रोहित शर्मा (फाइल फोटो)
मुंबई:
न्यूज़ीलैंड के साथ टेस्ट सीरीज़ के लिए भारतीय टेस्ट टीम में रोहित शर्मा या शिखर धवन की जगह उम्मीद की जा रही थी कि शायद गौतम गंभीर को एक मौका दिया जाएगा. दिलीप ट्रॉफी में गंभीर का बल्ला शानदार तरीके से बोल रहा है, वहीं रोहित का बल्ला खामोश है. वेस्ट इंडीज में उनके बल्ले से कुल जमा पचास रन निकले. फिर भी चयनकर्ताओं ने नाम के बूते उन्हें मौका दे दिया.
रोहित शर्मा का बल्ला बोलना भूल गया है. वेस्ट इंडीज में दो टेस्ट मैचों में उनके 9 और 41 रन का स्कोर इसकी बानगी भर है. पिछली सात पारियों में उन्होंने सिर्फ एक बार 50 रन बनाए हैं. लेकिन इन तमाम नाकामियों के बीच रोहित टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. इस बारे में पूछे जाने पर मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने कहा " रोहित शर्मा बहुत शानदार खिलाड़ी हैं. उनमें बहुत प्रतिभा है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्हें बहुत ज्यादा मौका नहीं मिला है. हमें लगता है कि सिर्फ रोहित ही नहीं जिसे भी चुना जाए उसे एक ईमानदार मौका देना चाहिए.
साल 2013 में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले रोहित ने अपने डेब्यू मैच में 177 रनों की शानदार पारी खेली. उसके बाद भी 111 रन जड़े लेकिन उसके बाद 18 टेस्ट मैचों में रोहित ने 946 रन ही बनाए, 32.62 के औसत से. इसमें चार अर्धशतक और दो शतक शामिल हैं.
हालांकि वन-डे में रोहित अभी भी शानदार हैं, लेकिन यहां कहानी 5 दिनों के खेल की है, जिसमें दम-खम के साथ धैर्य की भी जरूरत है. रोहित को परखने के लिए उन्हें दलीप ट्रॉफी में भी एक मौका दिया गया लेकिन वहां भी उनका बल्ला बोल गया. शायद कप्तान की कोहली की करीबी और नाम काम आया नहीं तो टेस्ट मैचों की उनकी हाल फिलहाल की पारी किसी काम की नहीं है. वैसे अपने घर में आने वाले 13 टेस्ट मैचों के लिए न्यूजीलैंड का टेस्ट पास कर अपनी जगह पक्की करने का उनके पास सुनहरा मौका है.
रोहित शर्मा का बल्ला बोलना भूल गया है. वेस्ट इंडीज में दो टेस्ट मैचों में उनके 9 और 41 रन का स्कोर इसकी बानगी भर है. पिछली सात पारियों में उन्होंने सिर्फ एक बार 50 रन बनाए हैं. लेकिन इन तमाम नाकामियों के बीच रोहित टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. इस बारे में पूछे जाने पर मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने कहा " रोहित शर्मा बहुत शानदार खिलाड़ी हैं. उनमें बहुत प्रतिभा है. लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उन्हें बहुत ज्यादा मौका नहीं मिला है. हमें लगता है कि सिर्फ रोहित ही नहीं जिसे भी चुना जाए उसे एक ईमानदार मौका देना चाहिए.
साल 2013 में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले रोहित ने अपने डेब्यू मैच में 177 रनों की शानदार पारी खेली. उसके बाद भी 111 रन जड़े लेकिन उसके बाद 18 टेस्ट मैचों में रोहित ने 946 रन ही बनाए, 32.62 के औसत से. इसमें चार अर्धशतक और दो शतक शामिल हैं.
हालांकि वन-डे में रोहित अभी भी शानदार हैं, लेकिन यहां कहानी 5 दिनों के खेल की है, जिसमें दम-खम के साथ धैर्य की भी जरूरत है. रोहित को परखने के लिए उन्हें दलीप ट्रॉफी में भी एक मौका दिया गया लेकिन वहां भी उनका बल्ला बोल गया. शायद कप्तान की कोहली की करीबी और नाम काम आया नहीं तो टेस्ट मैचों की उनकी हाल फिलहाल की पारी किसी काम की नहीं है. वैसे अपने घर में आने वाले 13 टेस्ट मैचों के लिए न्यूजीलैंड का टेस्ट पास कर अपनी जगह पक्की करने का उनके पास सुनहरा मौका है.
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