पुणे टेस्ट में ओकीफी ने 12 विकेट अपने नाम किए
नई दिल्ली:
हैदराबाद में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच जीतने के बाद विराट कोहली ने कहा था कि दिल और दिमाग में ऑस्ट्रेलिया छाया है. बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच की जीत से ज्यादा विराट कोहली के दिमाग में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कैसे अच्छा प्रदर्शन किया जाए वह चल रहा था. शनिवार को यह साबित हो गया कि विराट कोहली का चिंता जायज़ थी. ऑस्ट्रेलिया जैसी शानदार टीम को हराना इतना आसान नहीं है. वैसे तो अपने घरेलू मैदान पर भारत हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता है लेकिन पुणे के मैदान पर भारत की जिस तरह हार हुई, वह कई सवाल खड़े करती है. पुणे में खेले गए पहले टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहली पारी में 260 रन बनाए थे जबकि भारत अपनी पहली पारी में सिर्फ 105 रन पर ऑल-आउट हो गया था. ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में 285 रन बना पाया था और इस तरह भारत के सामने 440 रन का लक्ष्य रखा था.
1976 में जो पोर्ट ऑफ़ स्पेन में हुआ था वह पुणे में नहीं हो पाया
ऐसे तो 440 रन का लक्ष्य भारत के लिए बहुत बड़ा लक्ष्य था. लेकिन फिर भी भारत के बल्लेबाज़ों से अच्छी बल्लेबाजी की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भारत अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 107 रन बना पाया और इस मैच को 333 रन से हार गया. आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ है जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 400 से ज्यादा रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने कोई टेस्ट मैच जीता हो. भारत ने अपने टेस्ट करियर में सिर्फ एक बार 400 से ज्यादा रन का पीछा करते हुए मैच जीता है और वह मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ था. 7 अप्रैल 1976 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच पोर्ट ऑफ़ स्पेन में खेले गए टेस्ट मैच में 403 रन का पीछा करते हुए भारत ने इस मैच को छह विकेट से जीत लिया था. इस मैच में भारत के लिए जीजा-साला हीरो साबित हुए थे यानी गुंडापा विश्वनाथ और सुनील गावस्कर शानदार खेले थे. भारत के लिए दूसरी पारी में गावस्कर ने 102 रन बनाए थे जबकि विश्वनाथ ने 112 रन का पारी खेली थी.
रनों के हिसाब से भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की दूसरी सबसे बड़ी जीत
रन के हिसाब से भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के लिए यह दूसरी सबसे बड़ी जीत है. इसे पहले 26 अक्टूबर 2004 को नागपुर के मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 342 रन से जीत लिया था. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 542 रन का लक्ष्य रखा था लेकिन भारत अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 200 रन बना पाया था. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रन के हिसाब से तीन सबसे बड़ी जीत ऑस्ट्रेलिया के नाम है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की रन के हिसाब से सबसे बड़ी जीत 320 रन की है.
स्टीव ओकीफी ने तोडा एलन डेविडसन का 57 साल पुराना रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत के खिलाफ एक टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में स्टीव ओकीफी ने एलन डेविडसन का 57 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. 19 दिसंबर 1959 को कानपुर के मैदान पर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच में एलन डेविडसन ने 77.4 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 124 रन देकर 12 विकेट लिए थे. डेविडसन को भारत की पहली पारी के पांच विकेट मिले थे जबकि भारत की दूसरी पारी के सात विकेट लेने में वह कामयाब हुए थे. डेविडसन ने इस मैच में शानदार गेंदबाज़ी तो की थी लेकिन भारत ने इस मैच को 119 रन से जीत लिया था. शनिवार को शानदार गेंदबाज़ी करते हुए ओकीफी ने डेविडसन का यह रिकॉर्ड तोड़ दिया. ओकीफी ने 28.1 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 70 रन देकर 12 विकेट लिए, भारत के दोनों पारियों के वह 6-6 विकेट लेने में कामयाब हुए.
