विराट कोहली को पहले दिन 56 रन पर जीवनदान भी मिला था (फाइल फोटो)
विशाखापटनम:
टीम इंडिया ने विशाखापटनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीसीए क्रिकेट स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन शुक्रवार को अपनी पकड़ काफी मजबूत कर ली. इंग्लैंड की आधे से अधिक टीम पैवलियन लौट गई है, जबकि अभी वह 352 रन पीछे है. राजकोट में पहला टेस्ट ड्रॉ हो जाने के बाद टीम इंडिया को कुछ ऐसी ही शुरुआत की जरूरत थी. टीम इंडिया की ओर से पहली पारी में बनाए गए 455 रन के जवाब में इंग्लैंड ने दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में 5 विकेट पर 103 रन बना लिए. जॉनी बेयरस्टॉ (12) और बेन स्टोक्स (12) नाबाद लौटे. टीम इंडिया की ओर से आर अश्विन ने 2 विकेट, तो मोहम्मद शमी और जयंत यादव ने एक-एक विकेट चटकाया. जयंत यादव ने अपना पहला टेस्ट विकेट डीआरएस के माध्यम से हासिल किया. उन्होंने मोईन अली को पगबाधा आउट करके पैवेलियन भेजा.
टीम इंडिया को पहली सफलता तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने दिलाई और कप्तान एलिस्टर कुक (2) को बोल्ड कर दिया, जबकि हसीब हमीद को जयंत यादव के वाइड थ्रो पर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने शानदार तरीके से रनआउट किया. हमीद ने 13 रन बनाए और जो रूट के साथ 47 रन की साझेदारी की. रूट का साथ देने आए बेन डकेट अधिक देर नहीं टिक पाए और 5 रन के निजी स्कोर पर अश्विन की गेंद पर बोल्ड हो गए. इंग्लैंड ने 72 रन पर ही 3 विकेट खो दिए. स्कोर में 7 रन और जुड़े थे कि अश्विन ने जो रूट को उमेश यादव के हाथों कैच करा दिया. रूट ने 53 रनों की बेहतरीन पारी खेली. 80 रन पर इंग्लैंड ने पांचवां विकेट खो दिया. जयंत यादव ने राजकोट के शतकवीर मोईन अली को एक रन पर लौटाया.
चायकाल से पहले : टीम इंडिया 455 पर आउट, इंग्लिश कप्तान लौटे
टीम इंडिया की ओर से विराट कोहली ने 267 गेंदों में 167 रन बनाए, लेकिन अपना तीसरा दोहरा शतक नहीं बना पाए. उन्होंने पारी में 18 चौके लगाए. उनके अलावा अश्विन ने 58, तो जयंत यादव ने 35 रनों की पारी खेली है, जबकि पहले दिन चेतेश्वर पुजारा ने 119 रन बनाए थे. इंग्लैंड की ओर से तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन, मोईन अली ने 3-3 विकेट, जबकि स्टुअर्ट ब्रॉड, बेन स्टोक्स और आदिल राशिद ने एक-एक विकेट चटकाया. चायकाल के समय तक इंग्लैंड ने एक विकेट पर 34 रन बना लिए थे.
लंच के बाद आर अश्विन और जयंत यादव ने टीम इंडिया के स्कोर को 7 विकेट पर 415 रन से आगे बढ़ाया. दोनों ने 12 रन और जोड़े थे कि जमकर खेल रहे अश्विन बेन स्टोक्स की गेंद पर चकमा खा गए और विकेटकीपर के हाथों में कैच दे बैठे, अश्विन ने 95 गेंदों में 58 रन बनाए और जयंत के साथ 64 रनों की अहम साझेदारी करके टीम के स्कोर को 400 के पार पहुंचाया. इसके बाद अच्छी बल्लेबाजी कर रहे जयंत (35) भी एकाग्रता खो बैठे और बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में आदिल राशिद की गेंद पर कैच हो गए. टीम इंडिया का अंतिम विकेट 455 रन पर उमेश यादव के रूप में गिरा, जो आदिल राशिद की गेंद पर कैच हुए. (विराट कोहली ने खोया आपा, चेतेश्वर पुजारा पर मैदान में ही चिल्ला पड़े)
लंच से पहले : अश्विन का कैच छूटा, अगली गेंद पर कोहली हो गए आउट
