दक्षिण अफ्रीका इस समय टेस्ट की नंबर दो टीम है (फाइल फोटो)
विराट कोहली की टीम इंडिया का दक्षिण अफ्रीका दौरा बेहद मुश्किल भरा होने की संभावना है. दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम भारत के सामने इस दौरे में अपने जीत के क्रम को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है. कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम ने वर्ष 2017 में अपने घरेलू मैदान पर क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में सफलता हासिल की हैं. टीम इंडिया को इस दौरे में दिखाना होगा कि वह विदेशी मैदानों पर अपनी सफलता को दोहराना जानती है. टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से बात करें तो दक्षिण अफ्रीका टीम बेहद संतुलित है और वह भारत के बाद दुनिया की नंबर दो टीम है. ऐसे में दोनों देशों के बीच का यह मुकाबला फैंस को रोमांचक क्रिकेट की दावत देगा. सीरीज का पहला टेस्ट मैच 5 जनवरी से खेला जाएगा. वैसे तो क्रिकेट समीक्षक सीरीज में भारत के अच्छे प्रदर्शन को लेकर आशावान हैं लेकिन दक्षिण अफ्रीका के ये छह खिलाड़ी भारत के जीत के सिलसिले पर ब्रेक लगा सकते हैं... भारतीय गेंदबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं अमला
भारतीय मूल के हाशिम अमला का तीनों फॉर्मेट में रिकॉर्ड जबर्दस्त है. टेस्ट क्रिकेट में अमला 49.61 के औसत से 8583 रन बना चुके हैं, इसमें नाबाद 311 उनका सर्वोच्च स्कोर है. अमला को भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ दुनिया के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है. वे 28 टेस्ट शतक लगा चुके हैं. सेट होने के बाद लंबी पारी खेलने में अमला को महारत हासिल है. ऐसे में वे भारतीय गेंदबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. फाफ डु प्लेसिस का बैटिंग रिकॉर्ड भी बेहतरीन
सीरीज में दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट टीम की कप्तान डु प्लेसिस हैं. टेस्ट क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने 46.54 के प्रभावी औसत से 2839 रन बनाए हैं. अमला के बाद उन्हें टेस्ट में दक्षिण अफ्रीकी टीम का सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज माना जाता है. अमला की ही तरह डु प्लेसिस लंबी पारी खेलने के लिए जाने जाते हैं. 45 टेस्ट में वे 7 शतक और 15 अर्धशतक लगा चुके हैं. भारत के लिए वे भी चुनौती बन सकते हैं. रबाडा का सामना करना आसान नहीं
22 साल के कागिसो रबाडा दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख तेज गेंदबाज हैं. 22 वर्ष के इस अश्वेत खिलाड़ी ने 23 टेस्ट में 22.29 के बेहतरीन औसत से 105 विकेट लिए हैं. 140+ की गति से गेंद फेंकने वाले रबाडा विकेट से अच्छा उछाल पाने में भी सफल रहते हैं. चूंकि डेल स्टेन ने हाल ही में चोट से उबरने के बाद टीम में वापसी की है, ऐसे में रबाडा के पास भारत की मजबूत बल्लेबाजी का ध्वस्त करने का जिम्मा होगा.
किसी भी आक्रमण की धज्जियां बिखरने में सक्षम डिविलियर्स
एबी डिविलियर्स अपने दिन किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां बिखरे सकते हैं. हालांकि तेज बल्लेबाजी करने के कारण वे गेंदबाजों को मौके भी देते हैं, लेकिन उन्हें जल्द आउट करने के लिए भारतीय गेंदबाजों को खास रणनीति तैयार करनी होगी. यह तय है कि विकेट के हर तरफ शॉट लगाने में माहिर एबी यदि टिके तो मैच का रुख बदल सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका के सबसे अनुभवी बल्लेबाजों में शुमार डिविलियर्स ने 107 टेस्ट में आठ हजार से अधिक रन बनाए हैं. उनका औसत 50.47 का है. टेस्ट में डिविलियर्स 21शतक लगा चुके हैं.
डेल स्टेन में अभी भी है दम
34 साल के डेल स्टेन दक्षिण अफ्रीका के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाजों में से एक हैं. डेल स्टेन ने चोट से उबरने के बाद हाल ही में दक्षिण अफ्रीका टीम में वापसी की है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भारतीय बल्लेबाजों पर कितना असर छोड़ पाते हैं. वैसे 85 टेस्ट में 22 के आसपास के औसत से 417 विकेट स्टेन की महानता की कहानी खुद बयां करते हैं.
