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This Article is From Mar 04, 2013

हैदराबाद टेस्ट : भारत ने शिकंजा कसा, पारी की जीत के आसार

हैदराबाद: क्रिकेट को 'अनिश्चितताओं का खेल' कहा जाता है लेकिन इसके बावजूद कुछ चीजें निश्चित होती हैं। निश्चित यह होता है कि हालात के मुताबिक हर टीम अपना वर्चस्व कायम रखने और उसे बढ़ाने का प्रयास करती है और तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट टीम हर हाल में बीते तीन दिनों से जारी अपना वर्चस्व कायम रखते हुए पारी की जीत के लिए प्रयास करेगी।

उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में जारी दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन की समाप्ति तक ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट पर 74 रन बना लिए हैं। उसने अपनी पहली पारी नौ विकेट पर 237 रनों पर घोषित की थी और भारत ने अपनी पहली पारी में 503 रन बनाए थे। इस लिहाज से मेहमान टीम अभी भी 192 रनों से पीछे चल रही है।

अब ऐसी स्थिति में भारत को हर लिहाज से पारी की जीत के लिए प्रयास करेगा लेकिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज चेन्नई टेस्ट की तरह इसे टालने का प्रयास करेंगे। वैसे आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की हार पक्की नजर आ रही है क्योंकि जिस अंदाज में ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर गेंदबाजों ने तीसरे दिन सात विकेट लेकर पिच और फिरकी के बीच दोस्ती के संकेत दिए हैं, उसे देखते हुए तो यही कहा जा सकता है कि चौथा दिन भारतीय फिरकी गेंदबाजों का होगा।

चेन्नई में 12 विकेट लेकर भारत की जीत के हीरो रहे रविचंद्रन अश्विन ने तो दो विकेट लेकर इसके संकेत भी दे दिए हैं। अब देखना है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज किस बहादुरी से अश्विन, हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा की फिरकी के साथ-साथ पहली पारी में तीन विकेट लेने वाले भुवनेश्वर कुमार की स्विंग का सामना कर पाते हैं।

बहरहाल, दिन की समाप्ति तक अश्विन ने डेविड वार्नर (26) और फिल ह्यूज (0) को चलता कर दिया था। वार्नर ने 56 गेंदों की तेज पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया। वार्नर का विकेट 56 के कुल योग पर गिरा और इसी योग पर ह्यूज भी आउट हुए।

सलामी बल्लेबाज एड कोवान 26 रनों पर नाबाद लौटे जबकि शेन वॉटसन ने नौ रन बनाए हैं। वॉटसन ने 27 गेंदों पर एक छक्का लगाया है। कोवान ने अपनी 100 गेंदों की संयमित पारी में चार चौके जड़े हैं।

इससे पहले, भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 503 रन बनाए। भारत के लिए चेतेश्वर पुजारा (204) और मुरली विजय (167) ने शानदार शतकीय पारियां खेलीं। इस तरह भारत ने पहली पारी की तुलना में 266 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की।

ऑस्ट्रेलिया की ओर से अपना पहला टेस्ट खेल रहे ग्लेन मैक्सवेल ने चार विकेट लिए जबकि जेवियर डोर्थी ने तीन विकेट हासिल किए। जेम्स पेटिंसन को दो सफलता मिली। एक विकेट पीटर सिडल को भी मिला।

भारत ने दूसरे दिन रविवार को स्टम्प्स तक एक विकेट के नुकसान पर 311 रन बनाए थे। तीसरे दिन भारतीय पारी की शुरुआत मुरली (129) और पुजारा (162) ने की। मुरली ने संयम के साथ खेलते हुए टेस्ट मैचों में अपने सर्वोच्च योग (139) को पार किया लेकिन 387 रनों के कुल योग पर वह मैक्सवेल की गेंद पर एड कोवान के हाथों लपके गए। मुरली ने अपनी 361 गेंदों की मैराथन पारी में 23 चौके और दो छक्के लगाए।

मुरली और पुजारा ने दूसरे विकेट के लिए रिकार्ड 370 रनों की साझेदारी की। मुरली के आउट होने के बाद सचिन तेंदुलकर विकेट पर आए। सचिन की मौजूदगी में ही पुजारा ने अपने करियर का दूसरा दोहरा शतक पूरा किया। पुजारा ने इससे पहले 2010 में अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ 206 रनों की नाबाद पारी खेली थी।

अपनी इस पारी के दौरान पुजारा ने टेस्ट मैचों में 1000 रन भी पूरे किए। पुजारा ने अपने करियर के 11वें टेस्ट की 18वीं पारी में यह मुकाम हासिल किया है। पारी की संख्या के लिहाज से वह 1000 रन बनाने वाले दूसरे सबसे तेज भारतीय हैं जबकि टेस्ट मैचों के लिहाज से वह इस मुकाम पर सबसे तेज पहुंचने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं।

टेस्ट मैचों में सबसे कम पारियों में 1000 रन बनाने वाले भारतीय विनोद काम्बली हैं। काम्बली ने 12 मैचों की 14 पारियों में यह मुकाम हासिल कर लिया था। जहां तक सबसे कम टेस्ट मैचों में यह मुकाम हासिल करने की बात है तो पुजारा से पहले यह रिकार्ड सुनील गावस्कर के नाम था, जिन्होंने 11 मैचों की 21 पारियों में 1000 रन बनाए थे।

सचिन और पुजारा काफी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन 393 रनों के कुल योग पर पुजारा ने जेम्स पैटिंसन की एक ऊंची उठती गेंद को हुक करने का प्रयास किया और जेवियर डोर्थी के हाथों लपके गए। पुजारा ने अपनी 341 गेंदों की पारी में 30 चौके और एक छक्का लगाया।

सचिन लय में थे लेकिन इसके बावजूद वह सात रन बनाकर 404 रनों के कुल योग पर भोजनकाल के ठीक बाद पैटिंसन की गेंद पर विकेट के पीछे मैथ्यू वेड के हाथों लपके गए। भारत का पांचवां विकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (44) के रूप में गिरा। धोनी ने अपनी 43 गेंदों की पारी में आठ चौके लगाए।

चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार दोहरा शतक लगाने वाले धोनी ने कोहली के साथ पांचवें विकेट के लिए 56 रनों की साझेदारी की। गेंद के साथ कमाल दिखा चुके रवींद्र जडेजा (10) ने निराश किया। इसी तरह रविचंद्रन अश्विन (1) सस्ते में आउट हुए।

हरभजन सिंह (0) खाता तक नहीं खोल सके। भज्जी के आउट होने के बाद 491 रनों के कुल योग पर भारत ने कोहली (34) का विकेट गंवाया। कोहली ने अपनी 93 गेंदों की संयमित पारी मे तीन चौके लगाए।

अपनी इस पारी के दौरान दो रन बनाने के साथ कोहली ने टेस्ट मैचों में 1000 रन पूरे किए। कोहली ने अपने करियर के 16वें टेस्ट की 27वीं पारी में यह मुकाम हासिल किया है। भारत का अंतिम विकेट भुवनेश्वर कुमार (10) के रूप में गिरा। इसी के साथ चायकाल की घोषणा हुई।

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