
केविन पीटरसन भारत में खेलते हुए बैटिंग में खासे सफल रह चुके हैं (फाइल फोटो)
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भारत में स्पिन का अच्छे से सामना करना ही होगा कामयाबी का मंत्र
23 फरवरी से भारत के खिलाफ पहला टेस्ट खेलेगी ऑस्ट्रेलियाई टीम
स्पिन खेलने में पीटरसन ने ऑस्ट्रेलिया टीम को सलाह की पेशकश की
भारत में 2012 में इंग्लैंड की सीरीज जीत में 338 रन बनाने वाले पीटरसन ने कहा,‘भारत में आपको इसका अभ्यास करना ही होगा. मैं ऑस्ट्रेलिया में इसका अभ्यास कर सकता हूं. मैने किया है. आपको स्पिन खेलने का अभ्यास करने के लिये स्पिन पिचों की जरूरत नहीं है.’ उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के विकेटों पर भी मैंने इस बात प्रयास किया कि मेरे पैर स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ सही चलें और मैं गेंद की लेंग्थ को अच्छी तरह से पिक करूं.' वर्ष 2004 के बाद से दक्षिण अफ्रीका दौरा से ऑस्ट्रेलिया टीम टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है.यहां तक कि 20 टेस्ट में उसे एशिया में मात्र तीन जीतें ही नसीब हुईं हैं, इनमें से दो उसने बांग्लादेश के खिलाफ करीब एक दशक पहले हासिल की थीं.
एशियाई माहौल के लिहाल से बात करें तो मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई टीम में दो खिलाड़ी है ऐसे हैं जिनका एशियाई महाद्वीप में औसत 40 से अधिक का है. श्रीलंका के हाल ही के दौरे में कंगारू टीम को 0-3 की एकतरफा हार का सामना करना पड़ा था. इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज इस कदर संघर्ष करते दिखे थे कि सिर्फ कप्तान स्टीव स्मिथ और शॉन मार्श ही पूरी सीरीज में पारी में 60 या इससे अधिक रन बना पाए थे. पीटरसन ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को स्पिन गेंदबाजी का सामना करने में फुटवर्क के लिहाज से कुछ टिप्स का ऑफर भी किया. उनकी सलाह सीधी है. अपना अगला पैर जमाकर मत रखो, गेंद का इंतजार करो और खेलो.
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