जहां पहले दिन विराट कोहली को 56 के निजी स्कोर पर जीवनदान मिला था, वहीं दूसरे दिन आर अश्विन को टीम इंडिया के 101वें में मोईन अली की दूसरी गेंद पर जीवनदान मिला, जब स्लिप पर खड़े बेन स्टोक्स ने उनका कैच टपका दिया, लेकिन अगली ही गेंद विराट कोहली भी गलती कर बैठे और उन्होंने अली की ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद पर शॉट खेल बैठे और गेंद एक बार फिर स्टोक्स की ओर गई, लेकिन उन्होंने इस बार गलती नहीं की. कोहली ने 267 गेंदों में 14 चौके की मदद से 167 रन ठोके, लेकिन अपने तीसरे दोहरे शतक से काफी पहले आउट हो गए. कोहली-अश्विन के बीच 35 रन की साझेदारी हुई. 351 रन पर कोहली के आउट होने के बाद विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा भी जल्दी ही लौट गए. उन्हें 363 के स्कोर पर मोईन अली ने पगबाधा आउट किया. साहा ने रिव्यू भी लिया, लेकिन गेंद विकेट को हिट करती दिखी और अंपायर ने आउट दे दिया. इसके बाद आए रवींद्र जडेजा भी खाता खोले बिना ही अली के इसी ओवर में पगबाधा आउट हो गए. जडेजा के आउट होने के बाद अश्विन का साथ देने आए पहला मैच खेल रहे जयंत यादव ने भरपूर साथ दिया और उनके साथ लंच तक 52 रन जोड़ दिए. लंच तक टीम इंडिया का स्कोर 7 विकेट पर 415 रन रहा और अश्विन (47), तो जयंत 26 रन पर नाबाद लौटे.
विराट के 5 मैच, 5 फिफ्टी
विजाग को विराट कोहली का पसंदीदा मैदान कहना गलत नहीं होगा. 50वां टेस्ट मैच खेल रहे कोहली ने पहले दिन शानदार बल्लेबाजी की और राजकोट में हिटविकेट होने की निराशा को पीछे छोड़ते हुए 14वां टेस्ट शतक लगा दिया. कोहली ने यहां सभी प्रारूपों को मिलाकर 5 मैच खेल लिए हैं और सभी में फिफ्टी लगाने में कामयाब रहे हैं. पहले दिन का खेल खत्म होने तक कोहली (151) और आर अश्विन नाबाद लौटे.
पहले दिन का खेल : 2 विकेट जल्दी गिरे, फिर जमकर बोला पुजारा-कोहली का बल्ला
दूसरे टेस्ट के पहले दिन के खेल का मुख्य आकर्षण विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी रही. खासतौर से पुजारा ने जिस तरह से विकेट के चारों ओर शॉट लगाए, वह दर्शनीय रहा. इतना ही नहीं उन्होंने स्वभाव के विपरीत दो छक्के भी जड़े और हां उन्होंने अपना शतक दूसरे छक्के से ही पूरा किया. हालांकि टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया के लिए शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 6 के स्कोर पर ही गौतम गंभीर की जगह चोट के बाद वापसी कर रहे लोकेश राहुल का विकेट गंवा दिया. उसे दूसरा झटका भी जल्दी ही लग गया, जब राजकोट के शतकवीर ओपनर मुरली विजय भी टेस्ट में 3000 रन पूरे करने के बाद 20 के निजी स्कोर पर जेम्स अंडरसन का शिकार हो गए. ऐसे में चेतेश्वर पुजारा का साथ देने आए कप्तान विराट कोहली ने मोर्चा संभाला और दूसरे विकेट के लिए 226 रन की रिकॉर्डतोड़ साझेदारी की. हालांकि कोहली को 56 के निजी स्कोर पर जीवनदान भी मिला.
पुजारा ने 204 गेंदों में 119 रन बनाए. यह उनके करियर का 10वां शतक रहा और उन्होंने करियर में 3000 रन भी पूरे कर लिए. इंग्लैंड के लिहाज से बात करें तो उसके लिए तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की वापसी ही अच्छी खबर रही. चोट से वापसी करने के बाद पहला मैच खेल रहे एंडरसन ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से प्रभावित किया. पहले दिन गिरे चार विकेटों में से तीन उनके नाम रहे. इसमें आखिरी सत्र के अंतिम क्षणों में अजिंक्य रहाणे का विकेट शामिल है. एक अन्य विकेट तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के नाम रहा. इंग्लैंड के स्पिनरों की तिकड़ी, मददगार माने जा रहे विशाखापटनम के विकेट पर भारतीय बल्लेबाजों पर कोई खास असर नहीं डाल सकी.
14 साल बाद तीसरी शतकीय साझेदारी
विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 के बाद से भारत की तरफ से तीसरे विकेट के लिए पहली शतकीय साझेदारी की. इससे पहले सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने तीसरे विकेट के लिए इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में 150 रनों की साझेदारी की थी.
