ईश्वर पांडे को कप्तान धोनी ने इस सीजन में एक भी मैच नहीं खिलाया (फाइल फोटो)
इंडियन प्रीमियर लीग का सीजन-9 अब अंतिम दौर में है। पूरे सीजन में कई खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से न केवल फैन्स बल्कि अपने-अपने देश के चयनकर्ताओं का भी ध्यान खींचा, लेकिन कई ऐसे खिलाड़ी भी रहे, जिन्हें टीमों ने भारी-भरकम राशि खर्च करके खरीदा और फिर खेलने का मौका ही नहीं दिया। हम ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो प्लेइंग इलेवन में शामिल किए जाने के हकदार थे लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला-
कोरी एंडरसन : उपयोगी ऑलराउंडर
न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर कोरी एंडरसन को मुंबई इंडियन्स ने 4.5 करोड़ में खरीदा था, लेकिन उन्हें एक भी मैंच में मौका नहीं दिया। कोरी न केवल गेंद बल्कि गेंद से भी उपयोगी साबित हो सकते थे। न्यूजीलैंड की ओर से उन्होंने 40 वनडे खेले हैं और 32.77 के औसत से 1016 रन बनाए हैं, जिनमें उनका बेस्ट प्रदर्शन 131 रन नाबाद रहा है। गेंदबाजी में उन्होंने इतने ही मैचों में 55 विकेट लिए हैं। टी-20 की बात करें तो उन्होंने पूरे करियर मे 72 मैच खेले हैं और उनके बल्ले ने 1097 रन उगले हैं। उन्होंने 24 विकेट भी झटके हैं।
शार्दुल ठाकुर : मुंबई को बनाया रणजी चैंपियन
मुंबई रणजी टीम के तेज गेंदबाज शार्दुल को हाल में टीम इंडिया में जगह मिली है, लेकिन उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें एक मैच के लायक भी नहीं समझा, जबकि पूरे टूर्नामेंट में यह टीम संघर्ष करती दिखी और क्वालिफायर से बाहर हो गई। पंजाब ने शार्दुल को 2016 की बोली में 20 लाख रुपए में खरीदा था। 41वीं बार रणजी चैंपियन बनी मुंबई की जीत में शार्दुल का अहम रोल रहा है और उन्होंने इस सीजन में 41 विकेट झटके थे।
नाथू सिंह : मैकग्राथ भी रहे हैं मुरीद
राजस्थान के तेज गेंदबाज और देश की नई पेस बैटरी (140 किमी की रफ्तार) माने जा रहे नाथू सिंह को मुंबई इंडियन्स ने 3.2 करोड़ में खरीदा था। मुंबई की टीम भी इस बार आईपीएल में कुछ खास नहीं कर सकी है, जबकि नाथू का रिकॉर्ड देखें, तो उन्होंने 11 टी-20 मैचों में 21 विकेट झटके हैं और उनका बेस्ट 13 रन देकर 4 विकेट रहा है, जबकि इकोनॉमी रेट बेहद शानदार 5.63 है। नाथू अपने प्रदर्शन से एमआरएफ पेस एकेडमी में ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज ग्लेन मैकग्राथ को भी प्रभावित कर चुके हैं और वह उनके अंडर में ट्रेनिंग भी कर चुके हैं। उन्होंने मैकग्राथ को अपनी तेज बॉलिंग से काफी प्रभावित किया। उनकी खासियत यह है कि वे 140 किमी की रफ्तार से लगातार बॉलिंग कर सकते हैं। फिर भी मुंबई ने उन्हें मौका नहीं दिया।
शॉन टेट : तेजी का उस्ताद (अधिकतम 161.1 किमी/घंटे)
ऑस्ट्रेलिया का तूफानी गेंदबाज अपने स्लिंग बॉलिंग एक्शन के लिए जाना जाता है। वह एक्शन में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जैफ थॉमसन की याद दिलाते हैं। 2010 में पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 मैच में 160.7 किमी की रफ्तार से गेंद करके सबको अचरज में डाल दिया था। उनकी सबसे तेज गेंद लार्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 में ही 161.1 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली रही। टेट को कोलकाता नाइटराइडर्स ने 1 करोड़ में खरीदा था।
ईश्वर पांडे : एक समय धोनी के मुख्य गेंदबाज रहे
पांडे आईपीएल के इस सीजन से पहले तक एमएस धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते थे। उस दौरान वह धोनी के मुख्य गेंदबाज हुआ करते थे। हालांकि पांडे इस सीजन में भी धोनी की ही टीम का हिस्सा रहे, लेकिन न जाने क्यों धोनी का उन पर भरोसा नहीं रहा और उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि धोनी की नई टीम राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स क्वालिफायर से पहले ही बाहर हो गई। पांडे ने टी-20 करियर में 45 मैचों में 44 विकेट लिए हैं। उनका बेस्ट 20 रन देकर 4 विकेट रहा है। उन्हें पुणे ने 20 लाख में खरीदा था।
