
ऑस्ट्रेलिया के बायें हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन को रवींद्र जडेजा से कुछ महत्वपूर्ण ‘गुर' सीखने के लिए सीरीज के खत्म होने का इंतजार करना होगा और उनके लिये क्रीज पर भारत के इस चैंपियन स्पिनर को देखना ही क्रिकेट की जानकारी हासिल करने वाला साबित हो रहा है. दो हफ्ते पहले यह 26 साल का खिलाड़ी शेफील्ड शील्ड के मैच खेल रहा था और उन्हें दिल्ली टेस्ट से पहले ही ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल किया गया. वह ऑस्ट्रेलियाई स्टार जैसे मिचेल स्टॉर्क, नॉथन लॉयन और स्टीव स्मिथ के साथ खेल रहे हैं. वह जडेजा और आर अश्विन के भी बड़े प्रशंसक हैं और उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखकर कुछ महत्वपूर्ण गुर सीख रहे हैं. अपने दूसरे ही टेस्ट में कुहनेमैन ने 16 रन देकर पांच विकेट झटके जिससे वह तीसरे टेस्ट के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहे.
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चेन्नई में छह महीने पहले एक ‘स्पिन क्लिनिक' में खेलने से भी कुहनेमैन काफी बेहतर गेंदबाज बन गये हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं जडेजा और अश्विन का बड़ा प्रशंसक हूं. इसलिए पिछले कुछ वर्षों में उन्हें गेंदबाजी करते हुए देख रहा हूं. यहां भारत में दर्शकों से निपटना और कितनी जल्दी चीजें बदलती हैं, यह देखना मानसिक तौर पर काफी कुछ सीखने वाला है.'
उन्होंने कहा, ‘‘मैं और टॉड (मर्फी) शायद छह महीने पहले चेन्नई में एमआरएफ के दौरे पर आये थे और उसकी बदौलत ही मैं इन मैचों में अच्छा प्रदर्शन कर पाया.' जडेजा ने इस सीरीज से वापसी की है और वह नागपुर और दिल्ली दोनों टेस्ट में ‘मैन ऑफ द मैच' रहे. कुहनेमैन ने कहा, ‘जिस तरह से वह अपनी क्रीज का इस्तेमाल करते हैं और मैंने दिल्ली में उनसे यह सीख ली कि जब गेंद थोड़ी पुरानी हो जाती है तो वह फिर से अपनी लेंथ पर गेंदबाजी करने लगते हैं.'
लेफ्टी स्पिनर बोले ‘दूसरे टेस्ट से मैंने मुख्यत: यही चीज सीखी और इस टेस्ट में इसका इस्तेमाल किया. नीची रहती पिच पर फुल लेंथ नहीं जाना चाहता.' क्या उन्हें जडेजा से सीख लेने का मौका मिला है? तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "मैंने उनसे पिछले टेस्ट के बाद कहा था कि क्या आप मुझे कोई ‘टिप्स' दे सकते हो? तो उन्होंने कहा, ‘‘हां, इस सीरीज के अंत में टेस्ट में पहली बार पांच विकेट झटकने और अभी तक अपनी सबसे स्पिन की मददगार पिच पर खेलने के बारे में बात करते हुए कुहनेमैन ने कहा, ‘आज पिच बहुत स्पिन ले रही थी. हमने उसी हिसाब से गेंदबाजी करने के बारे में बात की. नॉथन लॉयन ने कहा कि हर दिन तुम्हें ऐसा विकेट नहीं मिलेगा इसलिये इसका लुत्फ उठाओ. आस्ट्रेलिया में जिस तरह की पिच होती है, यह उससे काफी अलग थी.'
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