खास बातें
- तीन तिगाड़ा, काम बनाया!!
- साहा ने केपटाउन में लपके थे 10 कैच
- कहां जाकर रुकेगा यह आकंड़ा?
नई दिल्ली: भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा केपटाउन में पहला टेस्ट खेलने के बाद चोटिल हो गए. न उन्हें सेंचुरियन में ही जगह मिल सकी और न ही चोट ने उन्हें जोहांसबर्ग टेस्ट खेलने लायक छोड़ा, लेकिन वापस भारत लौटने से पहले ऋद्धिमान साहा एक ऐसे इतिहास की नींव रख गए, जिसे पार्थिव पटेल और दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर क्विंटन डि कॉक ने अंजाम तक पहुंचा डाला. एक ऐसा इतिहास जिस पर पानी फेर पाना विकेटकीपरों के लिए आसान नहीं होने जा रहा.
आपको ध्यान दिला दें कि केपटाउन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में इन दिनों बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में पुनर्वास कार्यक्रम (रिहैब) से गुजर रहे ऋद्धिमान साहा ने विकेट के पीछे नया रिकॉर्ड बनाया था. इस मैच में साहा किसी एक मैच में दस कैच लेने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बन गए थे. साहा भले ही बाकी दो टेस्ट नहीं खेल सके, लेकिन वह यह सोचकर खुश होंगे, दस कैच लपककर उन्होंने जो नींव रखी थी, उस पर पार्थिव पटेल और डिकॉक ने मिलकर एक सुनहरी इबारत लिख दी.
यह भी पढ़ें : IND VS SA: भुवनेश्वर कुमार ने 'इस दिग्गज' का रिकॉर्ड तोड़ा, रामचंद्र गुहा ने फिर उठाया अहम सवाल
आपको बता दें कि जोहांसबर्ग की दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी को मिलाकर पार्थिव पटेल पिछली तीन पारियों में मिलाकर नौ कैच अपनी झोली में डाल चुके हैं, तो वहीं दक्षिण अफ्रीकी स्टंपर क्विंटन डि कॉक ने 15 कैच लपके हैं. और अब जबकि भारत की दूसरी पारी पूरी होना बाकी है, तो यह भी साफ है कि उनके कैचों में और भी इजाफा होने की संभावना है, लेकिन इतिहास तो पहले से ही लिखा जा चुका है.
VIDEO : सेंचुरियन में शतक बनाने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली.
बता दें कि तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में क्रिकेट इतिहास में यह पहला मौका है, जब दोनों टीमों के विकेटकीपरों ने मिलकर 34 कैच लपके हैं. देखते हैं कि जोहांसबर्ग टेस्ट खत्म होते-होते यह आंकड़ा कहां जाकर रुकता है. वैसे कुल क्षेत्ररक्षण की बात करें, तो अभी तक 74 कैच लपके जा चुके हैं. तीन मैचों की सीरीज में सर्वाधिक कैच (84) का रिकॉर्ड साल 2007-08 में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेली गई सीरीज में बना था.