
सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स के बीच चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में आज शाम को दूसरा क्वालीफायर मुकाबला खेला जाएगा. हैदराबाद और राजस्थान के बीच जो टीम यह मुकाबला जीतेगी वो फाइनल में प्रवेश करेगी, जहां उसका मुक़ाबला रविवार, 26 मई को कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा. आज होने वाले आईपीएल 2024 के क्वालीफायर 2 में चेपॉक का मैदान दोनों टीमों, सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है.
क्या कहता है इतिहास?
आंकड़ों के मुताबिक़ चेपॉक में दोनों टीमों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. सनराइजर्स हैदराबाद ने पिछले 10 मैचों में से केवल 1 मैच में जीत दर्ज की है. वहीं दूसरी ओर राजस्थान रॉयल्स का प्रदर्शन भी निराशाजनक ही है. उन्होंने पिछले 9 मैचों में 2 जीत हासिल हुई है. चेपॉक के मैदान पर सनराइजर्स हैदराबाद का संघर्ष लोगों से छिपा नहीं है. इस टीम को हमेशा ही चेपॉक की पिच ने परेशान किया है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि सनराइजर्स हैदराबाद अपनी तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिए जानी जाती है, लेकिन चेपॉक की धीमी और स्पिन के अनुकूल पिच उनकी रफ्तार और आक्रामकता को कम कर देती है. इसके अलावा स्पिन गेंदबाजी के लिए अनुकूल परिस्थिति सनराइजर्स हैदराबाद के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी करती है.
चेपॉक की पिच पर स्पिन की धीमी गेंदों को पढ़ने और संभालने में किसी भी बल्लेबाज को काफ़ी दिक्कत होती है और इस सीजन चेपॉक की पिच किस तरह से बर्ताव कर रही है, यह अबूझ पहेली बनी हुई है. चेन्नई में लगातार मिल रही हार से हैदराबाद के खिलाड़ियों पर दबाव जरुर होगा. ऐसे में टीम पिछले प्रदर्शन को भुलाकर आज नये उत्साह के साथ खेलना उनके लिए एक मानसिक चुनौती होगी. हालांकि, प्लेऑफ में टीम का खराब प्रदर्शन टीम को दबाव में ला सकता है.
बात अगर हैदराबाद के प्लेऑफ आंकड़ों की करें तो टीम ने कुल मिलाकर 12 मैच खेले हैं, जिसमें टीम को सात में हार मिली है जबकि पांच में उसने जीत दर्ज किए हैं. हैदराबाद ने आखिरी बार प्लेऑफ के लिए साल 2020 में क्वालीफाई किया था. जहां उसे दूसरे क्वालीफायर में दिल्ली कैपिटल्स से हार का सामना करना पड़ा था.
वहीं दूसरी ओर आज उनके ख़िलाफ खेलने वाली राजस्थान रॉयल्स ने भी इस पिच पर कुछ कम दिक्कतों का सामना नहीं किया है. पिछले सीजन में राजस्थान रॉयल्स का चेपॉक में प्रदर्शन काफ़ी खराब रहा था. उन्होंने 3 मैचों में से केवल 1 में ही जीत हासिल की थी. राजस्थान को इस बार भी वही इतिहास दोहराने का डर सता रहा होगा. इसके अलावा राजस्थान की टीम शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, मध्य और निचले क्रम में बल्लेबाजी निरंतरता नहीं दिखा पा रहे हैं.
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