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This Article is From Mar 03, 2017

INDvsAUS:बेंगलुरू टेस्‍ट कल से, बारिश बन सकती है क्रिकेट के रोमांच में बाधा...

INDvsAUS:बेंगलुरू टेस्‍ट कल से, बारिश बन सकती है क्रिकेट के रोमांच में बाधा...
बेंगलुरू टेस्‍ट एक तरह से कप्‍तान के रूप में विराट कोहली का भी बड़ा टेस्‍ट होगा (फाइल फोटो)
बेंगलुरू: पुणे टेस्‍ट में ऑस्‍ट्रेलिया टीम से 333 रन की मिली हार के बाद शनिवार से बेंगलुरू में हो रहे दूसरे टेस्‍ट टीम इंडिया का ध्‍यान अच्‍छे प्रदर्शन पर होगा. पुणे टेस्‍ट में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के बीच वहां की पिच भी अच्‍छी खासी चर्चा में रही. मैच रैफरी ने पुणे के पिच को खराब करार देते हुए इस बारे में आईसीसी को रिपोर्ट भेजी है. भारतीय टीम आत्मविश्वास से भरी आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ जब दूसरा टेस्ट खेलने के लिये मैदान पर उतरेगी तो एक तरह से यह पुणे में मिली शर्मनाक हार से आहत विराट कोहली की कप्तान के रूप में 'कठिन परीक्षा' भी होगी. भारतीय टीम ने ऐसे कम मौके देखे हैं जबकि घरेलू टेस्ट सीरीज में उसे शुरू में ही हार का सामना करना पड़ा हो. इस लिहाज से चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाला मैच दिलचस्प बन गया है. मैच में बारिश बाधा बन सकती है. मैच के दूसरे दिन यानी रविवार को बेंगलुरू में बारिश की भविष्यवाणी की गई है.

कोहली और उनकी टीम का चिंतित होना और साथ ही सतर्कता बरतना जायज है क्योंकि पुणे की स्पिन लेती पिच पर स्टीव ओकीफी की स्पिन गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाजों ने नतमस्तक होने में देर नहीं लगाई और टीम को 333 रन के भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा इस हार से भारतीय टीम का 19 मैचों तक चला अजेय अभियान भी समाप्त हो गया और अब पिछली हार से सबक लेकर नए सिरे से शुरुआत करने का समय है. अनिल कुंबले की देखरेख में खेल रही टीम चिन्नास्वामी की पिच पर जीत दर्ज करके चार मैचों की सीरीज में वापसी करने की कोशिश करने के लिये प्रतिबद्ध है. यहां की पिच पुणे की तुलना में कुछ बेहतर दिख रही है. भारतीय बल्लेबाजों को ऑस्ट्रेलिया की नई स्पिन जोड़ी नाथन लियोन और ओकीफी से तो निबटना होगा. साथ ही तेज गेंदबाजी की जोड़ी मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड के खिलाफ भी सतर्कता बरतनी होगी जो उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं. इसी तरह से भारतीय अभी तक स्टीव स्मिथ को सस्ते में आउट करने का तरीका नहीं ढूंढ पाए हैं. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने पहले मैच की मुश्किल पिच पर दूसरी पारी में शतक जड़ा और वह अपनी इस फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे.

डीआरएस का सही उपयोग एक अन्य मसला है. पहले टेस्ट मैच में भारतीय इसका सही तरह से उपयोग नहीं कर पाए थे. कोहली निश्चित तौर पर टॉस जीतना चाहेंगे जो पुणे में काफी अहम साबित हुआ था. वह स्वयं एक ‘फाइटर’ हें और उनका लक्ष्य ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हावी होना रहेगा जैसा कि वह इससे पहले आस्ट्रेलिया के पिछले दौर में कर चुके हैं. बेंगलुरू का मौसम भी मैच में बाधा साबित हो सकता है. मैच के दूसरे दिन यानी रविवार को बारिश की भविष्यवाणी की गई है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां खेले गये आखिरी टेस्ट मैच में केवल पहले दिन का खेल हो पाया था और बाकी दिन बारिश हावी रही थी. पिछले कुछ वर्षों में भारतीय टीम का सकारात्मक पहलू उसकी ‘बेंच स्ट्रेंथ’ और एक ही स्थान के लिए कई विकल्प रहा है और ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन इस खास मैच के लिये किस तरह के टीम संयोजन को पंसद करता है. धोनी से कप्तानी हासिल करने के बाद कोहली की टीम का संयोजन बदलता रहा है. उन्होंने अब तक जिन 24 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, उनमें से अधिकतर में अलग-अलग टीम संयोजन आजमाए.

