बांग्लादेश और भारत के खिलाफ राशिद खान अफगान टीम के सबसे बड़े स्टार हैं, जिन पर नजर रहेगी
नई दिल्ली:
अब यह तो पूरी दुनिया जान गई है कि अफगानिस्तान क्रिकेट को खड़ा करने में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का कितना बड़ा योगदान रहा है. फिर चाहे यह आर्थिक मदद रही हो, या फिर इस टीम को बाकी संसाधन और मैच उपलब्ध कराना, भारतीय बोर्ड हमेशा से इस देश के लिए मानो किसी अभिवावक की तरह उपलब्ध रहा है. और अब बीसीसीआई ने अफगानिस्तान को मदद के रूप में एक ऐसा बड़ा तोहफा दिया है, जो इस देश को आगे ले जाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. दरअसल बीसीसीआई ने यह ऐलान किया है कि भारत का दौरा करने वाली टीम को अफगानिस्तान टीम के खिलाफ अनिवार्य रूप से अभ्यास मैच खेलना होगा. और इसके पीछे जानकार बड़ी वजह मान रहे हैं.असगर स्टैनिकजई अफगानिस्तान टीम के कप्तान हैं, लेकिन इस टीम का आकर्षण लेग स्पिनर राशिद खान बने हुए हैं.
यह भी पढ़ें: भारत के खिलाफ टेस्ट के लिए अफगानिस्तान टीम घोषित, जानें राशिद खान के अलावा किस-किस को मिला स्थान...
एसीबी के अध्यक्ष आतिफ मशाल ने इस फैसले पर बीसीसीआई का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हम भारत के हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे. पहले बीसीसीआई ने ग्रेटर नोएडा को हमारे होम ग्राउंड को मंजूरी दी. और अब उन्होंने इसमें देहरादून के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम को भी शामिल कर लिया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अब आईसीसी का पूर्णकालिक सदस्य है. और बीसीसीआई के इन दोनों फैसलों के बाद हमारे सबंध और मजबूत होंगे. भारतीय बोर्ड ने देहरादून के स्टेडियम को अफगान टीम को होम ग्राउंड को मान्यता देने का फैसला कुछ ही दिन पहले किया था.और अब वहीं बीसीसीआई ने ऐलान कर दिया है कि भारत आने वाली हर विदेशी टीम को अफगान टीम के खिलाफ प्रैक्टिस मैच खेलना होगा.
क्रिकेट के जानकार मानते हैं कि बीसीसीआई की इन फैसलों के पीछे रणनीति यही है कि अफगानिस्तान तेजी से प्रगति करे. और इस स्थिति में पहुंच जाए, जहां से टीम पड़ोसी पाकिस्तान को पटखने की क्षमता हासिल कर सके. वहीं, अफगान एक ऐसी टीम बन सके, जो न केवल भारतीय उपमहाद्वीप की बाकी बल्कि बाहर विदेशी टीमों पर भी अपना गहरा प्रभाव छोड़ सके
अफगानिस्तानी टीम इन दिनों देहरादून में बांग्लादेश के खिलाफ देहरादून में रविवार से शुरू हो रही तीन टी-20 मैचों की तैयारी में व्यस्त है. इसके बाद उसे भारत के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच बेंगलुरु में खेलना है, जो 14 जून से चिन्ना स्वामी स्टेडियम में खेला जाएगा. इससे पहले अफगान टीम ने अपनी तैयारी के तहत काफी समय ग्रेटर नोएडा में बिताया था. देहरादून और ग्रेटर नोएडा को अफगानिस्तान का होम ग्राउंड का दर्जा प्राप्त है. अगर अफगानिस्तान टीम ने इतनी तेजी से विकास किया है, तो इसमें बीसीसीआई की कोशिशों का बहुत ही ज्यादा योगदान रहा है. और अब बीसीसीआई के हालिया फैसले से अफगानिस्तान क्रिकेट के पदाधिकारी बहुत ही गदगद हैं.Evenly posed Asian teams @ACBofficials & @BCBtigers will take on each other in a three-match T20I series. Catch the T20I thriller LIVE. Book Now ➡️ https://t.co/jr25kTcYpK pic.twitter.com/nFwJYGObhI
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— Afghan Cricket Board (@ACBofficials) May 31, 2018
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एसीबी के अध्यक्ष आतिफ मशाल ने इस फैसले पर बीसीसीआई का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हम भारत के हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे. पहले बीसीसीआई ने ग्रेटर नोएडा को हमारे होम ग्राउंड को मंजूरी दी. और अब उन्होंने इसमें देहरादून के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम को भी शामिल कर लिया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अब आईसीसी का पूर्णकालिक सदस्य है. और बीसीसीआई के इन दोनों फैसलों के बाद हमारे सबंध और मजबूत होंगे. भारतीय बोर्ड ने देहरादून के स्टेडियम को अफगान टीम को होम ग्राउंड को मान्यता देने का फैसला कुछ ही दिन पहले किया था.और अब वहीं बीसीसीआई ने ऐलान कर दिया है कि भारत आने वाली हर विदेशी टीम को अफगान टीम के खिलाफ प्रैक्टिस मैच खेलना होगा.
VIDEO: पिछले दिनों आईपीएल में हैदराबाद के लिए राशिद खान ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया.Afghanistan squad for historic one-off Test against India#AFGvIND #HistoricTest pic.twitter.com/1mbZaQkszU
— Afghan Cricket Board (@ACBofficials) May 29, 2018
क्रिकेट के जानकार मानते हैं कि बीसीसीआई की इन फैसलों के पीछे रणनीति यही है कि अफगानिस्तान तेजी से प्रगति करे. और इस स्थिति में पहुंच जाए, जहां से टीम पड़ोसी पाकिस्तान को पटखने की क्षमता हासिल कर सके. वहीं, अफगान एक ऐसी टीम बन सके, जो न केवल भारतीय उपमहाद्वीप की बाकी बल्कि बाहर विदेशी टीमों पर भी अपना गहरा प्रभाव छोड़ सके
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