यह ख़बर 04 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

टी-20 : भारत को बल्लेबाजों का ढीला रवैया महंगा पड़ा

खास बातें

  • भारत के आईसीसी विश्वकप ट्वेंटी- 20 के सुपर आठ से बाहर होने के लिए बल्लेबाजों का अपेक्षित तेजी से रन नहीं बना पाना भी प्रमुख कारण रहा।
नई दिल्ली:

भारत के आईसीसी विश्वकप ट्वेंटी- 20 के सुपर आठ से बाहर होने के लिए बल्लेबाजों का अपेक्षित तेजी से रन नहीं बना पाना भी प्रमुख कारण रहा। इस वजह से अधिकतर बल्लेबाजों के स्ट्राइक रेट में गिरावट आई है।

भारत ने सुपर आठ में अपने ग्रुप में शामिल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के समान चार अंक बनाए थे, लेकिन नेट रन रेट में वह पिछड़ गया। बल्लेबाजों ने यदि अपने पिछले रिकॉर्ड के अनुरूप भी स्ट्राइक रेट बनाए रखा होता तो संभवत: भारत नेट रन रेट में नहीं पिछड़ता।

वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, विराट कोहली, सुरेश रैना, युवराज सिंह और इरफान पठान उन बल्लेबाजों में शामिल रहे, जिनका स्ट्राइक रेट अपने ओवरऑल स्ट्राइक रेट से कम रहा। भारत का पांच मैचों में से किसी में भी विशाल स्कोर खड़ा नहीं कर पाने का यह मुख्य कारण रहा। महेंद्र सिंह धोनी और आश्चर्यजनक रूप से रोहित शर्मा ने अपने स्ट्राइक रेट में मामूली सुधार किया।
भारतीय टीम पांच मैचों में केवल एक बार 160 की रनसंख्या पार कर पाई। उसने इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट पर 170 रन बनाए थे। केवल पाकिस्तान के खिलाफ टीम ने लक्ष्य का पीछा किया और उसने 17 ओवर में 129 रन बनाकर जीत दर्ज की थी।

कोहली ने भले ही भारत की तरफ से दो अर्धशतक जमाए और सर्वाधिक 185 रन बनाए, लेकिन वह केवल 122 . 51 की स्ट्राइक रेट से ही रन बना पाए। इससे कोहली के ओवरऑल स्ट्राइक रेट में लगभग पांच अंक की कमी आई। टूर्नामेंट से पहले जहां उनका स्ट्राइक रेट 134.29 था वह अब 129.32 रह गया है। ट्वेंटी-20 में बल्लेबाज के कौशल का आकलन स्ट्राइक रेट से भी किया जाता है।

सहवाग और गंभीर ने हर तरह से निराश किया। सहवाग को अपने विस्फोटक तेवरों के लिए जाना जाता है, लेकिन श्रीलंका में वह नाकाम रहे। सहवाग ने 112.50 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए जो उनके ओवरऑल स्ट्राइक रेट से काफी कम है। सहवाग ने 152.46 के स्ट्राइक रेट के साथ टूर्नामेंट में कदम रखा था, जो अब घटकर 145.38 रह गया है। गंभीर ने 111 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जो उनके ओवरऑल स्ट्राइक रेट 121.36 से कम है। युवराज, सहवाग, गंभीर और इरफान पठान ऐसे बल्लेबाज भी रहे, जिनके औसत में भी गिरावट आई है।

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रैना के औसत में थोड़ा इजाफा हुआ, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट भी गिरा है। रैना 126.43 की स्ट्राइक से रन बनाए, जिससे उनका स्ट्राइक रेट गिरकर 136.17 पर पहुंच गया। पठान के स्ट्राइक रेट में छह अंक की कमी आई है। टूर्नामेंट में लगभग 102 की स्ट्राइक रेट से रन बनाने वाले पठान ने दो मैच में बल्लेबाजी की। धोनी ने 127.45 की स्ट्राइक से रन बनाए, जो उनके ओवरऑल स्ट्राइक रेट से अधिक है। टूर्नामेंट से पहले उनका स्ट्राइक रेट 109.51 था, जो अब 111.07 हो गया है। रोहित के स्ट्राइक रेट (126.96 से बढ़कर 127.48) में मामूली बढ़ोतरी हुई है। गेंदबाजी में युवराज, हरभजन सिंह, आर अश्विन और लक्ष्मीपति बालाजी ने अपने ओवरऑल औसत में सुधार किया, लेकिन पठान और जहीर खान इसमें भी नुकसान में रहे।