पुजारा के 3000 रन
चेतेश्वर पुजारा ने विजाग में टेस्ट क्रिकेट में अपने 3000 रन पूरे कर लिए. उन्होंने यह उपलब्धि 67वीं पारी में हासिल की. इस तक सबसे तेजी से पहुंचने वाले भारतीयों में वह सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के साथ पांचवें बल्लेबाज बन गए हैं. वीरेंद्र सहवाग ने 55 पारियों में ही 3000 रन पूरे कर लिए थे.
टीम इंडिया को पहली सफलता तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने दिलाई और कप्तान एलिस्टर कुक (2) को बोल्ड कर दिया, जबकि हसीब हमीद को जयंत यादव के वाइड थ्रो पर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने शानदार तरीके से रनआउट किया. हमीद ने 13 रन बनाए और जो रूट के साथ 47 रन की साझेदारी की. रूट का साथ देने आए बेन डकेट अधिक देर नहीं टिक पाए और 5 रन के निजी स्कोर पर अश्विन की गेंद पर बोल्ड हो गए. इंग्लैंड ने 72 रन पर ही 3 विकेट खो दिए. स्कोर में 7 रन और जुड़े थे कि अश्विन ने जो रूट को उमेश यादव के हाथों कैच करा दिया. रूट ने 53 रनों की बेहतरीन पारी खेली. 80 रन पर इंग्लैंड ने पांचवां विकेट खो दिया. जयंत यादव ने राजकोट के शतकवीर मोईन अली को एक रन पर लौटाया.
चायकाल से पहले : टीम इंडिया 455 पर आउट, इंग्लिश कप्तान लौटे
टीम इंडिया की ओर से विराट कोहली ने 267 गेंदों में 167 रन बनाए, लेकिन अपना तीसरा दोहरा शतक नहीं बना पाए. उन्होंने पारी में 18 चौके लगाए. उनके अलावा अश्विन ने 58, तो जयंत यादव ने 35 रनों की पारी खेली है, जबकि पहले दिन चेतेश्वर पुजारा ने 119 रन बनाए थे. इंग्लैंड की ओर से तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन, मोईन अली ने 3-3 विकेट, जबकि स्टुअर्ट ब्रॉड, बेन स्टोक्स और आदिल राशिद ने एक-एक विकेट चटकाया. चायकाल के समय तक इंग्लैंड ने एक विकेट पर 34 रन बना लिए थे.
लंच के बाद आर अश्विन और जयंत यादव ने टीम इंडिया के स्कोर को 7 विकेट पर 415 रन से आगे बढ़ाया. दोनों ने 12 रन और जोड़े थे कि जमकर खेल रहे अश्विन बेन स्टोक्स की गेंद पर चकमा खा गए और विकेटकीपर के हाथों में कैच दे बैठे, अश्विन ने 95 गेंदों में 58 रन बनाए और जयंत के साथ 64 रनों की अहम साझेदारी करके टीम के स्कोर को 400 के पार पहुंचाया. इसके बाद अच्छी बल्लेबाजी कर रहे जयंत (35) भी एकाग्रता खो बैठे और बड़ा शॉट लगाने के चक्कर में आदिल राशिद की गेंद पर कैच हो गए. टीम इंडिया का अंतिम विकेट 455 रन पर उमेश यादव के रूप में गिरा, जो आदिल राशिद की गेंद पर कैच हुए. (विराट कोहली ने खोया आपा, चेतेश्वर पुजारा पर मैदान में ही चिल्ला पड़े)
लंच से पहले : अश्विन का कैच छूटा, अगली गेंद पर कोहली हो गए आउट
जहां पहले दिन विराट कोहली को 56 के निजी स्कोर पर जीवनदान मिला था, वहीं दूसरे दिन आर अश्विन को टीम इंडिया के 101वें में मोईन अली की दूसरी गेंद पर जीवनदान मिला, जब स्लिप पर खड़े बेन स्टोक्स ने उनका कैच टपका दिया, लेकिन अगली ही गेंद विराट कोहली भी गलती कर बैठे और उन्होंने अली की ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंद पर शॉट खेल बैठे और गेंद एक बार फिर स्टोक्स की ओर गई, लेकिन उन्होंने इस बार गलती नहीं की. कोहली ने 267 गेंदों में 14 चौके की मदद से 167 रन ठोके, लेकिन अपने तीसरे दोहरे शतक से काफी पहले आउट हो गए. कोहली-अश्विन के बीच 35 रन की साझेदारी हुई. 351 रन पर कोहली के आउट होने के बाद विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा भी जल्दी ही लौट गए. उन्हें 363 के स्कोर पर मोईन अली ने पगबाधा आउट किया. साहा ने रिव्यू भी लिया, लेकिन गेंद विकेट को हिट करती दिखी और अंपायर ने आउट दे दिया. इसके बाद आए रवींद्र जडेजा भी खाता खोले बिना ही अली के इसी ओवर में पगबाधा आउट हो गए. जडेजा के आउट होने के बाद अश्विन का साथ देने आए पहला मैच खेल रहे जयंत यादव ने भरपूर साथ दिया और उनके साथ लंच तक 52 रन जोड़ दिए. लंच तक टीम इंडिया का स्कोर 7 विकेट पर 415 रन रहा और अश्विन (47), तो जयंत 26 रन पर नाबाद लौटे.
