
India-Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. बीते 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की है. इन घटनाओं ने दोनों देशों के बीच पहले से ही नाजुक संबंधों को और ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया है. ऐसे में हर देशवासी का सतर्क रहना बेहद जरूरी है. आइए जानते हैं इस गंभीर माहौल में किन बातों का ध्यान रखें, क्या करें और किन गलतियों को करने से बचें.
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इन बातों का रखें खास ख्याल (safety tips for citizens)
सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचेंये समय बेहद नाजुक है. ऐसे में सोशल मीडिया पर फैल रही अपुष्ट खबरों, वीडियो या उकसाने वाले संदेशों को शेयर करने से बचें. इससे अलग केवल आधिकारिक स्रोतों से प्राप्त जानकारी को ही साझा करें. किसी भी बात या घटना का पता लगाने के लिए सरकार या प्रतिष्ठित समाचार एजेंसियों से ही जानकारी लें. सेना की मूवमेंट या किसी भी सुरक्षात्मक प्लान की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर न करें. वहीं, अगर कोई गलत जानकारी फैलाता है, तो उसे शांतिपूर्वक ऐसा न करने की सलाह दें और सही जानकारी दें.
देशभक्ति दिखाएं लेकिन शांति बनाए रखें. इस समय देश के प्रति प्यार, सम्मान और सपोर्ट दिखाना जरूरी है लेकिन अपने शब्दों पर ध्यान दें. इस बात का खास ख्याल रखें कि आपके शब्दों से किसी समुदाय या व्यक्ति की भावनाएं आहत न हों.
जरूरी चीजें तैयार रखेंअगर भविष्य में युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो इसके लिए पहले से ही तैयारी करना बेहद जरूरी हो जाता है. परिवार के साथ मिलकर एक इमरजेंसी प्लान तैयार रखें. घर में कम से कम दो फर्स्ट एड किट, टॉर्च, बैटरी, पावर बैंक, मोमबत्ती, पानी और कुछ दिनों को खाना (जैसे ड्राई-फ्रूट्स, जूस, फल आदि) तैयार रखें.
बच्चों से खुलकर बात करेंबच्चों को उनकी उम्र के अनुसार स्थिति की जानकारी दें, साथ ही उन्हें समझाएं कि किसी भी इमरजेंसी में क्या करना है या किसे संपर्क करना है. बच्चों को कम से कम 2 इमरजेंसी नंबर याद कराएं.
अगर बच्चा बहुत अधिक घबरा रहा है, तो उसे बिजी रखने की कोशिश करें. म्यूजिक, कहानी सुनाना जैसी गतिविधियों से उनका ध्यान बंटाएं.
मोबाइल का सही इस्तेमाल करेंसबसे पहले अपने मोबाइल को चार्ज रखें. फोन पर हमेशा सरकारी वेबसाइट और अलर्ट के नोटिफिकेशन को ऑन रखें. आपातकाल में मोबाइल नेटवर्क पर दबाव बढ़ जाता है. इसलिए जरूरत पड़ने पर ही डेटा का इस्तेमाल करें ताकि इमरजेंसी सेवाओं को बाधा न हो. छोटे बच्चों को मोबाइल न दें.
मानसिक तनाव से निपटेंटेंशन के माहौल में भी दिमाग को शांत रखना जरूरी है. समाचारों से पूरी तरह दूर न हों, लेकिन बहुत ज्यादा नकारात्मक खबरों से बचें. अपनों से अपनी भावनाओं को शेयर करें और दूसरों की सुनें. इन सब से अलग योग, ध्यान और हल्की कसरत भी जरूर करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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