नई दिल्ली:
पूर्व चयनकर्ता मोहिंदर अमरनाथ ने बुधवार को खुलासा किया कि पिछले सत्र में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद चयनसमिति ने सर्वसम्मति से महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी से हटाने का फैसला किया था लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) प्रमुख एन. श्रीनिवासन ने उसे टाल दिया।
अमरनाथ ने कहा कि कृष्णमाचारी श्रीकांत के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय चयनसमिति ने दौरे के बाद धोनी को कप्तानी से हटाए जाने को मंजूरी दे दी थी और वह चाहती थी कि ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के साथ खेली जाने वाली त्रिकोणीय शृंखला में उन्हें बदल दिया जाए।
अमरनाथ ने कहा, "यह सभी पांचों चयनकर्ताओं का फैसला था। लेकिन बीसीसीआई प्रमुख ने धोनी को हटाए जाने के फैसले को मंजूरी नहीं दी।" उन्होंने कहा, "यदि आप किसी का सम्मान करते हैं तो आप उससे सवाल मत करो। मेरा सवाल यह है कि अपने पास एक चयन समिति है जो टीम का सर्वश्रेष्ठ सोचती है फिर उसे खुलकर काम करने की छूट क्यों नहीं दी जाती।"
अमरनाथ ने कहा, "हम आगे की ओर देखना चाहते थे। हम चाहते थे कि कोई युवा टीम की कमान संभाले, खासकर त्रिकोणीय शृंखला में ताकि हम आगे बढ़ सकें और भविष्य में कुछ बेहतर कर सकें। यदि हम भविष्य की नहीं सोचेंगे तो कैसे अच्छी टीम बना सकेंगे।" उन्होंने कहा, "हमने त्रिकोणीय शृंखला के लिए 17 खिलाड़ियों का चयन किया था लेकिन कप्तान का नहीं। कप्तान का चयन किसी और ने कर दिया।"
यह पूछे जाने पर कि समिति ने इस फैसले की मुखालफत क्यों नहीं की तो इसके जवाब में अमरनाथ ने कहा, "हां, हमने सोचा था लेकिन उस समय इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया। क्योंकि टीम दौरे पर थी और मैच जारी था।"
इस मसले पर अब तक चुप्पी साधे रखने के बारे में उन्होंने कहा, "मैं इससे खुश नहीं था। मैंने किसी को फोन तक नहीं किया। मुझे पता था कि उसके बाद ट्वेंटी-20 विश्वकप के बाद बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेलना था। इसलिए मैं कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहता था। विवाद खड़ा करने वाला मैं अंतिम व्यक्ति हूं। "
अमरनाथ चाहते थे कि विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया में टीम का कप्तान बनाकर भेजा जाए लेकिन अब वह गौतम गम्भीर को टीम का कप्तान बनाना चाहते हैं। उनके मुताबिक धोनी तो मौजूदा टीम में बने रहने लायक तक नहीं हैं।
वह कहते हैं, "टीम का हिस्सा बनने के भी वह लायक नहीं हैं। वह टीम में क्यों बने रहे? मैं विवाद नहीं खड़े करता। मैं लाभ लेने के लिए कुछ नहीं करता। .. वह टेस्ट मैच खेलने लायक नहीं हैं।"
अमरनाथ ने कहा कि कृष्णमाचारी श्रीकांत के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय चयनसमिति ने दौरे के बाद धोनी को कप्तानी से हटाए जाने को मंजूरी दे दी थी और वह चाहती थी कि ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के साथ खेली जाने वाली त्रिकोणीय शृंखला में उन्हें बदल दिया जाए।
अमरनाथ ने कहा, "यह सभी पांचों चयनकर्ताओं का फैसला था। लेकिन बीसीसीआई प्रमुख ने धोनी को हटाए जाने के फैसले को मंजूरी नहीं दी।" उन्होंने कहा, "यदि आप किसी का सम्मान करते हैं तो आप उससे सवाल मत करो। मेरा सवाल यह है कि अपने पास एक चयन समिति है जो टीम का सर्वश्रेष्ठ सोचती है फिर उसे खुलकर काम करने की छूट क्यों नहीं दी जाती।"
अमरनाथ ने कहा, "हम आगे की ओर देखना चाहते थे। हम चाहते थे कि कोई युवा टीम की कमान संभाले, खासकर त्रिकोणीय शृंखला में ताकि हम आगे बढ़ सकें और भविष्य में कुछ बेहतर कर सकें। यदि हम भविष्य की नहीं सोचेंगे तो कैसे अच्छी टीम बना सकेंगे।" उन्होंने कहा, "हमने त्रिकोणीय शृंखला के लिए 17 खिलाड़ियों का चयन किया था लेकिन कप्तान का नहीं। कप्तान का चयन किसी और ने कर दिया।"
यह पूछे जाने पर कि समिति ने इस फैसले की मुखालफत क्यों नहीं की तो इसके जवाब में अमरनाथ ने कहा, "हां, हमने सोचा था लेकिन उस समय इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया। क्योंकि टीम दौरे पर थी और मैच जारी था।"
इस मसले पर अब तक चुप्पी साधे रखने के बारे में उन्होंने कहा, "मैं इससे खुश नहीं था। मैंने किसी को फोन तक नहीं किया। मुझे पता था कि उसके बाद ट्वेंटी-20 विश्वकप के बाद बहुत अधिक क्रिकेट नहीं खेलना था। इसलिए मैं कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहता था। विवाद खड़ा करने वाला मैं अंतिम व्यक्ति हूं। "
अमरनाथ चाहते थे कि विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया में टीम का कप्तान बनाकर भेजा जाए लेकिन अब वह गौतम गम्भीर को टीम का कप्तान बनाना चाहते हैं। उनके मुताबिक धोनी तो मौजूदा टीम में बने रहने लायक तक नहीं हैं।
वह कहते हैं, "टीम का हिस्सा बनने के भी वह लायक नहीं हैं। वह टीम में क्यों बने रहे? मैं विवाद नहीं खड़े करता। मैं लाभ लेने के लिए कुछ नहीं करता। .. वह टेस्ट मैच खेलने लायक नहीं हैं।"
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