 इस बार भी अंतिम एकादश में एक या दो बदलाव संभव हैं लेकिन यह पिच पर निर्भर करेगा जो पुणे की तुलना में बेहतर दिख रही है. कोहली पांच गेंदबाजों के साथ खेलने के पक्षधर रहे हैं और उनकी यह रणनीति पिछले 18 महीनों में कारगर साबित हुई है. हालांकि ऑस्ट्रेलियाई स्पिनरों ने अनुकूल पिच पर भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी उजागर कर दी है जिससे भारतीय टीम की व्यवस्था थोड़ा संदेहास्पद बन गई है. पिछले मैच में भारत की कमजोर कड़ी ऑफ स्पिनर जयंत यादव थे और वह गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में कमजोर नजर आए. उनकी बल्लेबाजी पर किसी को गौर नहीं करना चाहिए क्योंकि बाकी बल्लेबाज भी नाकाम रहे थे. जब दिग्गज बल्लेबाज नहीं चल पाए हों तब नौवें नंबर के बल्लेबाज को दो और पांच रन बनाने के लिए दोष नहीं दिया जा सकता है. यदि नायर खेलते हैं तो भारत को चार विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ उतरना होगा. अश्विन, जडेजा और उमेश यादव तो स्वाभाविक पसंद हैं. ईशांत शर्मा ने खराब गेंदबाजी नहीं की लेकिन वह विकेट भी नहीं ले पाए. दूसरी पारी में हालांकि उन्हें केवल तीन ओवर ही दिए गए थे. भुवनेश्वर कुमार ने अपनी तेजी बढ़ाई है और वह रिवर्स स्विंग भी करने लगे हैं. इसके अलावा वह निचले क्रम में बल्लेबाजी भी कर सकते है. ऐसे में वह अच्छी पसंद हो सकते हैं. हार्दिक पंड्या आलराउंडर हैं लेकिन लंबी अवधि के प्रारूप में उनकी बल्लेबाजी को अभी आजमाया नहीं गया है. राष्ट्रीय कोच कुंबले ने अंतिम एकादश के बारे में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया जबकि दोनों टीमों के पूर्व कप्तानों ने इसको लेकर अपने विचार जरूर व्यक्त किए हैं. पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन चाहते हैं कि इशांत और जयंत को बाहर कर देना चाहिए जबकि माइकल क्लार्क का मानना है कि दिल्ली के तेज गेंदबाज को टीम में बना रखना चाहिए.

अजिंक्य रहाणे एक अन्य खिलाड़ी हैं जिन पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव है. रहाणे को पिछले पांच टेस्ट मैचों में नाकाम रहने के बावजूद टीम प्रबंधन का पूरा समर्थन हासिल है. हैदराबाद की सपाट पिच पर बांग्लादेश के खिलाफ एक अर्धशतकीय पारी को छोड़ दिया जाए तो रहाणे को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज शुरू होने के बाद से रनों के लिये जूझना ही पड़ा है. जहां तक ऑस्ट्रेलिया का सवाल है तो पहले टेस्ट में बड़ी जीत के बाद अगर चोट की समस्या नहीं आती है तो वह अपनी विजयी टीम को बरकरार रख सकता है. स्मिथ को उम्मीद होगी कि प्रतिभाशाली सलामी बल्लेबाज मैट रेनशॉ मैच के लिये पूरी तरह फिट रहें. अगर पिच बल्लेबाजी के लिये अनुकूल होती है तो इसका फायदा डेविड वॉर्नर को भी मिलेगा जो अपनी नैसर्गिक आक्रामकता दिखा सकते हैं. (भाषा से भी इनपुट)

दोनों टीमें इस प्रकार हैं...
 भारत :  केएल राहुल, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, रिद्धिमान साहा, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, जयंत यादव, उमेश यादव, ईशांत शर्मा, अभिनव मुकुंद, करुण नायर, भुवनेश्वर कुमार, हार्दिक पंड्या और कुलदीप यादव.

ऑस्ट्रेलिया : मैट रेनशॉ, डेविड वॉर्नर, शॉन मार्श, स्टीव स्मिथ (कप्तान), पीटर हैंड्सकाम्ब, मिशेल मार्श, मैथ्यू वेड, मिचेल स्टार्क, नाथन लियोन, जोश हेजलवुड, स्टीव ओकीफी, ग्लेन मैक्सवेल, मिशेल स्वेपसन, उस्मान ख्वाजा, जैकसन बर्ड और एस्टन एगर.

 मैच सुबह नौ बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा.

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