
यह सही है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2025) में पंजाब किंग्स के शानदार प्रदर्शन में कप्तान श्रेयस अय्यर और हेड कोच रिकी पोंटिंग का बहुत ही अहम योगादन रहा है. लेकिन भारत की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा ने कहा है कि टीम की सफलता में अगर बाकी खिलाड़ियों के योगदान की प्रशंसा नहीं की जाएगी, तो यह गलत बात होगी. उन्होंने NDTV से खास बातचीत में कहा, 'हम पंजाब किंग्स पर ध्यान दे रहे हैं क्योंकि उन्होंने 11 साल बाद प्लेऑफ में जगह बनाई है. जिस तरह की क्रिकेट उन्होंने खेली है, उससे उन्होंने पूरे सीजन में चमक बिखेरी है. यहां ऐसा देखने को नहीं मिला कि वह एकतरफा मैच हारे या उन्होंने लीग में बहुत ही खारब प्रदर्शन किया.'
चोपड़ा बोलीं, 'पंजाब एक ऐसी फ्रेंचाइजी है, जिसने हर शख्स का ध्यान खींचा है. वजह यह है कि उन्होंने ऑलराउंड प्रदर्शन किया है. यहां तक ही खुद अय्यर और पोंटिंग भी यह बात मानेंगे कि इस प्रदर्शन में किसी व्यक्ति विशेष का योगदान नहीं था, जिसने टीम को सफलता दिलाई. हां यह सही है कि अय्यर कप्तान हैं, बल्लेबाज हैं. निश्चित रूप से उन्होंने बड़ी भूमिका अदा की है. लेकिन अगर आप उनसे सफलता की वजह पूछेंगे, तो वह कभी भी ऐसा नहीं कहेंगे कि ऐसा मेरी वजह से हुआ है.'
वैसे जब से पंजाब ने प्ले-ऑफ में जगह बनाई है, तब से केकेआर को इस बात के लिए बड़ी गालियां मिल रही हैं कि उसने श्रेयस अय्यर को रिटेन नहीं किया. और न ही साल 2014 में खिताबी जीत के लिए अय्यर को श्रेय दिया गया. इस पर अंजुम चोपड़ा ने कहा कि रिटेन न किए जाने के बावजूद खिलाड़ी का काम परफॉर्म करना है और अय्यर ने यही किया है.
उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से फ्रेंचाइजी और खिलाड़ी विशेष के बीच का मामला है. अगर अय्यर को रिटेन नहीं किया गया, तो वह दूसरी टीम में चले गए. इसका मतलब यह नहीं है कि अय्यर के पास सफल होने का अधिकार नहीं है. यह पूरी तरह से गलत बात है. केकेआर के पास उन्हें रिटेन करने का मौका नहीं था. अब जब उन्होंने नहीं किया, तो अय्यर पंजाब के पाले में चल गए.'
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