टीम इंडिया ने इंदौर के होलकर स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए वनडे मुकाबले में 22 रन से जीत दर्ज करके 5 वनडे मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है। इस तरह से होलकर स्टेडियम में टीम इंडिया की जीत का रिकॉर्ड भी 100 फीसदी बरकरार रहा।
भारत की इस जीत में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की 92 रनों की बेहतरीन पारी और गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन का योगदान रहा। धोनी अपनी लाजवाब पारी के लिए मैन ऑफ द मैच भी चुने गए।
दक्षिण अफ्रीका की ओर से डु प्लेसी ने सबसे ज्यादा 51 रन की पारी खेली और भारत की तरफ से भुवनेश्वर कुमार व अक्षर पटेल ने 3-3 विकेट हासिल किए, जबकि हरभजन सिंह ने 2, मोहित शर्मा और उमेश यादव ने 1-1 विकेट हासिल किए।
248 रनों का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम के 225 रन पर ढेर हो गई। अफ्रीकी टीम का अंतिम विकेट मोर्ने मोर्केल के रूप में गिरा। मोर्केल ने 4 रन बनाए और उन्हें भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर सुरेश रैना ने कैच लपका। 9वें विकेट के रूप में इमरान ताहिर आउट हुए और उन्होंने 9 रन बनाए। ताहिर को भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर धोनी ने कैच किया। अफ्रीकी टीम ने बहरदीन के रूप में अपना 8वां विकेट गंवाया। बहरदीन ने 18 रन बनाए और उन्हें हरभजन सिंह ने धोनी के हाथों कैच कराया।
डेल स्टेन के रूप में अफ्रीकी टीम ने अपना सातवां विकेट गंवाया। स्टेन ने 13 रन बनाए और उमेश यादव की गेंद पर कोहली ने शानदार कैच लपकर कर उन्हें चलता कर दिया।
अफ्रीकी टीम को छठा और संभवत: सबसे जबरदस्त झटका कप्तान एबी डिविलियर्स के रूप में लगा। डिविलियर्स ने 19 रन बनाए और उन्हें मोहित शर्मा की गेंद पर विराट कोहली ने जबरदस्त कैच लपककर पैवेलियन की राह दिखाई।
अफ्रीकी टीम को पांचवां झटका मिलर के रूप में लगा। किलर मिलर नाम से मशहूर यह खिलाड़ी खाता भी नहीं खोल पाया और भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर कप्तान धोनी ने उनका कैच लपका।
141 रन के स्कोर पर दक्षिण अफ्रीका को चौथा झटका डु प्लेसी के रूप में लगा। डु प्लेसी ने 51 रन की पारी खेली और उन्हें अक्षर पटेल ने विराट कोहली के हाथों कैच कराकर अपना तीसरा शिकार बनाया। 134 के कुल स्कोर पर जेपी डुमिनी के रूप में तीसरा विकेट गिरा। डुमिनी ने 36 रन बनाए और उन्हें अक्षर पटेल ने एलबीडब्ल्यू आउट किया। इससे पहले अफ्रीकी टीम ने 25 ओवर में 139/3 और 20 ओवर में 2 विकेट खोकर 100 रन का आंकड़ा पार किया था।
15 ओवर के बाद दक्षिण अफ्रीका ने 73/2 रन बना लिए, जबकि भारत का स्कोर इस समय 68/2 था।
52 के कुल स्कोर पर दक्षिण अफ्रीका को दूसरा झटका लगा। ओपनिंग बल्लेबाज क्विंटन डि कॉक 34 रन बनाकर हरभजन का शिकार बने, जिन्होंने उन्हें मोहित शर्मा के हाथों कैच आउट कराया। 10 ओवर के बाद दक्षिण अफ्रीका का स्कोर 52/2 था, जबकि भारत ने 10 ओवर में 44/1 का स्कोर बनाया था।
इससे पहले अक्षर पटेल ने 40 के कुल स्कोर पर खतरनाक हाशिम अमला को 17 के निजी स्कोर पर धोनी के हाथों स्टंप करवाकर भारत को पहली सफलता दिलाई। इससे पहले टीम इंडिया से मिले 248 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी द. अफ्रीकी टीम ने तेज शुरुआत की और पहले पांच ओवर में 32 रन बना लिए थे, जबकि 5 ओवर के बाद भारत का स्कोर 20/1 था।