मैच के बाद ओकीफी ने कहा 'सुंदर पुणे'
ओकीफी की शानदार गेंदबाज़ी की चारों तरफ तारीफ हो रहा है. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने ओकीफी की तारीफ करते हुए कहा कि यह अविश्वसनीय प्रदर्शन है. पुरस्कार वितरण के समय मैन ऑफ़ द मैच बने स्टीव ओकीफी ने संजय मांजरेकर से बात करते हुए कहा कि भारत में वह अपनी गेंदबाज़ी का आनंद ले रहे हैं. ओकीफी ने कहा कि मुंबई में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और ‘सुंदर पुणे’ में भी अच्छी गेंदबाज़ी की, साथ ही बेंगलुरु में अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगे.
1976 में जो पोर्ट ऑफ़ स्पेन में हुआ था वह पुणे में नहीं हो पाया
ऐसे तो 440 रन का लक्ष्य भारत के लिए बहुत बड़ा लक्ष्य था. लेकिन फिर भी भारत के बल्लेबाज़ों से अच्छी बल्लेबाजी की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भारत अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 107 रन बना पाया और इस मैच को 333 रन से हार गया. आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ है जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 400 से ज्यादा रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने कोई टेस्ट मैच जीता हो. भारत ने अपने टेस्ट करियर में सिर्फ एक बार 400 से ज्यादा रन का पीछा करते हुए मैच जीता है और वह मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ था. 7 अप्रैल 1976 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच पोर्ट ऑफ़ स्पेन में खेले गए टेस्ट मैच में 403 रन का पीछा करते हुए भारत ने इस मैच को छह विकेट से जीत लिया था. इस मैच में भारत के लिए जीजा-साला हीरो साबित हुए थे यानी गुंडापा विश्वनाथ और सुनील गावस्कर शानदार खेले थे. भारत के लिए दूसरी पारी में गावस्कर ने 102 रन बनाए थे जबकि विश्वनाथ ने 112 रन का पारी खेली थी.
रनों के हिसाब से भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की दूसरी सबसे बड़ी जीत
रन के हिसाब से भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के लिए यह दूसरी सबसे बड़ी जीत है. इसे पहले 26 अक्टूबर 2004 को नागपुर के मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 342 रन से जीत लिया था. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 542 रन का लक्ष्य रखा था लेकिन भारत अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 200 रन बना पाया था. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रन के हिसाब से तीन सबसे बड़ी जीत ऑस्ट्रेलिया के नाम है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की रन के हिसाब से सबसे बड़ी जीत 320 रन की है.
स्टीव ओकीफी ने तोडा एलन डेविडसन का 57 साल पुराना रिकॉर्ड
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से भारत के खिलाफ एक टेस्ट मैच में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में स्टीव ओकीफी ने एलन डेविडसन का 57 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. 19 दिसंबर 1959 को कानपुर के मैदान पर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच में एलन डेविडसन ने 77.4 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 124 रन देकर 12 विकेट लिए थे. डेविडसन को भारत की पहली पारी के पांच विकेट मिले थे जबकि भारत की दूसरी पारी के सात विकेट लेने में वह कामयाब हुए थे. डेविडसन ने इस मैच में शानदार गेंदबाज़ी तो की थी लेकिन भारत ने इस मैच को 119 रन से जीत लिया था. शनिवार को शानदार गेंदबाज़ी करते हुए ओकीफी ने डेविडसन का यह रिकॉर्ड तोड़ दिया. ओकीफी ने 28.1 ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 70 रन देकर 12 विकेट लिए, भारत के दोनों पारियों के वह 6-6 विकेट लेने में कामयाब हुए.
मैच के बाद ओकीफी ने कहा 'सुंदर पुणे'
ओकीफी की शानदार गेंदबाज़ी की चारों तरफ तारीफ हो रहा है. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने ओकीफी की तारीफ करते हुए कहा कि यह अविश्वसनीय प्रदर्शन है. पुरस्कार वितरण के समय मैन ऑफ़ द मैच बने स्टीव ओकीफी ने संजय मांजरेकर से बात करते हुए कहा कि भारत में वह अपनी गेंदबाज़ी का आनंद ले रहे हैं. ओकीफी ने कहा कि मुंबई में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और ‘सुंदर पुणे’ में भी अच्छी गेंदबाज़ी की, साथ ही बेंगलुरु में अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगे.
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