वेस्टइंडीज के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के बल्ले के आकार की सीमा तय करने के प्रस्ताव पर गुरुवार को अपनी असहमति जताई।
ऑस्ट्रेलिया के समाचार पत्र 'सिडनी मॉर्निग हेराल्ड' के अनुसार गेल ने कहा, 'बड़ी कद-काठी के खिलाड़ियों के लिए बड़े बल्ले की जरूरत है। लोग कहते हैं यह बल्लेबाजों का खेल रह गया है, लेकिन सच यह है कि गेंदबाजों ने भी अपने कौशल में काफी बेहतर बदलाव किए हैं।'
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने भी गेल और 45 मिलीमीटर मोटे बल्ले से खेलने वाले ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर का समर्थन किया।
गौरतलब है कि फिलहाल बल्ले की मोटाई पर कोई रोक नहीं है और कई बल्लेबाज इसका फायदा उठाते हुए बेहद मोटे बल्ले से खेलते हैं। ब्रेट ली ने कहा, 'अगर गेल और वार्नर जैसे खिलाड़ी ज्यादा भारी बल्ला उठाने में सक्षम हैं तो यह अच्छा है। यह खेल को और रोचक बनाता है।'
ऑस्ट्रलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल बेवन का विचार हालांकि इस मुद्दे पर अलग है। बेवन के अनुसार, 'हाल के वर्षों में गेंद के मुकाबले बल्ले में काफी सुधार हुए हैं। ऐसे में बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। अगर सभी गेंदों पर छक्के लगने लगे तो शायद ही कोई इस खेल को देखना चाहे।'
उल्लेखनीय है कि आईसीसी के प्रमुख डेविड रिचर्डसन ने बुधवार को कहा था कि मौजूदा दौर का क्रिकेट बल्लेबाजों के ज्यादा अनुरूप हो गया है। रिडर्चसन के अनुसार गेंद और बल्ले में संतुलन बनाए रखने के लिए बल्ले के आकार पर विचार किया जाएगा। साथ ही सीमारेखा को भी बढ़ाने की पहल होगी।
रिचर्डसन ने बताया कि विश्वकप में जहां संभव हो सके वहां कुछ मैदानों का आकार बढ़ा कर कम से कम 90 गज किया जाएगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं