हैदराबाद:
भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी चार मैचों की टेस्ट शृंखला में 2-0 की बढ़त बना ली है।
भारत ने मंगलवार को हैदराबाद टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया पर मिली पारी व 135 रनों की जीत के साथ ऐसी स्थिति बना ली है जहां से उसे शृंखला गंवाने का डर नहीं रहेगा। चेन्नई टेस्ट मैच में भारत की जीत के हीरो रहे फिरकी गेंदाबज रविचंद्रन अश्विन (63/5) और रवींद्र जडेजा (33/3) के बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम ने उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को बड़े अंतर से मात दी।
भारत के लिए 204 रनों की शानदार पारी खेलने वाले सौराष्ट्र के बल्लोबाज चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द मैच चुना गया। यह मैच भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए यादगार रहा, क्योंकि इसमें टीम को जीत दिलाने के साथ वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन गए हैं। धोनी ने 22 टेस्ट जीत के साथ पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को पीछे छोड़ा, जिनके नेतृत्व में भारत ने 21 टेस्ट मैचों में जीत हासिल की थी।
बहरहाल, जैसा कि उम्मीद थी भारतीय गेंदाबाजों ने स्पिन ले रही विकेट पर अपनी टीम को मंगलवार को मैच के चौथे दिन पारी की जीत दिलाने की मुहिम शुरू की। इस अभियान में उन्हें आशातीत सफलता मिली और पहली पारी के आधार पर 266 और तीसरे दिन की समाप्ति तक 192 रनों से पिछड़ रही मेहमान टीम चौथे दिन भोजनकाल से ठीक पहले अपनी दूसरी पारी में 131 रनों पर ढेर हो गई।
इस मैच में भारतीय वर्चस्व का आलम यह रहा कि पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मैच में 368 रन बटोरे, जाकि भारत के दो बल्लोबाजों-पुजारा (204) और मुरली विजय (167) ने दूसरे विकेट के लिए 370 रन जोड़े थे। अब दोनों टीमें मोहाली का रुख करेंगी, जहां पंजाब क्रिकेट संघ मैदान (पीसीए) पर 18 फरवरी से तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा।
चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया के लिए दिन की शुरुआत एड कोवान और शेन वॉटसन ने की। कोवान 26 और वॉटसन नौ रनों पर नाबाद लौटे थे। तीसरे दिन मेहमान टीम ने डेविड वार्नर (26) फिलिप ह्यूज (0) के विकेट गंवाकर 74 रन बनाए थे।
ऑस्ट्रेलिया के लिए दिन की शुरुआत बेहद खराब रही। वॉटसन अपने तीसरे दिन के स्कोर में बिना कोई रन जोड़े इशांत शर्मा की बाहर जाती गेंद के साथ छेड़खानी के प्रयास में विकेट के पीछे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपके गए।
इसके बाद कोवान और कप्तान माइकल क्लार्क ने सम्भलकर खेलते हुए स्कोर को 100 के पार पहुंचाया। ऐसा लग रहा था कि यह जोड़ी ऑस्ट्रेलिया को मुश्किल से उबारने की ओर अग्रसर हो सकती है, लेकिन 108 रनों के कुल योग पर रवींद्र जडेजा ने एक बेहतरीन गेंद पर क्लार्क को बोल्ड कर दिया।
क्लार्क हैरान थे कि जिस गेंद को डिफेंड करने के लिए उन्होंने बल्ला और पैड एक साथ आगे बढ़ाया था, वह अचानक विकेट में कैसे घुस गई। जो भी हो लेकिन जडेजा ने एक बेहद उम्दा गेंद पर भारत को बड़ी सफलता दिलाई।
क्लार्क ने 31 गेंदों का सामना करते हुए एक छक्का लगाया। इसके बाद मानो कोवान का भी मनोबल टूट गया और 111 रनों के कुल योग पर वह भी अपना संयम खो बेठे। वह जडेजा की एक गेंद पर बल्ला लगा बैठे, जो विकेट से सटे कप्तान धोनी के ग्लव्स से टकराकर पहले स्लिप में खड़े वीरेंद्र सहवाग के पास गई, जिन्होंने उसे लपकने में कोई गलती नहीं की।
कोवान ने 44 रन बनाए। उन्होंने 150 गेदों का सामना करते हुए छह चौके लगाए। कोवान का स्थान लेने आए मोएसिस हेनरिक्स से टीम को काफी उम्मीदें थीं लेकिन चार गेंदों का सामना करने के बाद वह एक रन चुराने के प्रयास में जडेजा के हाथों रन आउट कर दिए गए। जडेजा ने सीधे थ्रो पर हेनरिक्स को पवेलियन की राह दिखाई।
इसके बाद अश्विन ने अपना पहला टेस्ट खेल रहे ग्लेन मैक्सवेल (8), मैथ्यू वेड (10) और जेम्स पेटिंसन (0) तथा जडेजा ने पीटर सिडल (4) को आउट करते हुए मेहमान टीम की पारी समेट दी। भारतीय स्पिनरों ने इस मैच में कुल 14 विकेट हासिल किए, जाकि चेन्नई में उन्हें 20 विकेट मिले थे।
ऑस्ट्रेलिया ने मैच के पहले दिन नौ विकेट पर 237 रन बनाने के बाद अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी। इसके बाद भारत ने चेतेश्वर पुजारा (204) और मुरली विजय (167) की बेहतरीन पारियों की मदद से अपनी पहली पारी में 503 रन बनाए थे। भारत को पहली पारी के आधार पर 266 रनों की बढ़त मिली थी।