विराट के 5 मैच, 5 फिफ्टी
विजाग को विराट कोहली का पसंदीदा मैदान कहना गलत नहीं होगा. 50वां टेस्ट मैच खेल रहे कोहली ने पहले दिन शानदार बल्लेबाजी की और राजकोट में हिटविकेट होने की निराशा को पीछे छोड़ते हुए 14वां टेस्ट शतक लगा दिया. कोहली ने यहां सभी प्रारूपों को मिलाकर 5 मैच खेल लिए हैं और सभी में फिफ्टी लगाने में कामयाब रहे हैं. पहले दिन का खेल खत्म होने तक कोहली (151) और आर अश्विन नाबाद लौटे.
पहले दिन का खेल : 2 विकेट जल्दी गिरे, फिर जमकर बोला पुजारा-कोहली का बल्ला
दूसरे टेस्ट के पहले दिन के खेल का मुख्य आकर्षण विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा की बल्लेबाजी रही. खासतौर से पुजारा ने जिस तरह से विकेट के चारों ओर शॉट लगाए, वह दर्शनीय रहा. इतना ही नहीं उन्होंने स्वभाव के विपरीत दो छक्के भी जड़े और हां उन्होंने अपना शतक दूसरे छक्के से ही पूरा किया. हालांकि टॉस जीतने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया के लिए शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 6 के स्कोर पर ही गौतम गंभीर की जगह चोट के बाद वापसी कर रहे लोकेश राहुल का विकेट गंवा दिया. उसे दूसरा झटका भी जल्दी ही लग गया, जब राजकोट के शतकवीर ओपनर मुरली विजय भी टेस्ट में 3000 रन पूरे करने के बाद 20 के निजी स्कोर पर जेम्स अंडरसन का शिकार हो गए. ऐसे में चेतेश्वर पुजारा का साथ देने आए कप्तान विराट कोहली ने मोर्चा संभाला और दूसरे विकेट के लिए 226 रन की रिकॉर्डतोड़ साझेदारी की. हालांकि कोहली को 56 के निजी स्कोर पर जीवनदान भी मिला.
पुजारा ने 204 गेंदों में 119 रन बनाए. यह उनके करियर का 10वां शतक रहा और उन्होंने करियर में 3000 रन भी पूरे कर लिए. इंग्लैंड के लिहाज से बात करें तो उसके लिए तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की वापसी ही अच्छी खबर रही. चोट से वापसी करने के बाद पहला मैच खेल रहे एंडरसन ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से प्रभावित किया. पहले दिन गिरे चार विकेटों में से तीन उनके नाम रहे. इसमें आखिरी सत्र के अंतिम क्षणों में अजिंक्य रहाणे का विकेट शामिल है. एक अन्य विकेट तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के नाम रहा. इंग्लैंड के स्पिनरों की तिकड़ी, मददगार माने जा रहे विशाखापटनम के विकेट पर भारतीय बल्लेबाजों पर कोई खास असर नहीं डाल सकी.
14 साल बाद तीसरी शतकीय साझेदारी
विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 के बाद से भारत की तरफ से तीसरे विकेट के लिए पहली शतकीय साझेदारी की. इससे पहले सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने तीसरे विकेट के लिए इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में 150 रनों की साझेदारी की थी.
पुजारा के 3000 रन
चेतेश्वर पुजारा ने विजाग में टेस्ट क्रिकेट में अपने 3000 रन पूरे कर लिए. उन्होंने यह उपलब्धि 67वीं पारी में हासिल की. इस तक सबसे तेजी से पहुंचने वाले भारतीयों में वह सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के साथ पांचवें बल्लेबाज बन गए हैं. वीरेंद्र सहवाग ने 55 पारियों में ही 3000 रन पूरे कर लिए थे.
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