वेरोन फिलेंडर भी नहीं है कम
डेल स्टेन और कागिसो रबाडा के अलावा वेरोन फिलेंडर भी भारतीय बल्लेबाजी में सेंध लगाने में सक्षम हैं. अच्छी गति से गेंद फेंकने वाले 32 साल के फिलेंडर गेंद को दोनों तरह मूव करा सकते हैं. महज 47 टेस्ट में वे 22.37 के औसत से 173 विकेट ले चुके हैं. दो बार वे मैच में 10 या इससे अधिक विकेट ले चुके हैं. फिलेंडर के गेंदबाजी कौशल का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सात मैचों में ही 50 विकेट पूरे कर लिए थे.
वीडियो: पुजारा बोले, धोनी और विराट में यह बात है कॉमन
इसके अलावा तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्केल, विकेटकीपर क्विंटन डि कॉक और हरफनमौला क्रिस मॉरिस भी भारतीय टीम के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं.
भारतीय मूल के हाशिम अमला का तीनों फॉर्मेट में रिकॉर्ड जबर्दस्त है. टेस्ट क्रिकेट में अमला 49.61 के औसत से 8583 रन बना चुके हैं, इसमें नाबाद 311 उनका सर्वोच्च स्कोर है. अमला को भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ दुनिया के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है. वे 28 टेस्ट शतक लगा चुके हैं. सेट होने के बाद लंबी पारी खेलने में अमला को महारत हासिल है. ऐसे में वे भारतीय गेंदबाजों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं.
सीरीज में दक्षिण अफ्रीका की टेस्ट टीम की कप्तान डु प्लेसिस हैं. टेस्ट क्रिकेट में इस खिलाड़ी ने 46.54 के प्रभावी औसत से 2839 रन बनाए हैं. अमला के बाद उन्हें टेस्ट में दक्षिण अफ्रीकी टीम का सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज माना जाता है. अमला की ही तरह डु प्लेसिस लंबी पारी खेलने के लिए जाने जाते हैं. 45 टेस्ट में वे 7 शतक और 15 अर्धशतक लगा चुके हैं. भारत के लिए वे भी चुनौती बन सकते हैं.
22 साल के कागिसो रबाडा दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख तेज गेंदबाज हैं. 22 वर्ष के इस अश्वेत खिलाड़ी ने 23 टेस्ट में 22.29 के बेहतरीन औसत से 105 विकेट लिए हैं. 140+ की गति से गेंद फेंकने वाले रबाडा विकेट से अच्छा उछाल पाने में भी सफल रहते हैं. चूंकि डेल स्टेन ने हाल ही में चोट से उबरने के बाद टीम में वापसी की है, ऐसे में रबाडा के पास भारत की मजबूत बल्लेबाजी का ध्वस्त करने का जिम्मा होगा.
किसी भी आक्रमण की धज्जियां बिखरने में सक्षम डिविलियर्स
एबी डिविलियर्स अपने दिन किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां बिखरे सकते हैं. हालांकि तेज बल्लेबाजी करने के कारण वे गेंदबाजों को मौके भी देते हैं, लेकिन उन्हें जल्द आउट करने के लिए भारतीय गेंदबाजों को खास रणनीति तैयार करनी होगी. यह तय है कि विकेट के हर तरफ शॉट लगाने में माहिर एबी यदि टिके तो मैच का रुख बदल सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका के सबसे अनुभवी बल्लेबाजों में शुमार डिविलियर्स ने 107 टेस्ट में आठ हजार से अधिक रन बनाए हैं. उनका औसत 50.47 का है. टेस्ट में डिविलियर्स 21शतक लगा चुके हैं.
डेल स्टेन में अभी भी है दम
34 साल के डेल स्टेन दक्षिण अफ्रीका के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाजों में से एक हैं. डेल स्टेन ने चोट से उबरने के बाद हाल ही में दक्षिण अफ्रीका टीम में वापसी की है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भारतीय बल्लेबाजों पर कितना असर छोड़ पाते हैं. वैसे 85 टेस्ट में 22 के आसपास के औसत से 417 विकेट स्टेन की महानता की कहानी खुद बयां करते हैं.
वेरोन फिलेंडर भी नहीं है कम
डेल स्टेन और कागिसो रबाडा के अलावा वेरोन फिलेंडर भी भारतीय बल्लेबाजी में सेंध लगाने में सक्षम हैं. अच्छी गति से गेंद फेंकने वाले 32 साल के फिलेंडर गेंद को दोनों तरह मूव करा सकते हैं. महज 47 टेस्ट में वे 22.37 के औसत से 173 विकेट ले चुके हैं. दो बार वे मैच में 10 या इससे अधिक विकेट ले चुके हैं. फिलेंडर के गेंदबाजी कौशल का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सात मैचों में ही 50 विकेट पूरे कर लिए थे.
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इसके अलावा तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्केल, विकेटकीपर क्विंटन डि कॉक और हरफनमौला क्रिस मॉरिस भी भारतीय टीम के लिए चुनौती साबित हो सकते हैं.
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