जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मौत हमारे दरवाज़े तक पहुंच गई थी : हरियाणा क्रिकेटर नितिन सैनी

जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मौत हमारे दरवाज़े तक पहुंच गई थी : हरियाणा क्रिकेटर नितिन सैनी

नितिन सैनी ने इस साल रणजी ट्रॉफी में हरियाणा के तरफ से सबसे ज्यादा 989 रन बनाए हैं

खास बातें

  • परिवार के सदस्यों को अपनी जान बचाने के लिए छुपना पड़ा था
  • इंडियन एक्सप्रेस में दिए गए एक इंटरव्यू में नितिन ने किया खुलासा
  • इस आंदोलन के दौरान नितिन के एक दोस्त की मौत भी हो गई थी
नई दिल्ली:

हरियाणा के तरफ से इस साल रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले नितिन सैनी ने एक सनसनी खुलासा करते हुए बताया है कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान कैसे मौत उनके दरवाजे तक पहुंच गई थी और कैसे वह और उनके परिवार के सदस्यों को अपनी जान बचाने के लिए छुपना पड़ा था.

इंडियन एक्सप्रेस में दिए गए एक इंटरव्यू में नितिन ने इन बातों का खुलासा किया है. इस आंदोलन के दौरान नितिन के एक दोस्त की मौत भी हो गई थी.  नितिन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि जाट आंदोलन के दौरान तीन दिन तक उन्हें अपने परिवार के साथ छत की सीढ़ी के पास छुपना पड़ा था.

उनकी आंखों के सामने उनके एक दोस्त की मौत हो गई थी. नितिन के दोस्त अनिल सैनी की दुकान हमारे नजदीक थी. उग्र भीड़ अनिल की दुकान को पूरी तरह नष्ट कर दिया था. जब भीड़ वहां से चली गई थी तब अनिल अपनी दुकान का जायज़ जा रहा था तो भीड़ दोबारा वापस आ गई. अनिल को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा फिर पास में पड़े इलेक्ट्रिक वायर के संपर्क में आ गया जिसमे करेंट दौड़ रहा था और अनिल की मौत हो गई.
 
नितिन ने बताया की भीड़ उनके घर के दरवाज़े के 20 फीट के दूर तक आ गई थी लेकिन फिर वापस चली गई. नितिन का कहना है कि चारों तरफ सिर्फ आग और धुआं था. भीड़ हाथ में हथियार लेकर घूम रही थी और नितिन और उनके परिवार लोग छुपे हुए थे. सभी लाचर थे. नितिन का कहना है हरियाणा राज्य क्रिकेट संघ के सचिव अनिरुद्ध चौधरी ने उनकी मदद की थी. "चौधरी खुद जाट हैं और इस संकट में हमारे बहुत मदद की. वह हर दो-तीन घंटे में मुझे फ़ोन करते थे और हम लोग सुरक्षित है या नहीं पूछते थे."
 
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अनिरुद्ध चौधरी ने भी बताया है कि कैसे नितिन पूरी तरह डरा हुआ था. नितिन के घर से 20-25 मीटर दूरी पर गोलियां चल रही थीं. फिर अनिरुद्ध चौधरी ने हरियाणा क्रिकेट संघ के निदेशक आश्विन कुमार को फोन किया और नितिन के परिवार को सही सलामत वहां से निकालने का फैसला किया. हिंसा कम हो जाने के बाद नितिन और उसके परिवार लोग आश्विन कुमार के घर चले गए और वहां तीन दिन तक रुके.
 
नितिन अभी भी हिंसा को याद करते हुए सिहिर उठते हैं. जब मैच खेलते हैं तब दिमाग से तो हट जाता है लेकिन जब खाली होते तब घटना से जुड़ी बुरी यादें उन्हें सालने लगती हैं.  
 
नितिन हरियाणा के तरफ से 77 प्रथम-श्रेणी करीब 37 के औसत से 4694 रन बनाए हैं जिसमे 13 शतक और 21 अर्धशतक शामिल है. इस साल हुए रणजी ट्रॉफी में नितिन हरियाणा के तरफ से सबसे ज्यादा 989 रन बना चुके हैं जिसमे चार शतक और दो अर्धशतक शामिल है.


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