
भारतीय और पाकिस्तानी फैन्स (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चाहते हैं कि तनावों के बावजूद भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट रिश्ते बहाल हों, लेकिन उन्हें बस एक ही बात की सबसे बड़ी चिंता है। दरअसल पाक पीएम शरीफ शिवसेना की ओर से दी जा रही धमकियों से डर रहे हैं।
'द नेशन' ने शरीफ के एक निकट सहयोगी के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शरीफ क्रिकेट के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। दोनों देशों के बीच सीरीज के खिलाफ मत देने का फैसला उनके दिमाग में आ ही नहीं सकता। गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान ने अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देकर भारत में द्विपक्षीय सीरीज की संभावना को खारिज कर दिया था।
शिवसेना की धमकियों का डर
शरीफ के सहयोगी ने कहा, "पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारत के साथ सीरीज के लिए सरकारी अनुमति लेने के लिए इसलिए कहना पड़ा, क्योंकि भारत से सकारात्मक संकेत नहीं मिल रहे हैं। शिवसेना नफरत फैला रही है और शरीफ खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।"
हाल की घटनाओं ने सोचने पर किया मजबूर
उन्होंने कहा, ‘शरीफ क्रिकेट प्रशंसक हैं और भारत तथा पाकिस्तान के बीच लुभावनी सीरीज को वीटो करना उनका पसंदीदा फैसला कभी नहीं हो सकता।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हाल में हुई घटनाएं शीर्ष पर बैठे किसी भी व्यक्ति को प्रतिकूल माहौल में अपने लोगों को भेजने के लिए दोबारा सोचने पर मजबूर करेंगी।
पाकिस्तान के अंपायर को लौटना पड़ा वापस
भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज के दौरान मुंबई में हुए अंतिम वनडे से पहले पाक अंपायर अलीम डार को शिवसेना की धमकियों के चलते आईसीसी ने वापस भेज दिया था।
'क्रिकेट को खेल की तरह लिया जाए, जंग की तरह नहीं'
उन्होंने कहा कि सीमा के दोनों तरफ मौजूद लाखों प्रशंसकों की तरह शरीफ भी भारत-पाकिस्तान क्रिकेट के बड़े पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि शरीफ भारत से रिश्तों में ऐसी बेहतरी चाहते हैं, जिसमें क्रिकेट को खेल की तरह लिया जाए, जंग की तरह नहीं।
'शिवसेना के चरमपंथ को सरकार दे रही संरक्षण'
लेकिन, पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार खान भारत के साथ खेलने के सख्त खिलाफ हैं। खान ने मंगलवार को कहा कि वह पाकिस्तान के भारत दौरे का विरोध करेंगे, क्योंकि भारत सरकार शिवसेना के चरमपंथ को संरक्षण दे रही है।
वहीं प्रधानमंत्री के सहयोगी ने कहा, "सही है कि राजनैतिक तनाव है, लेकिन हमने ऐसा कभी चाहा नहीं था। खेल को खेल की तरह लेना चाहिए। हमें उम्मीद है कि हम इस मुद्दे को सुलझा लेंगे।"
मुंबई हमले के बाद नहीं हुई पूर्ण सीरीज
मुंबई में 2008 के आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई पूर्ण क्रिकेट सीरीज नहीं हुई है। भारत का कहना है कि यह हमला पाकिस्तानी आतंकवादियों ने किया था। मामले की संवेदनशीलता की वजह से हर सीरीज के पहले सरकार से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने की जरूरत पड़ती है। हालांकि, पाकिस्तान ने दिसंबर 2012 में सीमित ओवरों की छोटी सीरीज के लिए भारत का दौरा किया था।
होम सीरीज के फैसले का हक पाक को
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष नजम सेठी ने पाकिस्तान की टीम के भारत जाकर खेलने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की होम सीरीज है और भारतीय बोर्ड को उस समझौते का आदर करना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान तय करेगा कि उसकी होम सीरीज कहां होगी।
'द नेशन' ने शरीफ के एक निकट सहयोगी के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शरीफ क्रिकेट के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। दोनों देशों के बीच सीरीज के खिलाफ मत देने का फैसला उनके दिमाग में आ ही नहीं सकता। गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान ने अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा का हवाला देकर भारत में द्विपक्षीय सीरीज की संभावना को खारिज कर दिया था।
शिवसेना की धमकियों का डर
शरीफ के सहयोगी ने कहा, "पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भारत के साथ सीरीज के लिए सरकारी अनुमति लेने के लिए इसलिए कहना पड़ा, क्योंकि भारत से सकारात्मक संकेत नहीं मिल रहे हैं। शिवसेना नफरत फैला रही है और शरीफ खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।"
हाल की घटनाओं ने सोचने पर किया मजबूर
उन्होंने कहा, ‘शरीफ क्रिकेट प्रशंसक हैं और भारत तथा पाकिस्तान के बीच लुभावनी सीरीज को वीटो करना उनका पसंदीदा फैसला कभी नहीं हो सकता।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत में हाल में हुई घटनाएं शीर्ष पर बैठे किसी भी व्यक्ति को प्रतिकूल माहौल में अपने लोगों को भेजने के लिए दोबारा सोचने पर मजबूर करेंगी।
पाकिस्तान के अंपायर को लौटना पड़ा वापस
भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज के दौरान मुंबई में हुए अंतिम वनडे से पहले पाक अंपायर अलीम डार को शिवसेना की धमकियों के चलते आईसीसी ने वापस भेज दिया था।
'क्रिकेट को खेल की तरह लिया जाए, जंग की तरह नहीं'
उन्होंने कहा कि सीमा के दोनों तरफ मौजूद लाखों प्रशंसकों की तरह शरीफ भी भारत-पाकिस्तान क्रिकेट के बड़े पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि शरीफ भारत से रिश्तों में ऐसी बेहतरी चाहते हैं, जिसमें क्रिकेट को खेल की तरह लिया जाए, जंग की तरह नहीं।
'शिवसेना के चरमपंथ को सरकार दे रही संरक्षण'
लेकिन, पाकिस्तान के गृह मंत्री चौधरी निसार खान भारत के साथ खेलने के सख्त खिलाफ हैं। खान ने मंगलवार को कहा कि वह पाकिस्तान के भारत दौरे का विरोध करेंगे, क्योंकि भारत सरकार शिवसेना के चरमपंथ को संरक्षण दे रही है।
वहीं प्रधानमंत्री के सहयोगी ने कहा, "सही है कि राजनैतिक तनाव है, लेकिन हमने ऐसा कभी चाहा नहीं था। खेल को खेल की तरह लेना चाहिए। हमें उम्मीद है कि हम इस मुद्दे को सुलझा लेंगे।"
मुंबई हमले के बाद नहीं हुई पूर्ण सीरीज
मुंबई में 2008 के आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई पूर्ण क्रिकेट सीरीज नहीं हुई है। भारत का कहना है कि यह हमला पाकिस्तानी आतंकवादियों ने किया था। मामले की संवेदनशीलता की वजह से हर सीरीज के पहले सरकार से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने की जरूरत पड़ती है। हालांकि, पाकिस्तान ने दिसंबर 2012 में सीमित ओवरों की छोटी सीरीज के लिए भारत का दौरा किया था।
होम सीरीज के फैसले का हक पाक को
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष नजम सेठी ने पाकिस्तान की टीम के भारत जाकर खेलने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की होम सीरीज है और भारतीय बोर्ड को उस समझौते का आदर करना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान तय करेगा कि उसकी होम सीरीज कहां होगी।
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