
हरभजन सिंह इस समय टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं... (फाइल फोटो)
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टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में पाकिस्तान ने बुरी तरह हराया है
टीम इंडिया की गेंदबाजी और बल्लेबाजी पूरी तरह नाकाम रही
पाकिस्तान ने पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीती है
'दूसरा' के लिए मशहूर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह इस समय टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं. उन्होंने मंगलवार को एक कॉलम लिखा है, जिसमें चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया की करारी हार का विश्लेषण किया है. भज्जी ने टीम इंडिया की इस हार के लिए मुख्य रूप से गेंदबाजों को दोषी ठहराया है. उन्होंने खासतौर पर स्पिनरों को निशाने पर लिया है...
भज्जी का कहना है कि भारतीय टीम को गेंदबाजों ने नीचा दिखाया है. गौरतलब है कि रविवार को ओवल में खेले गए फाइनल मुकाबले में पूरे टूर्नामेंट में फॉर्म में रहे जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे गेंदबाज पूरी तरह फेल रहे थे. केवल भुवनेश्वर कुमार ने किफायती और कसी हुई गेंदबाजी की थी, लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिला. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और 50 ओवरों में 4 विकेट पर 338 रन बना दिए थे, जिससे भारतीय बल्लेबाजी दबाव में आ गई.
आईसीसी की वेबसाइट पर लिखे कॉलम में हरभजन ने कहा है, 'जब जरूरत पड़ी, तो हमारे गेंदबाजों ने हमें निराश किया. हमने अच्छी शुरुआत नहीं की. द ओवल पर खेले गए फाइनल मैच में खास मौका काफी पहले आ गया था, जब बुमराह की नोबॉल पर फखर जमां को महेंद्र सिंह धोनी ने लपक लिया था.'
भज्जी के अनुसार टीम इंडिया को बीच के ओवरों में दो अनुभवी स्पिनरों आर अश्विन और रवींद्र जडेजा से बड़ी उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने निराश किया. गौरतलब है कि इन दोनों ने न तो विकेट लिए और न ही रन रोक पाए.
भज्जी ने कहा, 'स्पिनरों ने ज्यादा रन देकर हमारी मदद नहीं की. साथ ही उन्होंने विकेट नहीं लिए.'
हरभजन ने टीम इंडिया की हार का दूसरा कारण खराब फील्डिंग बताया. गौरतलब है कि फाइनल में शुरुआती ओवरों में टीम इंडिया को रनआउट के कई चांस मिले थे, लेकिन थ्रो विकेटों पर नहीं लगा. इसका पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने भरपूर फायदा उठाया.
उन्होंने लिखा है, 'पहले मैचों की तुलना में हमारी फील्डिंग अच्छी नहीं थी. यह उस तरह का प्रदर्शन था जहां हम विकेट की उम्मीद कर रहे हों और फिर बेकार फील्डिंग देखने को मिले. मध्य के ओवरों में जो रन दिए गए वह ज्यादा थे.'
उन्होंने लिखा है, 'उनकी साझेदारियां अहम समय पर हुईं. वह पहली गेंद से अच्छा खेले. उनके प्रदर्शन को देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ खेल फाइनल के लिए ही बचा रखा हो.'
(इनपुट एजेंसी से भी)
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