गॉल:
गॉल टेस्ट में शर्मनाक हार से भारतीय टीम धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रही है, लेकिन सुखिर्यों में टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी हरभजन सिंह हैं, जिनके खराब प्रदर्शन के बाद उनके भविष्य को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं।
मैच में 40 विकेट गिरे और इनमें से दोनों टीमों के पांच विशेषज्ञ स्पिनरों ने 31 विकेट हासिल किए, लेकिन यहां पर आंकड़ा निश्चित तौर पर हरभजन को परेशान करेगा, क्योंकि इन 31 विकेटों में उनके नाम पर केवल एक विकेट दर्ज है। इसके लिए उन्होंने 25 ओवरों में 90 रन भी लुटाए।
भारत के मुख्य गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने जहां 10 विकेट लिए, वहीं अमित मिश्रा ने भी दोनों पारियों में पांच विकेट लेकर अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई। श्रीलंका की तरफ से थारिंदु कौशल ने आठ, जबकि 37-वर्षीय रंगना हेराथ ने पहली पारी के निराशाजनक प्रदर्शन में सुधार करके दूसरी पारी में सात विकेट हासिल किए।
हेराथ ने जहां मैच में पासा पलटने में अहम भूमिका निभाई, वहीं हरभजन मैदान पर संघर्ष करते ही नजर आए। दिनेश चांदीमल ने इस ऑफ स्पिनर सहित भारतीय आक्रमण की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि 'टर्बनेटर' ने केवल एक अच्छा स्पेल किया, लेकिन इसके बाद उन्होंने हरभजन का बचाव करते हुए कहा कि बीच में एक समय ऐसा था, जबकि चांदीमल ने प्रत्येक गेंदबाज की धुनाई की।
हरभजन शुरू से ही लय में नहीं दिख रहे थे और मैच आगे बढ़ने के साथ तो यह स्पष्ट दिखने लगा। पहली पारी में उन्होंने अश्विन की तुलना में शॉर्ट लेंथ वाली गेंदें की तथा एंजेलो मैथ्यूज और चांदीमल ने आसानी से उन्हें खेला। वह अश्विन की तरह तेज टर्न हासिल करने में नाकाम रहे और तमिलनाडु के अपने साथी की तुलना उनकी मारक क्षमता आधी थी।
यदि हरभजन की हेराथ से तुलना करें, क्योंकि दोनों लगभग समान उम्र के हैं, तो श्रीलंकाई स्पिनर ने पहली पारी से सबक लेकर दूसरी पारी में बहुत बढ़िया गेंदबाजी की, लेकिन भारतीय स्पिनर ऐसा नहीं कर पाया।
हेराथ ने मैच के बाद कहा था, जब आप उम्रदराज हो जाते हैं, तो आपको अन्य की तुलना में कुछ खास करना होता है। पिछले कुछ वर्षों में मैंने काफी अनुभव हासिल किया है। यदि मैं कुछ और सीख सकता हूं, तो मैं उसके लिए तैयार हूं। हेराथ के इस बयान पर उम्मीद है कि हरभजन गौर करेंगे।
मैच में 40 विकेट गिरे और इनमें से दोनों टीमों के पांच विशेषज्ञ स्पिनरों ने 31 विकेट हासिल किए, लेकिन यहां पर आंकड़ा निश्चित तौर पर हरभजन को परेशान करेगा, क्योंकि इन 31 विकेटों में उनके नाम पर केवल एक विकेट दर्ज है। इसके लिए उन्होंने 25 ओवरों में 90 रन भी लुटाए।
भारत के मुख्य गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने जहां 10 विकेट लिए, वहीं अमित मिश्रा ने भी दोनों पारियों में पांच विकेट लेकर अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई। श्रीलंका की तरफ से थारिंदु कौशल ने आठ, जबकि 37-वर्षीय रंगना हेराथ ने पहली पारी के निराशाजनक प्रदर्शन में सुधार करके दूसरी पारी में सात विकेट हासिल किए।
हेराथ ने जहां मैच में पासा पलटने में अहम भूमिका निभाई, वहीं हरभजन मैदान पर संघर्ष करते ही नजर आए। दिनेश चांदीमल ने इस ऑफ स्पिनर सहित भारतीय आक्रमण की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि 'टर्बनेटर' ने केवल एक अच्छा स्पेल किया, लेकिन इसके बाद उन्होंने हरभजन का बचाव करते हुए कहा कि बीच में एक समय ऐसा था, जबकि चांदीमल ने प्रत्येक गेंदबाज की धुनाई की।
हरभजन शुरू से ही लय में नहीं दिख रहे थे और मैच आगे बढ़ने के साथ तो यह स्पष्ट दिखने लगा। पहली पारी में उन्होंने अश्विन की तुलना में शॉर्ट लेंथ वाली गेंदें की तथा एंजेलो मैथ्यूज और चांदीमल ने आसानी से उन्हें खेला। वह अश्विन की तरह तेज टर्न हासिल करने में नाकाम रहे और तमिलनाडु के अपने साथी की तुलना उनकी मारक क्षमता आधी थी।
यदि हरभजन की हेराथ से तुलना करें, क्योंकि दोनों लगभग समान उम्र के हैं, तो श्रीलंकाई स्पिनर ने पहली पारी से सबक लेकर दूसरी पारी में बहुत बढ़िया गेंदबाजी की, लेकिन भारतीय स्पिनर ऐसा नहीं कर पाया।
हेराथ ने मैच के बाद कहा था, जब आप उम्रदराज हो जाते हैं, तो आपको अन्य की तुलना में कुछ खास करना होता है। पिछले कुछ वर्षों में मैंने काफी अनुभव हासिल किया है। यदि मैं कुछ और सीख सकता हूं, तो मैं उसके लिए तैयार हूं। हेराथ के इस बयान पर उम्मीद है कि हरभजन गौर करेंगे।
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