हाल ही में टीम सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) के टी20 सीरीज 1-1 से बराबर करने के बाद अब जब मेजबानों के खिलाफ भारत वनडे सीरीज की तैयारी कर रहा था, तभी उसके लिए दो निराशाजनक खबर आईं. दीपक चाहर (Deepak Chahar) ने निजी कारणों से वनडे सीरीज से नाम वापस ले लिया, तो टेस्ट टीम से चोट के कारण मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) बाहर हो गए. इसके बाद चर्चा यह शुरू हो गई है कि अनुभवी शमी की जगह सेलेक्टर्स किस गेंदबाज को टेस्ट टीम में जगह देंगे. और सूत्रों के हवाले से जो नाम सामने आ रहे हैं, वो खासे हैरान करने वाले भी हैं. चलिए आपको बारी-बारी से बताते हैं.
सूर्यकुमार यादव के इस पोस्ट पर मचा हुआ है बवाल
1. नवदीप सैनी
टेस्ट सीरीज के लिए नवदीप सैनी के शमी की जगह लेने की संभावना है. सैनी को बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले हैं. वह जब भी टीम में आते भी हैं, तो उनके हिस्से में ज्यादातर बेंच ही आती है. अच्छी बात यह है कि सैनी इन दिनों फॉर्म में हैं. और इस साल विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने दिल्ली के लिए तीन मैचों में आठ विकेट लिए. ऐसे में प्रबंधन उनके नाम पर विचार कर सकता है. नवदीप को भारत ए टीम में शामिल किया गया है. लेकिन नवदीप के साथ दिक्कत यही है कि उनके पास शमी के आस-पास का भी अनुभव नहीं हैं. ऐसे में किसी अनुभवी का होना ज्यादा बेहतर विकल्प है
2. उमेश यादव
यह भारतीय पेसर जारी पूरे साल अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं ही दिखाई पड़ा. हैमिस्ट्रंग की चोट के कारण उमेश विंडीज दौरे पर नहीं जा सके थे. हालांकि, अब उन्हें पूरी तरह फिट घोषित कर दिया गया है. लेकिन फिलहाल प्रबंधन मुकेश कुमार और प्रसिद्ध कृष्णा में ज्यादा निवेश करता दिख रहा है. बहरहाल, उमेश के पास खासा अनुभव है, इससे तो इनकार नहीं ही किया जा सकता. अगर यादव को शमी की जगह मिलती है, तो अनुभव साथ आएगा. उनकी गति और गेंदों की लंबाई दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर अहम साबित हो सकती है.
3. भुवनेश्वर कुमार
यह सही है कि भुवनेश्वर कुमार पिछले काफी लंबे समय से परिदृश्य और प्लानिगं से बाहर चल रहे हैं. भुवी ने आखिरी वनडे मुकाबला पिछले साल जनवरी में खेला था. और टी0 मैच दिसंबर में खेला था. भुवी की अनपस्थिति समझाने के लिए काफी है कि उनका अंतरराष्ट्री करियर लगभग खत्म हो चुका है. युवा पेसर इस 33 साल के पेसर की जगह लेने के लिए तैयार हैं.अगर वह रोहित और राहुल के प्लान में शामिल होते, तो वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मूल टीम का हिस्सा हो सकते थे. बहरहाल, यह न भूलें कि साल 2018 में भुवी ने दक्षिण अफ्रीका को कितना परेशान किया था. और ऐसे समय जब सीम और स्विंगर अनुभवी शमी की जगह उनके जैसा ही अनुभव वाला पेसर चाहिए, तो युवा पेसरों के साथ भुवी को रखना खासा फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
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