कोरी एंडरसन : उपयोगी ऑलराउंडर
न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर कोरी एंडरसन को मुंबई इंडियन्स ने 4.5 करोड़ में खरीदा था, लेकिन उन्हें एक भी मैंच में मौका नहीं दिया। कोरी न केवल गेंद बल्कि गेंद से भी उपयोगी साबित हो सकते थे। न्यूजीलैंड की ओर से उन्होंने 40 वनडे खेले हैं और 32.77 के औसत से 1016 रन बनाए हैं, जिनमें उनका बेस्ट प्रदर्शन 131 रन नाबाद रहा है। गेंदबाजी में उन्होंने इतने ही मैचों में 55 विकेट लिए हैं। टी-20 की बात करें तो उन्होंने पूरे करियर मे 72 मैच खेले हैं और उनके बल्ले ने 1097 रन उगले हैं। उन्होंने 24 विकेट भी झटके हैं।
शार्दुल ठाकुर : मुंबई को बनाया रणजी चैंपियन
मुंबई रणजी टीम के तेज गेंदबाज शार्दुल को हाल में टीम इंडिया में जगह मिली है, लेकिन उनकी आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें एक मैच के लायक भी नहीं समझा, जबकि पूरे टूर्नामेंट में यह टीम संघर्ष करती दिखी और क्वालिफायर से बाहर हो गई। पंजाब ने शार्दुल को 2016 की बोली में 20 लाख रुपए में खरीदा था। 41वीं बार रणजी चैंपियन बनी मुंबई की जीत में शार्दुल का अहम रोल रहा है और उन्होंने इस सीजन में 41 विकेट झटके थे।
शार्दुल ठाकुर (दाईं ओर से आखिरी)
नाथू सिंह : मैकग्राथ भी रहे हैं मुरीद
राजस्थान के तेज गेंदबाज और देश की नई पेस बैटरी (140 किमी की रफ्तार) माने जा रहे नाथू सिंह को मुंबई इंडियन्स ने 3.2 करोड़ में खरीदा था। मुंबई की टीम भी इस बार आईपीएल में कुछ खास नहीं कर सकी है, जबकि नाथू का रिकॉर्ड देखें, तो उन्होंने 11 टी-20 मैचों में 21 विकेट झटके हैं और उनका बेस्ट 13 रन देकर 4 विकेट रहा है, जबकि इकोनॉमी रेट बेहद शानदार 5.63 है। नाथू अपने प्रदर्शन से एमआरएफ पेस एकेडमी में ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज ग्लेन मैकग्राथ को भी प्रभावित कर चुके हैं और वह उनके अंडर में ट्रेनिंग भी कर चुके हैं। उन्होंने मैकग्राथ को अपनी तेज बॉलिंग से काफी प्रभावित किया। उनकी खासियत यह है कि वे 140 किमी की रफ्तार से लगातार बॉलिंग कर सकते हैं। फिर भी मुंबई ने उन्हें मौका नहीं दिया।
शॉन टेट : तेजी का उस्ताद (अधिकतम 161.1 किमी/घंटे)
ऑस्ट्रेलिया का तूफानी गेंदबाज अपने स्लिंग बॉलिंग एक्शन के लिए जाना जाता है। वह एक्शन में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जैफ थॉमसन की याद दिलाते हैं। 2010 में पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 मैच में 160.7 किमी की रफ्तार से गेंद करके सबको अचरज में डाल दिया था। उनकी सबसे तेज गेंद लार्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ 2010 में ही 161.1 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली रही। टेट को कोलकाता नाइटराइडर्स ने 1 करोड़ में खरीदा था।
ईश्वर पांडे : एक समय धोनी के मुख्य गेंदबाज रहे
पांडे आईपीएल के इस सीजन से पहले तक एमएस धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते थे। उस दौरान वह धोनी के मुख्य गेंदबाज हुआ करते थे। हालांकि पांडे इस सीजन में भी धोनी की ही टीम का हिस्सा रहे, लेकिन न जाने क्यों धोनी का उन पर भरोसा नहीं रहा और उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि धोनी की नई टीम राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स क्वालिफायर से पहले ही बाहर हो गई। पांडे ने टी-20 करियर में 45 मैचों में 44 विकेट लिए हैं। उनका बेस्ट 20 रन देकर 4 विकेट रहा है। उन्हें पुणे ने 20 लाख में खरीदा था।
ईश्वर पांडे और ईशांत शर्मा
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