पहले पांच ओवर में ही भारत के पास क्विंटन डि कॉक को पवेलियन भेजने का मौका था, लेकिन रोहित शर्मा ने उनका कैच छोड़ दिया। तेजी से बनते रनों पर अंकुश लगाने के लिए छठे ही ओवर में एक छोर से हरभजन और सातवें ओवर में दूसरे छोर से अक्षर पटेल को गेंदबाजी पर लगा दिया। धोनी की यह रणनीति सफल हुई और जल्दी ही दक्षिण अफ्रीका के दोनों ओपनर पैवेलियन लौट गए।
धोनी ने कप्तानी पारी से टीम इंडिया को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया
इससे पहले चालू सीरीज का दूसरा वन-डे मैच खेलने उतरी भारतीय टीम एक वक्त गहरी मुसीबत में फंस गई थी। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी पारी खेलकर टीम इंडिया को मुसीबत से उबार दिया। धोनी की कप्तानी और बल्लेबाजी पर उठ रहे सवालों के बीच माही ने चौक्के और छक्के जड़कर 92 रन बनाए और अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया। उन्होंने टीम का स्कोर 247/9 तक पहुंचा दिया।
एक समय 165 के स्कोर पर 7 विकेट गिरने के बाद टर्बनेटर हरभजन सिंह ने कप्तान धोनी का बखूबी साथ दिया, लेकिन वे भी अपनी पारी को 22 रन से आगे नहीं बढ़ा पाए। इस पारी में भज्जी ने 1 छक्का और 2 चौक्के जड़े। हरभजन को डेल स्टेन ने विकेटकीपर के हाथों कैच आउट कराया।
इससे पहले टीम इंडिया को भुवनेश्वर कुमार के रूप में सातवां झटका लगा भुवनेश्वर ने 14 रन बनाए और उन्हें इमरान ताहिर ने बोल्ड किया। इससे पहले छठे विकेट के रूप में अक्षर पटेल ने 13 रन बनाए थे और उन्हें डेल स्टेन ने एलबीडब्ल्यू आउट करके पवेलियन लौटाया।
सुरेश रैना खाता भी नहीं खोल पाए, उन्हें मोर्ने मोर्केल ने विकेटकीपर डी-कॉक के हाथों कैच आउट कराया। रोहित शर्मा के जल्दी आउट होने के बाद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे अजिंक्य रहाणे ने 51 रन का योगदान दिया और उन्हें इमरान ताहिर ने बोल्ड आउट कर दिया। रहाणें ने 60 गेंदों पर अपना 12वां अर्धशतक पूरा किया था। यह द. अफ्रीका के खिलाफ उनका तीसरा अर्धशतक था।
उल्लेखनीय है कि इस सीरिज में रहाणे को टीम में शामिल करने को लेकर खासी बहस होती रही है। कप्तान धोनी ने पहले वन-डे की पूर्व संध्या पर कहा था कि उनकी टीम में जगह नहीं बनती, लेकिन बाद में उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया।
17वें ओवर की पांचवीं गेंद पर भारत को तीसरा झटका लगा था। विराट कोहली 12 रन बनाकर रन आउट हो गए। इससे पहले शिखर धवन 23 रन बनाकर मोर्ने मोर्कल की गेंद पर डुमिनी के हाथों कैच हुए। रोहित शर्मा तीन रन बनाकर राबाडा की गेंद पर बोल्ड हो गए थे।
इससे पूर्व भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी थी। टीम इंडिया में अमित मिश्रा और स्टुअर्ट बिन्नी को बाहर किया गया है और मोहित शर्मा व अक्षर पटेल को मौका दिया गया। वहीं चोटिल अश्विन की जगह हरभजन सिंह को शामिल किया गया। पांच मैचों की सीरीज में भारतीय टीम कानपुर एकदिवसीय हारकर 0-1 से पीछे चल रही थी।
भारतीय टीम अभी तक नहीं चख पाई थी जीत का स्वाद
भारत दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाफ भारतीय टीम इंदौर से पहले जीत का स्वाद नहीं चख पाई थी। एकदिवसीय सीरीज से पहले हुए तीन मैचों की टी-20 सीरीज दक्षिण अफ्रीका 2-0 से जीतने में सफल रहा था और तीसरा मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था। पहला वनडे भी टीम इंडिया हार गई थी।
धोनी की आलोचना
कानपुर एकदिवसीय गंवाने के बाद कप्तान धोनी की चारों ओर से आलोचनाएं हो रही हैं। वास्तव में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर्स का तमगा हासिल कर चुके धोनी के क्रीज पर रहते भारतीय टीम आखिरी ओवर में 11 रन नहीं बना सकी, इसे धोनी के प्रशंसक समझ नहीं पा रहे थे।
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