विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया लगातार नए कीर्तिमान रच रही है...
नई दिल्ली:
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों से भारत का कोई राजनीतिक दल सबसे अधिक खुश है, तो वह है भारतीय जनता पार्टी. उसके लिए होली का त्योहार नई सौगात लेकर आया है. हालांकि यदि राजनीति से इतर क्रिकेट की बात करें तो टीम इंडिया पर चुनावी रंग का कितना असर होगा यह कहना भले ही मुश्किल हो, लेकिन बेंगलुरू में जीत के बाद होली का ब्रेक टीम इंडिया के लिए यकीनन बेहद रंगीन साबित होगा. रांची में 16 मार्च सु होने वाले तीसरे टेस्ट से पहले टीम इंडिया शानदार होली खेलेगी. उम्मीद की जा रही है कि होली ब्रेक के बाद टीम इंडिया जब मैदान पर लौटेगी तो और खतरनाक दिखेगी. साथ ही इस टेस्ट को जीतकर सीरीज में बढ़त हासिल करके जश्न को दोगुना करेगी.
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने बेंगलुरू में मिली रोमांचक जीत को अपनी हाल की सबसे मीठी जीत बताया है. ज़ाहिर है ऐसे में टीम की जीत का रंग गाढ़ा हो गया है. अब उसे रांची में वर्ल्ड नंबर वन टीम की तरह प्रदर्शन करते हुए सीरीज में बढ़त हासिल करना है. इसके लिए उसने तैयारी भी कर ली है, क्योंकि बेंगलुरू टेस्ट में उसने पुणे टेस्ट के दौरान नजर आई कमियों को लगभग दूर कर लिया है. ये हैं टीम इंडिया के मजबूत पक्ष...
बेंगलुरू में फाइटबैक
पुणे में हार के बाद तीसरे-चौथे दिन तक मैच में दोनों टीमों का पलड़ा बदलता रहा. केएल राहुल कंगारू टीम के लिए कांटा बन गए, तो दूसरी पारी में पहले चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की शानदार पार्टनरशिप ने टीम इंडिया की वापसी करा दी. फिर आर अश्विन ने अपने सटीक लेंथ से कंगारू बल्लेबाज़ों को फिरकी में फांस लिया. कंगारू टीम के लिए ख़तरे की बात ये है कि भारतीय बल्लेबाज़ लय में लौटते दिख रहे हैं और स्पिनर्स का जाल भी लगातार मज़बूत होता दिख रहा है.
जानदार मिडिल ऑर्डर
चेतश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की पांचवें विकेट लिए 100 रनों से बड़ी पार्टनरशिप मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस जोड़ी से प्रेरणा लेकर टीम के दूसरे बल्लेबाज़ भी फ़ॉर्म में लौटने की कोशिश करेंगे. यहां तक कि आर अश्विन जैसे निचले क्रम के बल्लेबाज़ों ने भी दावा किया है कि अगले मैचों में उनका बल्ला भी बोलेगा.
फ़ॉर्म में अश्विन
ऑलराउंडर अश्विन ने बेंगलुरू में सही लेंथ पर निशाना साध लिया है. पिछले मैच में अश्विन ने बेंगलुरू में 8 विकेट लेकर कई रिकॉर्ड भी कायम किए. अश्विन टीम के लिए फिर से मैचविनर साबित हो सकते हैं.
स्टार्क आउट
मिचेल स्टार्क ने हालांकि पिछले दो टेस्ट मैचों में 5 विकेट ही हासिल किये. लेकिन स्टार्क का होना विपक्षी टीम के लिए हमेशा ख़तरनाक साबित होता है. स्टार्क की जगह टीम में शामिल किए गए तेज़ गेंदबाज़ पैट कमिंस के पास उतना अनुभव नहीं है. ऐसे में वो स्टार्क का कैसा विकल्प साबित हो पाएंगे ये कह पाना मुश्किल है.
दबाव में स्मिथ
टीम इंडिया की वापसी से वैसे ही कंगारू टीम पर दबाव बढ़ गया है. DRS विवाद में फंसने की वजह से कप्तान स्टीवन स्मिथ के मनोबल पर पड़े एक्स्ट्रा बोझ को समझा जा सकता है. स्मिथ यहां से वापसी की ज़रूर कोशिश करेंगे लेकिन आक्रामक विराट शायद ही उन्हें वापसी का कोई रास्ता दें.
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने बेंगलुरू में मिली रोमांचक जीत को अपनी हाल की सबसे मीठी जीत बताया है. ज़ाहिर है ऐसे में टीम की जीत का रंग गाढ़ा हो गया है. अब उसे रांची में वर्ल्ड नंबर वन टीम की तरह प्रदर्शन करते हुए सीरीज में बढ़त हासिल करना है. इसके लिए उसने तैयारी भी कर ली है, क्योंकि बेंगलुरू टेस्ट में उसने पुणे टेस्ट के दौरान नजर आई कमियों को लगभग दूर कर लिया है. ये हैं टीम इंडिया के मजबूत पक्ष...
बेंगलुरू में फाइटबैक
पुणे में हार के बाद तीसरे-चौथे दिन तक मैच में दोनों टीमों का पलड़ा बदलता रहा. केएल राहुल कंगारू टीम के लिए कांटा बन गए, तो दूसरी पारी में पहले चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की शानदार पार्टनरशिप ने टीम इंडिया की वापसी करा दी. फिर आर अश्विन ने अपने सटीक लेंथ से कंगारू बल्लेबाज़ों को फिरकी में फांस लिया. कंगारू टीम के लिए ख़तरे की बात ये है कि भारतीय बल्लेबाज़ लय में लौटते दिख रहे हैं और स्पिनर्स का जाल भी लगातार मज़बूत होता दिख रहा है.
जानदार मिडिल ऑर्डर
चेतश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे की पांचवें विकेट लिए 100 रनों से बड़ी पार्टनरशिप मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस जोड़ी से प्रेरणा लेकर टीम के दूसरे बल्लेबाज़ भी फ़ॉर्म में लौटने की कोशिश करेंगे. यहां तक कि आर अश्विन जैसे निचले क्रम के बल्लेबाज़ों ने भी दावा किया है कि अगले मैचों में उनका बल्ला भी बोलेगा.
फ़ॉर्म में अश्विन
ऑलराउंडर अश्विन ने बेंगलुरू में सही लेंथ पर निशाना साध लिया है. पिछले मैच में अश्विन ने बेंगलुरू में 8 विकेट लेकर कई रिकॉर्ड भी कायम किए. अश्विन टीम के लिए फिर से मैचविनर साबित हो सकते हैं.
स्टार्क आउट
मिचेल स्टार्क ने हालांकि पिछले दो टेस्ट मैचों में 5 विकेट ही हासिल किये. लेकिन स्टार्क का होना विपक्षी टीम के लिए हमेशा ख़तरनाक साबित होता है. स्टार्क की जगह टीम में शामिल किए गए तेज़ गेंदबाज़ पैट कमिंस के पास उतना अनुभव नहीं है. ऐसे में वो स्टार्क का कैसा विकल्प साबित हो पाएंगे ये कह पाना मुश्किल है.
दबाव में स्मिथ
टीम इंडिया की वापसी से वैसे ही कंगारू टीम पर दबाव बढ़ गया है. DRS विवाद में फंसने की वजह से कप्तान स्टीवन स्मिथ के मनोबल पर पड़े एक्स्ट्रा बोझ को समझा जा सकता है. स्मिथ यहां से वापसी की ज़रूर कोशिश करेंगे लेकिन आक्रामक विराट शायद ही उन्हें वापसी का कोई रास्ता दें.
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