विज्ञापन
This Article is From Jun 16, 2016

जानें गठिया की बीमारी ने बिली बोडेन को कैसे बना दिया लोकप्रिय अंपायर...

जानें गठिया की बीमारी ने बिली बोडेन को कैसे बना दिया लोकप्रिय अंपायर...
बिली बोडेन की फाइल फोटो
नई दिल्‍ली: वैसे तो अंपायर अपने अलग-अलग अंदाज़ के लिए जाने जाते है। इंग्लैंड के अंपायर डेविड शेफर्ड नेल्सन नंबर पर कूदने की वजह से काफी लोकप्रिय थे। वेस्टइंडीज के अंपायर स्टीव बकनर निर्णय देने से पहले समय लेने के लिए जाने जाते थे। लेकिन स्टाइल के मामले में अगर किसी अंपायर ने क्रिकेट प्रेमियों का सबसे ज्यादा दिल जीता है तो वह हैं न्यूज़ीलैंड के अंपायर बिली बोडेन। बिली बोडेन अपनी खास अंपायरिंग शैली के लिए मशहूर हैं।

बिली की निर्णय देने की शैली ने क्रिकेट प्रेमियों के बीच उन्हें लोकप्रिय बना दिया है। आज बिली बोडेन इसलिए चर्चा में है क्‍योंकि न्यूज़ीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट पैनल से हटा दिया है। अब बिली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में अंपायरिंग नहीं कर सकते हैं। लेकिन न्यूज़ीलैंड के घरेलू मैचों में वह अंपायरिंग करते रहेंगे।  

क्रिकेटर बनने की थी ख्‍वाहिश
दरअसल बिली बोडेन तेज गेंदबाज़ बनना चाहते थे लेकिन 21 साल की उम्र में रुमेटी (गठिया) बीमारी के वजह से उनके क्रिकेटर बनने का सपना ख़त्म हो गया। इतनी कम उम्र में इस बीमारी की वजह से बिली काफी निराश थे। उनको लग रहा था कि ज़िंदगी उनका इम्तिहान ले रही है। उनके साथ नाइंसाफी हो रही है। लेकिन बिली हार मानने वाले नहीं थे। जब बिली बोडेन यह सोच रहे थे कि क्रिकेट और उनका रिश्ता ख़त्म होने जा रहा है तब किस्मत ने उनके सामने एक नया रास्ता खोल दिया था और वह था अंपायरिंग। क्रिकेटर तो नहीं बन पाए लेकिन अंपायर बनते हुए मैदान के अंदर क्रिकेटरों के मास्टर बन गए।  

बीमारी ने बिली को बनाया लोकप्रिय
बिली को जब पता चला कि वह रुमेटी की बीमारी से पीड़ित हैं तो वह शर्मिंदा महसूस करने लगे। पहले इस बीमारी के बारे में वह किसी को नहीं बता रहे थे लेकिन धीरे धीरे वह समाज का सामना करने सीखे। क्रिकेट छोड़कर अंपायरिंग में अपना करियर शुरू किया। 2009 में न्यूज़ीलैंड के प्रसिद्ध अखबार को इंटरव्यू देते हुए बिली ने बताया था कि यह बीमारी उन के लिए सही साबित हुई। अगर वह इस बीमारी से पीड़ित नहीं होते और क्रिकेट खेल रहे होते तो हो सकता हैं कि आज वह इतना लोकप्रिय नहीं होते। बिली का कहना था कि इस बीमारी की वजह से पूरी दुनिया आज उनको जानती है।

बीमारी के वजह से नहीं कर पाते अंगुली सीधा
इस बीमारी के वजह से बिली बोडेन अपने अंगुली सीधा नहीं कर पाते और टेढ़ी अंगुली में उनको आउट, छक्का या चौका का निर्णय देना पड़ता है। लेकिन इस अंदाज के कारण वह क्रिकेट प्रेमियों के बीच काफी मशहूर हैं। 1995 में अपने अंपायरिंग करियर की शुरुआत करने वाले बिली बोडेन अभी तक 200 एक दिवसीय और 84 टेस्ट मैच में अंपायरिंग कर चुके हैं। 2005 में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी-20 मैच के दौरान बिली बोडेन ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ ग्लेन मैग्राथ को रेड कार्ड दिखाया था। उसकी वजह से वह काफी चर्चा में रहे थे।    

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com