यह ख़बर 07 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एंथनी डि मेलो ट्रॉफी के लिए होती है भारत-इंग्लैंड शृंखला : बीसीसीआई

खास बातें

  • शर्मिला टैगोर की अपील पर क्रिकेट बोर्ड ने साफ किया कि वह इसका नाम नहीं बदलेगा क्योंकि यह शृंखला 1951 से ही एंथनी डि मेलो ट्रॉफी के लिए खेली जाती है।
नई दिल्ली:

अभिनेत्री शर्मिला टैगोर का भारत और इंग्लैंड टेस्ट शृंखला का नाम अपने पति मंसूर अली खां पटौदी के नाम पर रखने की अपील पर क्रिकेट बोर्ड ने बुधवार को साफ किया कि वह इसका नाम नहीं बदलेगा क्योंकि यह शृंखला 1951 से ही एंथनी डि मेलो ट्रॉफी के लिए खेली जाती है।

बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने बयान में कहा, ‘‘भारत और इंग्लैंड के बीच भारत में होने वाली टेस्ट शृंखला 1951 से बीसीसीआई के पहले सचिव एंथनी डि मेलो ट्रॉफी के लिए खेली जाती है। भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए उनके नाम पर यह ट्रॉफी शुरू की गई थी।’’

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने पूर्व भारतीय कप्तान के नाम पर 2007 में पटौदी ट्रॉफी शुरू करने का प्रस्ताव रखा था जो इंग्लैंड और भारत के बीच भविष्य में होने वाली टेस्ट शृंखला में विजेता कप्तान को दी जाती। भारत-इंग्लैंड टेस्ट शृंखला के 75 साल पूरे होने पर इसकी शुरुआत की गई थी लेकिन बीसीसीआई ने ट्रॉफी का नाम रखने को आधिकारिक मंजूरी नहीं दी थी। शर्मिला ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को 2 नवंबर को भेजे ई-मेल में इस पर अपनी नाखुशी जताई थी।

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बीसीसीआई के बयान में कहा गया है, ‘‘एमसीसी ने 2007 में इंग्लैंड-भारत शृंखला के लिए पटौदी ट्रॉफी शुरू करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन बीसीसीआई ने तभी साफ कर दिया था कि इस ट्रॉफी को पहले ही एंथनी डि मेलो का नाम दिया गया है।’’