भारतीय टीम का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
नियमित कप्तान विरोट कोहली की अगुवाई में भले ही भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक पायदान की सवारी कर रही हो, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ धर्मशाला में पिछले दिनों खेले गए वनडे मुकाबले को एक उदाहरण माना जाए, तो कहा जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका की उछालभरी पिच घरेलू पिचों पर जमकर बरसने वाले भारतीय बल्लेबाजों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होने जा रही हैं.और यह दौरा बड़ी चुनौती कोच रवि शास्त्री, रोहित शर्मा और केएल राहुल सहित कई बल्लेबाजों के लिए भी है. यह चुनौती रन बनाने से लेकर सीरीज जीत दर्ज करने तक है और इस चैलेंज के पीछे कई वजह हैं.
टीम इंडिया के लिए विदेशी दौरा हमेशा से चुनौती भरा रहा है. खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के मुश्किल हालात में भारतीय बल्लेबाज अक्सर तेज गेंदबाजों के सामने संघर्ष करते दिखे हैं. इस बार भी अफ्रीकी तेज गेंदबाज टीम इंडिया के बल्लेबाजों का इम्तिहान लेने को तैयार बताए जा रहे हैं. दो महीने के अफ़्रीकी दौरे पर भारतीय टीम 3 टेस्ट, 6 वनडे और 3 T20 मैच खेलेगी. डेल स्टेन, वर्नान फिलेंडर, कगिसो रबाडा, मॉर्नी मॉर्कल और क्रिस मॉरिस जैसे पेस बैटरी से सजी प्रोटियाज टीम भारतीय बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लेने के लिए तैयार है. हालांकि, पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर सहित कई जानकार इसे भारतीय के लिए एक शानदार मौका बता रहे हैं.
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वहीं श्रीलंका पर मुंबई T-20 में जीत के बाद ओपनर रोहित शर्मा ने कहा कि वो चुनौती के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, 'हम दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए इंतजार कर रहे हैं. हमें मालूम है ये दौरा चुनौतीपूर्ण होने वाला है लेकिन घरेलू सीजन भी मुश्किल रहा है. हमें कई बार चुनौती मिली है और हमने वापसी की है'. टीम इंडिया के ओपनर मुरली विजय ने साफ कर दिया है कि वो किसी गेंदबाज के नाम से नहीं डरते और रन बनाने पर उनका ध्यान होगा. स्टेन, मॉर्कल, फिलैंडर और मॉरिस ने भारत के खिलाफ खेलने का एलान कर दिया है.
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की बात करें, तो पिछले 2 साल में मॉर्कल ने अपनी ज़मीन पर 5 टेस्ट में 19 विकेट लिए हैं. फिलेंडर ने इतने ही टेस्ट में 21 विकेट, रबाडा ने 10 टेस्ट में 61 विकेट तो स्टेन ने 3 टेस्ट में 14 विकेट, मॉरिस ने 2 टेस्ट में 4 विकेट लिए हैं. हालांकि रबाडा को छोड़कर बाक़ी के चारों गेंदबाज पिछले कुछ महीनों से चोट से जूझते दिखाई दिए हैं. ऐसे में टीम इंडिया के बल्लेबाज इसका फायदा उठा सकते हैं. वहीं अगर भारत की बात करे तो मोहम्मद शमी, भुवनवेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा, उमेश यादव जैसे गेंदबाजों के अलावा हार्दिक पंड्या और टेस्ट डेब्यू का इंतज़ार कर रहे जसप्रीत बुमराह भी कारगार साबित हो सकते हैं.
VIDEO : रोहित ने भले ही वनडे में तीन दोहरे शतक बनाए हों. लेकिन दक्षिण अफ्रीका दौरा उनके लिए बड़ी चुनौती है
दक्षिण अफ्रीकी धरती पर टीम इंडिया की जीत में जो एक और पहलू शक करत दिखाई पड़ रहा है, वह है मेजबान टीम का रिकॉर्ड. पिछले दो साल प्रोटियाज टीम ने घरेलू पिचों पर खेले गए 11 टेस्ट में 7 जीते, जबकि 2 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और 2 टेस्ट ड्रॉ रहे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भारतीय दक्षिण अफ्रीकी धरती पर जीत के साथ अपना जलवा बरकरार रख पाती है या नहीं.
टीम इंडिया के लिए विदेशी दौरा हमेशा से चुनौती भरा रहा है. खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के मुश्किल हालात में भारतीय बल्लेबाज अक्सर तेज गेंदबाजों के सामने संघर्ष करते दिखे हैं. इस बार भी अफ्रीकी तेज गेंदबाज टीम इंडिया के बल्लेबाजों का इम्तिहान लेने को तैयार बताए जा रहे हैं. दो महीने के अफ़्रीकी दौरे पर भारतीय टीम 3 टेस्ट, 6 वनडे और 3 T20 मैच खेलेगी. डेल स्टेन, वर्नान फिलेंडर, कगिसो रबाडा, मॉर्नी मॉर्कल और क्रिस मॉरिस जैसे पेस बैटरी से सजी प्रोटियाज टीम भारतीय बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लेने के लिए तैयार है. हालांकि, पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर सहित कई जानकार इसे भारतीय के लिए एक शानदार मौका बता रहे हैं.
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वहीं श्रीलंका पर मुंबई T-20 में जीत के बाद ओपनर रोहित शर्मा ने कहा कि वो चुनौती के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, 'हम दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए इंतजार कर रहे हैं. हमें मालूम है ये दौरा चुनौतीपूर्ण होने वाला है लेकिन घरेलू सीजन भी मुश्किल रहा है. हमें कई बार चुनौती मिली है और हमने वापसी की है'. टीम इंडिया के ओपनर मुरली विजय ने साफ कर दिया है कि वो किसी गेंदबाज के नाम से नहीं डरते और रन बनाने पर उनका ध्यान होगा. स्टेन, मॉर्कल, फिलैंडर और मॉरिस ने भारत के खिलाफ खेलने का एलान कर दिया है.
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की बात करें, तो पिछले 2 साल में मॉर्कल ने अपनी ज़मीन पर 5 टेस्ट में 19 विकेट लिए हैं. फिलेंडर ने इतने ही टेस्ट में 21 विकेट, रबाडा ने 10 टेस्ट में 61 विकेट तो स्टेन ने 3 टेस्ट में 14 विकेट, मॉरिस ने 2 टेस्ट में 4 विकेट लिए हैं. हालांकि रबाडा को छोड़कर बाक़ी के चारों गेंदबाज पिछले कुछ महीनों से चोट से जूझते दिखाई दिए हैं. ऐसे में टीम इंडिया के बल्लेबाज इसका फायदा उठा सकते हैं. वहीं अगर भारत की बात करे तो मोहम्मद शमी, भुवनवेश्वर कुमार, ईशांत शर्मा, उमेश यादव जैसे गेंदबाजों के अलावा हार्दिक पंड्या और टेस्ट डेब्यू का इंतज़ार कर रहे जसप्रीत बुमराह भी कारगार साबित हो सकते हैं.
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दक्षिण अफ्रीकी धरती पर टीम इंडिया की जीत में जो एक और पहलू शक करत दिखाई पड़ रहा है, वह है मेजबान टीम का रिकॉर्ड. पिछले दो साल प्रोटियाज टीम ने घरेलू पिचों पर खेले गए 11 टेस्ट में 7 जीते, जबकि 2 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और 2 टेस्ट ड्रॉ रहे. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या भारतीय दक्षिण अफ्रीकी धरती पर जीत के साथ अपना जलवा बरकरार रख पाती है या नहीं.
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