श्रीलंका के गॉल में समंदर में मिला विशालकाय कुछुआ
गॉल:
तमाम आशंकाओं के उलट गॉल का आसमान खुला हुआ था। समय से टॉस हुआ और मैच भी शुरू हो गया। ब्रेक के दौरान ब्रॉडकास्टिंग कंपनी ड्रोन कैमरे का प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। प्लेइंग एरिया में अभी इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। आसपास के खूबसूरत नजारों को ड्रोन कैमरे के जरिए ब्रॉडकास्टिंग कंपनी अपने दर्शकों को दिखा रही है जिसे खूब पसंद किया जा रहा है। खासकर गॉल फोर्ट और समुद्र तट का दृश्य ड्रोन कैमरे से सजीव पेंटिंग की तरह लग रहा था।
गॉल की खूबसूरती को देख कुल सभी दंग हैं। हमारे क्रिकेट एक्सपर्ट सुनील गावस्कर भी पहली बार गॉल आए हैं। उन्हें गॉल देख कर वेस्टइंडीज़ याद आ गया। वेस्टइंडीज़ उनके लिए खास रहा है। 70 के दशक में वेस्टइंडीज की पिच पर उन्होंने कैरेबियाई पेस बैटरी की धज्जियां उड़ा दी थी। उनके सम्मान में लॉर्ड रियल्टी ने कैलिप्सो गाना भी तैयार किया था जो काफी मशहूर हुआ था। कॉमेंट्री करने गॉल पहुंचे पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के लिए भी गॉल का ये पहला ट्रिप है। होटल के बीच पर विशालकाय कछुए को देखकर वे भी हैरान रह गए। वहीं विजय दहिया को अपनी छोटी बेटी याद आ रही है जिसे दिल्ली में छोड़ वे यहां कॉमेंट्री करने आए हुए हैं।
गॉल की खूबसूरती को देख कुल सभी दंग हैं। हमारे क्रिकेट एक्सपर्ट सुनील गावस्कर भी पहली बार गॉल आए हैं। उन्हें गॉल देख कर वेस्टइंडीज़ याद आ गया। वेस्टइंडीज़ उनके लिए खास रहा है। 70 के दशक में वेस्टइंडीज की पिच पर उन्होंने कैरेबियाई पेस बैटरी की धज्जियां उड़ा दी थी। उनके सम्मान में लॉर्ड रियल्टी ने कैलिप्सो गाना भी तैयार किया था जो काफी मशहूर हुआ था। कॉमेंट्री करने गॉल पहुंचे पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के लिए भी गॉल का ये पहला ट्रिप है। होटल के बीच पर विशालकाय कछुए को देखकर वे भी हैरान रह गए। वहीं विजय दहिया को अपनी छोटी बेटी याद आ रही है जिसे दिल्ली में छोड़ वे यहां कॉमेंट्री करने आए हुए हैं।
गॉल इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम गॉल के मशहूर फोर्ट के बगल में है। सुनामी का कोई असर इस किले पर नहीं हुआ था। इसे पहली बार साल 1588 में पुर्तगालों ने बनवाया था। 1649 से डच शासकों ने इसे और मजबूत किया। स्टेडियम में पैसे खर्च कर मैच नहीं देखना चाहते तो फोर्ट से मैच देख सकते हैं। वहां से मैच साफ-साफ देखा जा सकता है। इस बार भी उत्साही क्रिकेट प्रेमियों की कमी नहीं है। समुद्र भी स्टेडियम के बिल्कुल पास है। अभी तक किसी बल्लेबाज का छक्का समुद्र तक नहीं पहुंच पाया है। लेकिन पिच क्यूरेटर जयनंद वर्णवीरा को पूरी उम्मीद है कि एक दिन ये कारनामा भी कोई बल्लेबाज कर जाएगा।
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