धोनी ने पंड्या और भुवनेश्वर के साथ मिलकर टीम इंडिया को 275 रन के पार पहुंचाया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में खेले गए पहले वनडे मैच में टीम इंडिया की निचले क्रम की बल्लेबाजी ने कमाल का प्रदर्शन किया. ऐसे समय जब शुरुआती पांच विकेट 87 के स्कोर पर पेवेलियन लौट चुके थे और लग रहा था कि टीम शायद पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाएगी. इस मुश्किल वक्त में महेंद्र सिंह धोनी की मार्गदर्शन में हार्दिक पंड्या और भुवनेश्वर कुमार ने अपने खेल के स्तर को ऊंचाई दी. इन बल्लेबाजों की महत्वपूर्ण पारियों की बदौलत ही टीम इंडिया 50 ओवर में सात विकेट खोकर 281 रन की सम्मानजनक रनसंख्या तक पहुंचने में कामयाब हो गई.
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हार्दिक और धोनी ने इस मैच में जहां अर्धशतक जमाए, वहीं भुवनेश्वर कुमार 32 रन बनाकर नाबाद रहे. मैच में भारत के छठे, सातवें और आठवें नंबर के बल्लेबाज ने 194 रन जोड़े. यह रनसंख्या 1983 में ट्रेंटब्रिज वेल्स में 1983 में जिम्बाब्वे के खिलाफ बनाई गई रनसंख्या (198रन) के बाद सर्वाधिक है. ट्रेंटब्रिज वेल्स के इसी मैच में कपिलदेव ने नाबाद 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी.
वीडियो: हाईस्कोरिंग होते हैं भारत-ऑस्ट्रेलिया के मैच
मैच में हार्दिक पंड्या की तूफानी बल्लेबाजी ने चिदंबरम स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की तबीयत खुश कर दी. पंड्या ने 66 गेंदों पर पांच चौकों और इतने की छक्कों की मदद से 83 रन बनाए. धोनी की पारी आक्रमण और रक्षात्मक खेल का मिश्रण रही.उन्होंने 88 गेंदों पर चार चौकों और दो छक्कों की मदद से 79 रन बनाए. भुवनेश्वर ने नाबाद 32 रन की पारी में 30 गेंदों का सामना करते हुए पांच चौके लगाए. बल्लेबाजी की इस तिकड़ी के कारण ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शुरुआती पांच विकेट जल्द आउट करने के बाद भी संघर्ष करते नजर आए. टीम इंडिया के लिहाज से यह केवल दूसरी बार है जब शुरुआती पांच विकेट 100 रन के कम स्कोर पर गिरने के बाद भी टीम 275 रन से अधिक बनाने में सफल रही. इससे पहले टीम ने कोलंबो में 2002 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 288 रन बनाए थे.
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हार्दिक और धोनी ने इस मैच में जहां अर्धशतक जमाए, वहीं भुवनेश्वर कुमार 32 रन बनाकर नाबाद रहे. मैच में भारत के छठे, सातवें और आठवें नंबर के बल्लेबाज ने 194 रन जोड़े. यह रनसंख्या 1983 में ट्रेंटब्रिज वेल्स में 1983 में जिम्बाब्वे के खिलाफ बनाई गई रनसंख्या (198रन) के बाद सर्वाधिक है. ट्रेंटब्रिज वेल्स के इसी मैच में कपिलदेव ने नाबाद 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी.
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मैच में हार्दिक पंड्या की तूफानी बल्लेबाजी ने चिदंबरम स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की तबीयत खुश कर दी. पंड्या ने 66 गेंदों पर पांच चौकों और इतने की छक्कों की मदद से 83 रन बनाए. धोनी की पारी आक्रमण और रक्षात्मक खेल का मिश्रण रही.उन्होंने 88 गेंदों पर चार चौकों और दो छक्कों की मदद से 79 रन बनाए. भुवनेश्वर ने नाबाद 32 रन की पारी में 30 गेंदों का सामना करते हुए पांच चौके लगाए. बल्लेबाजी की इस तिकड़ी के कारण ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज शुरुआती पांच विकेट जल्द आउट करने के बाद भी संघर्ष करते नजर आए. टीम इंडिया के लिहाज से यह केवल दूसरी बार है जब शुरुआती पांच विकेट 100 रन के कम स्कोर पर गिरने के बाद भी टीम 275 रन से अधिक बनाने में सफल रही. इससे पहले टीम ने कोलंबो में 2002 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 288 रन बनाए थे.
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