसार 48,339 करोड़ की रकम को आठ मूल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, केकेआर, राजस्थान रॉयल्स, आरसीबी, सनराइजर्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच वितरित किया जाएगा. इन आठ में से प्रत्येक टीम को इस रकम से करीब 3000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, जबकि इस साल जुड़ी दो नयी टीमों को अपने शेयर के लिए इंतजार करना होगा.
वहीं, बाकी बचे लगभग 24,195 करोड़ रुपये खिलाड़ियों और राज्य एसोसिएशनों के बीच वितरित किए जाएंगे. जानकारी के अनुसार इस आधी रकम की लगभग 26 प्रतिशत राशि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के बीच वितरीत की जाएगा, तो बचे 74 प्रतिशत में से चार फीसद रकम स्टॉफ के वेतन पर खर्च होगी. वहीं दूसरे हिस्से का बची हुयी 70 प्रतिशत रकम विभिन्न राज्य एसोसिएशनों के बीच वितरित होगी. गणना करने के बाद कुल रकम के आधे हिस्ससे से लगभग 6290 करोड़ रुपये खिलाड़ियों के बीच वितरित होंगे, तो 16,936 करोड़ रुपये बीसीसीसाई की संबद्ध एसोसिएसनों के बीच वितरित होंगे.
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