सईद अजमल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के कारण पाकिस्तान टीम के ऑफ स्पिनर सईद अजमल की कुंठा सामने आ ही गई। अपने गेंदबाजी एक्शन के कारण आईसीसी के निशाने पर आए अजमल अब 'स्वघोषित अंपायर' की भूमिका में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि ऑफ स्पिनर्स और खासतौर पर पाकिस्तानी गेंदबाजों को ही संदिग्ध एक्शन का निशाना बनाया जाता है जबकि हरभजन और आर. अश्विन जैसे भारतीय गेंदबाजों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। इन गेंदबाजों के अलावा कई और स्पिन गेंदबाज है जो 15 डिग्री के नियम का उल्लंघन करते हैं।
38 वर्ष के हो चुके, लगभग खत्म ही है करियर
अजमल को ऐसा लगता है कि ऑफ स्पिनरों को ही संदिग्ध गेंदबाजी का निशाना बनाया जाता है जबकि बाएं हाथ के स्पिनरों, लेग स्पिनरों या तेज गेंदबाजों को नहीं। आईसीसी के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोलते हुए वे यह तक कहने से नहीं चूके कि क्रिकेट की इस शीर्ष संस्था के नियम बेतुके हैं और इससे ऑफ स्पिन गेंदबाजी खत्म होने का खतरा है। अजमल जानते हैं कि वे 38 साल का होने के कारण उनका करियर लगभग खत्म ही है। टीम में वापसी की राह उन्हें नजर नहीं आ रही। ऐसे में उन्होंने आईसीसी के खिलाफ हमलावर रुख अपना लिया है।
ब्रेट ली, शोएब अख्तर के एक्शन पर भी उठ चुकी अंगुली
अजमल का ऑफ स्पिनरों को ही निशाना बनाए जाने संबंधी तर्क सही नहीं है। यह बात तो सही है कि हाल के वर्षों ने जिन गेंदबाजों के एक्शन को संदिग्ध मानते हुए उन पर कार्रवाई की गई, उनमें ज्यादातर ऑफ स्पिनर है, लेकिन लेग स्पिनर और तेज गेंदबाज भी आईसीसी की जद में रहे हैं। अजमल को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके देश के शब्बीर अहमद, शोएब अख्तर और शाहिद आफरीदी के एक्शन को भी संदिग्ध की श्रेणी में रखा जा चुका है।
लंबे कद के पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शब्बीर का करियर को उनके एक्शन के कारण ही खत्म हो गया जबकि शोएब और दाएं हाथ के लेग स्पिनर आफरीदी एक्शन में सुधारकर गेंदबाजी में वापसी करने में सफल रहे। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेट ली के एक्शन को भी एक बार संदिग्ध करार दिया जा चुका है। तथ्य केवल है कि गेंदबाजी करते समय जिस खिलाड़ी की कलाई/कोहनी तय की गईसीमा से अधिक मुड़ती है, उसके एक्शन को संदिग्ध करार दिया जाता है।
एशिया उपमहाद्वीप के ही ज्यादा गेंदबाज
संदिग्ध एक्शन वाले गेंदबाज की हाल की फेहरिस्त पर नजर डालें तो एशिया उपमहाद्वीप से ऐसे बॉलर्स की संख्या अच्छी खासी है। इसमें भी ज्यादातर पाकिस्तानी गेंदबाज हैं। इसका कारण यह माना जा सकता है कि शुरुआती दौर यानी घरेलू क्रिकेट के स्तर पर ही इन गेंदबाजों के एक्शन की खामी को दुरुस्त नहीं किया जाता।
शुरुआत में नहीं मिल पाती विशेषज्ञ की सलाह
पाकिस्तान में क्रिकेट का ढांचा कुछ इस तरह का है कि 'गलत' एक्शन वाले इन नएनवेले गेंदबाजों को कई बार विशेषज्ञ की सलाह नहीं मिल पाती। इसके कारण यह खामी दूर नहीं हो पाती। शब्बीर, शोएब अख्तर और शाहिद आफरीदी के अलावा इसी मुल्क के शोएब मलिक, मो. हफीज और हाल ही में बिलाल आसिफ को भी संदिग्ध एक्शन वाला गेंदबाज करार दिया जा चुका है।
संदिग्ध एक्शन के कारण चर्चा में रह चुके है ये प्रमुख गेंदबाज
मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका)
ब्रेट ली (ऑस्ट्रेलिया)
शोएब अख्तर (पाकिस्तान)
हरभजन सिंह (भारत)
शाहिद आफरीदी (पाकिस्तान)
कुमार धर्मसेना (श्रीलंका)
ग्रांट फ्लावर (जिम्बाब्वे)
जोहान बोथा (द.अफ्रीका)
मर्लोन सेमुअल्स (वेस्टइंडीज)
शेन शिलिंगफोर्ड (वेस्टइंडीज)
अब्दुर रज्जाक (बांग्लादेश)
पी. उत्सेया (जिम्बाब्वे)
सोहाग गाजी (बांग्लादेश)
रियाज आफरीदी (पाकिस्तान)
बिलाल आसिफ (पाकिस्तान)
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38 वर्ष के हो चुके, लगभग खत्म ही है करियर
अजमल को ऐसा लगता है कि ऑफ स्पिनरों को ही संदिग्ध गेंदबाजी का निशाना बनाया जाता है जबकि बाएं हाथ के स्पिनरों, लेग स्पिनरों या तेज गेंदबाजों को नहीं। आईसीसी के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोलते हुए वे यह तक कहने से नहीं चूके कि क्रिकेट की इस शीर्ष संस्था के नियम बेतुके हैं और इससे ऑफ स्पिन गेंदबाजी खत्म होने का खतरा है। अजमल जानते हैं कि वे 38 साल का होने के कारण उनका करियर लगभग खत्म ही है। टीम में वापसी की राह उन्हें नजर नहीं आ रही। ऐसे में उन्होंने आईसीसी के खिलाफ हमलावर रुख अपना लिया है।
ब्रेट ली, शोएब अख्तर के एक्शन पर भी उठ चुकी अंगुली
अजमल का ऑफ स्पिनरों को ही निशाना बनाए जाने संबंधी तर्क सही नहीं है। यह बात तो सही है कि हाल के वर्षों ने जिन गेंदबाजों के एक्शन को संदिग्ध मानते हुए उन पर कार्रवाई की गई, उनमें ज्यादातर ऑफ स्पिनर है, लेकिन लेग स्पिनर और तेज गेंदबाज भी आईसीसी की जद में रहे हैं। अजमल को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके देश के शब्बीर अहमद, शोएब अख्तर और शाहिद आफरीदी के एक्शन को भी संदिग्ध की श्रेणी में रखा जा चुका है।
लंबे कद के पाकिस्तानी तेज गेंदबाज शब्बीर का करियर को उनके एक्शन के कारण ही खत्म हो गया जबकि शोएब और दाएं हाथ के लेग स्पिनर आफरीदी एक्शन में सुधारकर गेंदबाजी में वापसी करने में सफल रहे। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेट ली के एक्शन को भी एक बार संदिग्ध करार दिया जा चुका है। तथ्य केवल है कि गेंदबाजी करते समय जिस खिलाड़ी की कलाई/कोहनी तय की गईसीमा से अधिक मुड़ती है, उसके एक्शन को संदिग्ध करार दिया जाता है।
एशिया उपमहाद्वीप के ही ज्यादा गेंदबाज
संदिग्ध एक्शन वाले गेंदबाज की हाल की फेहरिस्त पर नजर डालें तो एशिया उपमहाद्वीप से ऐसे बॉलर्स की संख्या अच्छी खासी है। इसमें भी ज्यादातर पाकिस्तानी गेंदबाज हैं। इसका कारण यह माना जा सकता है कि शुरुआती दौर यानी घरेलू क्रिकेट के स्तर पर ही इन गेंदबाजों के एक्शन की खामी को दुरुस्त नहीं किया जाता।
शुरुआत में नहीं मिल पाती विशेषज्ञ की सलाह
पाकिस्तान में क्रिकेट का ढांचा कुछ इस तरह का है कि 'गलत' एक्शन वाले इन नएनवेले गेंदबाजों को कई बार विशेषज्ञ की सलाह नहीं मिल पाती। इसके कारण यह खामी दूर नहीं हो पाती। शब्बीर, शोएब अख्तर और शाहिद आफरीदी के अलावा इसी मुल्क के शोएब मलिक, मो. हफीज और हाल ही में बिलाल आसिफ को भी संदिग्ध एक्शन वाला गेंदबाज करार दिया जा चुका है।
संदिग्ध एक्शन के कारण चर्चा में रह चुके है ये प्रमुख गेंदबाज
मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका)
ब्रेट ली (ऑस्ट्रेलिया)
शोएब अख्तर (पाकिस्तान)
हरभजन सिंह (भारत)
शाहिद आफरीदी (पाकिस्तान)
कुमार धर्मसेना (श्रीलंका)
ग्रांट फ्लावर (जिम्बाब्वे)
जोहान बोथा (द.अफ्रीका)
मर्लोन सेमुअल्स (वेस्टइंडीज)
शेन शिलिंगफोर्ड (वेस्टइंडीज)
अब्दुर रज्जाक (बांग्लादेश)
पी. उत्सेया (जिम्बाब्वे)
सोहाग गाजी (बांग्लादेश)
रियाज आफरीदी (पाकिस्तान)
बिलाल आसिफ (पाकिस्तान)
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