अहमदाबाद:
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने बीसीसीआई द्वारा कुछ फोटो एजेंसियों पर लगाए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू हुई टेस्ट क्रिकेट शृंखला का बहिष्कार करने का फैसला किया।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों थामसन रायटर्स, एएफपी और एपी ने दौरे की रिपोर्ट और तस्वीरें जारी नहीं करने का फैसला किया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय एजेंसी द प्रेस एसोसिएशन भी फोटो जारी नहीं करेगी। न्यूज मीडिया कोयलिशन (एनएमसी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं।
बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया।
लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था।
एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों थामसन रायटर्स, एएफपी और एपी ने दौरे की रिपोर्ट और तस्वीरें जारी नहीं करने का फैसला किया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय एजेंसी द प्रेस एसोसिएशन भी फोटो जारी नहीं करेगी। न्यूज मीडिया कोयलिशन (एनएमसी) द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मीडिया संगठनों के समूह एनएमसी ने कहा, गैट्टी इमेज, एक्शन इमेज और दो भारतीय फोटो एजेंसियों को रोके जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसयों ने इस दौरे की तस्वीरें और रिपोर्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है। इसने कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा फोटो एजेंसियों पर रोक लगाए जाने के मायने हैं कि दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों को प्रेस फोटोग्राफरों से इस शृंखला की बहुत कम तस्वीरें मिल सकेंगी। इसने आगे कहा, आमतौर पर एजेंसियां अपनी कवरेज के तहत हजारों तस्वीरें जारी करती हैं, जो क्रिकेटप्रेमियों और उत्साही प्रायोजकों के आनंद के लिए होती हैं।
बीसीसीआई ने गेट्टी इमेज और एक्शन इमेज के एक्रीडिटेशन यह कहकर रद्द कर दिए कि बोर्ड खुद तस्वीरें जारी करेगा। इस बीच ब्रिटेन के राष्ट्रीय अखबारों के संपादकों ने इस मीडिया विवाद को सुलझाने से बीसीसीआई के इनकार का विरोध किया।
लंदन के ‘द टेलीग्राफ’ ने कहा, मीडिया विरोध के कारण पहले टेस्ट की फोटो कवरेज बाधित। टेलीग्राफ भी इसके साथ। तस्वीरों के इस्तेमाल को लेकर बीसीसीआई के नए प्रतिबंध मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। सोसायटी ऑफ एडीटर्स के कार्यकारी निदेशक बाब सैशवेल ने कहा, बीसीसीआई के इस फैसले से संपादक नाराज हैं। वे क्रिकेटप्रेमी पाठकों के लिए अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए सर्वश्रेष्ठ समाचार सामग्री मुहैया कराना चाहते थे। क्रिकेट कवर करने की प्रेस की क्षमता को नुकसान पहुंचाकर खेल की साख को भी क्षति पहुंचने का खतरा है। इससे पहले एनएमसी ने बीसीसीआई से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा था।
एनएमसी के सदस्यों में थामसन रायटर्स, एएफपी, एपी, अंतरराष्ट्रीय फोटो एजेंसी गेट्टी इमेजेस, द प्रेस एसोसिएशन, न्यूजपेपर्स पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन न्यूजपेपर पब्लिशर्स एसोसिएशन, यूरोपियन पब्लिशर्स काउंसिल, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ न्यूजपेपर्स भी शामिल हैं।
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