रायपुर:
छत्तीसगढ़ की राजधानी में नवनिर्मित शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 44वें मुकाबले में मौजूदा चैम्पियन कोलकाता नाइट राइडर्स का सामना दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के साथ होगा।
आईपीएल के इस सत्र के उद्घाटन मुकाबले में नाइट राइडर्स ने डेयरडेविल्स को हराया था और तभी से यह टीम लय से ऐसी भटकी है कि नौ मैचों में अब तक सिर्फ दो जीत हासिल कर सकी है। पुणे वॉरियर्स इंडिया पर मिली अंतिम जीत के साथ वह फिसड्डी टीम से आठवें क्रम पर पहुंची है।
माहेला जयवर्धने के नेतृत्व में खेल रही इस टीम ने वीर नारायण स्टेडियम में खेले गए अब तक के एकमात्र आईपीएल मैच में वॉरियर्स पर जीत हासिल की थी। अब जबकि बुधवार को उसका सामना नाइट राइडर्स के साथ होना है, वह जीत का क्रम जारी रखते हुए नाइट राइडर्स के साथ हिसाब बराबर करना चाहेगी।
पुणे वॉरियर्स के खिलाफ डेयरडेविल्स का प्रदर्शन बहुत सराहनीय नहीं रहा था। वॉरियर्स टीम यह मैच जीत सकती थी, लेकिन अपने बल्लेबाजों की नाकामी के कारण वह 15 रन पीछे रह गई। डेयरडेविल्स के रणनीतिकार भी यह अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी अपनी मजबूती के कारण नहीं वॉरियर्स की कमजोरी के कारण उन्हें जीत मिली है।
ऐसे में डेयरडेविल्स टीम को अपनी रणनीति पर विचार के साथ-साथ अपने सीनियर खिलाड़ियों का साथ चाहिए होगा, जो लगातार नाकाम रहे हैं। डेविड वार्नर को छोड़कर किसी का प्रदर्शन निरंतर नहीं रहा है। सहवाग ने मुम्बई इंडियंस के खिलाफ जीत में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन उसके बाद फिर उनका बल्ला खामोश हो गया है।
डेयरडेविल्स और नाइट राइडर्स के रणनीतिकार यही सोच रहे होंगे कि दोनों टीमों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा है और इसी का फायदा वे उठाना चाहेंगे। मौजूदा चैम्पियन होने के बावजूद नाइट राइडर्स अब तक नौ में से तीन मैच ही जीत सके हैं और छह में उनकी हार हुई है।
अपने अंतिम मुकाबले में नाइट राइडर्स को सुपर किंग्स ने बुरी तरह हराया था। इस टीम में कई काबिल खिलाड़ी हैं, लेकिन वे समय पर अपना योगदान नहीं दे रहे हैं। साथ ही साथ कुछ अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण भी इस टीम को नुकसान हुआ है। इन्हीं बातों का डेयरडेविल्स फायदा उठाना चाहेंगे और तीन अप्रैल को आईपीएल-6 के पहले मैच में मिली हार का हिसाब बराबर करना चाहेंगे।
आईपीएल के इस सत्र के उद्घाटन मुकाबले में नाइट राइडर्स ने डेयरडेविल्स को हराया था और तभी से यह टीम लय से ऐसी भटकी है कि नौ मैचों में अब तक सिर्फ दो जीत हासिल कर सकी है। पुणे वॉरियर्स इंडिया पर मिली अंतिम जीत के साथ वह फिसड्डी टीम से आठवें क्रम पर पहुंची है।
माहेला जयवर्धने के नेतृत्व में खेल रही इस टीम ने वीर नारायण स्टेडियम में खेले गए अब तक के एकमात्र आईपीएल मैच में वॉरियर्स पर जीत हासिल की थी। अब जबकि बुधवार को उसका सामना नाइट राइडर्स के साथ होना है, वह जीत का क्रम जारी रखते हुए नाइट राइडर्स के साथ हिसाब बराबर करना चाहेगी।
पुणे वॉरियर्स के खिलाफ डेयरडेविल्स का प्रदर्शन बहुत सराहनीय नहीं रहा था। वॉरियर्स टीम यह मैच जीत सकती थी, लेकिन अपने बल्लेबाजों की नाकामी के कारण वह 15 रन पीछे रह गई। डेयरडेविल्स के रणनीतिकार भी यह अच्छी तरह जानते हैं कि उनकी अपनी मजबूती के कारण नहीं वॉरियर्स की कमजोरी के कारण उन्हें जीत मिली है।
ऐसे में डेयरडेविल्स टीम को अपनी रणनीति पर विचार के साथ-साथ अपने सीनियर खिलाड़ियों का साथ चाहिए होगा, जो लगातार नाकाम रहे हैं। डेविड वार्नर को छोड़कर किसी का प्रदर्शन निरंतर नहीं रहा है। सहवाग ने मुम्बई इंडियंस के खिलाफ जीत में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन उसके बाद फिर उनका बल्ला खामोश हो गया है।
डेयरडेविल्स और नाइट राइडर्स के रणनीतिकार यही सोच रहे होंगे कि दोनों टीमों के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा है और इसी का फायदा वे उठाना चाहेंगे। मौजूदा चैम्पियन होने के बावजूद नाइट राइडर्स अब तक नौ में से तीन मैच ही जीत सके हैं और छह में उनकी हार हुई है।
अपने अंतिम मुकाबले में नाइट राइडर्स को सुपर किंग्स ने बुरी तरह हराया था। इस टीम में कई काबिल खिलाड़ी हैं, लेकिन वे समय पर अपना योगदान नहीं दे रहे हैं। साथ ही साथ कुछ अहम खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण भी इस टीम को नुकसान हुआ है। इन्हीं बातों का डेयरडेविल्स फायदा उठाना चाहेंगे और तीन अप्रैल को आईपीएल-6 के पहले मैच में मिली हार का हिसाब बराबर करना चाहेंगे।
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