भारत ने मंगलवार को हैदराबाद टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया पर मिली पारी व 135 रनों की जीत के साथ ऐसी स्थिति बना ली है जहां से उसे शृंखला गंवाने का डर नहीं रहेगा। चेन्नई टेस्ट मैच में भारत की जीत के हीरो रहे फिरकी गेंदाबज रविचंद्रन अश्विन (63/5) और रवींद्र जडेजा (33/3) के बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम ने उप्पल स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को बड़े अंतर से मात दी।
भारत के लिए 204 रनों की शानदार पारी खेलने वाले सौराष्ट्र के बल्लोबाज चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द मैच चुना गया। यह मैच भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए यादगार रहा, क्योंकि इसमें टीम को जीत दिलाने के साथ वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन गए हैं। धोनी ने 22 टेस्ट जीत के साथ पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को पीछे छोड़ा, जिनके नेतृत्व में भारत ने 21 टेस्ट मैचों में जीत हासिल की थी।
बहरहाल, जैसा कि उम्मीद थी भारतीय गेंदाबाजों ने स्पिन ले रही विकेट पर अपनी टीम को मंगलवार को मैच के चौथे दिन पारी की जीत दिलाने की मुहिम शुरू की। इस अभियान में उन्हें आशातीत सफलता मिली और पहली पारी के आधार पर 266 और तीसरे दिन की समाप्ति तक 192 रनों से पिछड़ रही मेहमान टीम चौथे दिन भोजनकाल से ठीक पहले अपनी दूसरी पारी में 131 रनों पर ढेर हो गई।
इस मैच में भारतीय वर्चस्व का आलम यह रहा कि पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मैच में 368 रन बटोरे, जाकि भारत के दो बल्लोबाजों-पुजारा (204) और मुरली विजय (167) ने दूसरे विकेट के लिए 370 रन जोड़े थे। अब दोनों टीमें मोहाली का रुख करेंगी, जहां पंजाब क्रिकेट संघ मैदान (पीसीए) पर 18 फरवरी से तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा।
चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया के लिए दिन की शुरुआत एड कोवान और शेन वॉटसन ने की। कोवान 26 और वॉटसन नौ रनों पर नाबाद लौटे थे। तीसरे दिन मेहमान टीम ने डेविड वार्नर (26) फिलिप ह्यूज (0) के विकेट गंवाकर 74 रन बनाए थे।
ऑस्ट्रेलिया के लिए दिन की शुरुआत बेहद खराब रही। वॉटसन अपने तीसरे दिन के स्कोर में बिना कोई रन जोड़े इशांत शर्मा की बाहर जाती गेंद के साथ छेड़खानी के प्रयास में विकेट के पीछे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों लपके गए।
इसके बाद कोवान और कप्तान माइकल क्लार्क ने सम्भलकर खेलते हुए स्कोर को 100 के पार पहुंचाया। ऐसा लग रहा था कि यह जोड़ी ऑस्ट्रेलिया को मुश्किल से उबारने की ओर अग्रसर हो सकती है, लेकिन 108 रनों के कुल योग पर रवींद्र जडेजा ने एक बेहतरीन गेंद पर क्लार्क को बोल्ड कर दिया।
क्लार्क हैरान थे कि जिस गेंद को डिफेंड करने के लिए उन्होंने बल्ला और पैड एक साथ आगे बढ़ाया था, वह अचानक विकेट में कैसे घुस गई। जो भी हो लेकिन जडेजा ने एक बेहद उम्दा गेंद पर भारत को बड़ी सफलता दिलाई।
क्लार्क ने 31 गेंदों का सामना करते हुए एक छक्का लगाया। इसके बाद मानो कोवान का भी मनोबल टूट गया और 111 रनों के कुल योग पर वह भी अपना संयम खो बेठे। वह जडेजा की एक गेंद पर बल्ला लगा बैठे, जो विकेट से सटे कप्तान धोनी के ग्लव्स से टकराकर पहले स्लिप में खड़े वीरेंद्र सहवाग के पास गई, जिन्होंने उसे लपकने में कोई गलती नहीं की।
कोवान ने 44 रन बनाए। उन्होंने 150 गेदों का सामना करते हुए छह चौके लगाए। कोवान का स्थान लेने आए मोएसिस हेनरिक्स से टीम को काफी उम्मीदें थीं लेकिन चार गेंदों का सामना करने के बाद वह एक रन चुराने के प्रयास में जडेजा के हाथों रन आउट कर दिए गए। जडेजा ने सीधे थ्रो पर हेनरिक्स को पवेलियन की राह दिखाई।
इसके बाद अश्विन ने अपना पहला टेस्ट खेल रहे ग्लेन मैक्सवेल (8), मैथ्यू वेड (10) और जेम्स पेटिंसन (0) तथा जडेजा ने पीटर सिडल (4) को आउट करते हुए मेहमान टीम की पारी समेट दी। भारतीय स्पिनरों ने इस मैच में कुल 14 विकेट हासिल किए, जाकि चेन्नई में उन्हें 20 विकेट मिले थे।
ऑस्ट्रेलिया ने मैच के पहले दिन नौ विकेट पर 237 रन बनाने के बाद अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी। इसके बाद भारत ने चेतेश्वर पुजारा (204) और मुरली विजय (167) की बेहतरीन पारियों की मदद से अपनी पहली पारी में 503 रन बनाए थे। भारत को पहली पारी के आधार पर 266 रनों की बढ़त मिली थी।
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