
भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं, लेकिन अब केकेआर के पूर्व कोच जॉन बुचनैन (John Buchanan) ने सौरव को लेकर बड़ा बयान दिया है. सौरव गांगुली साल 2008 में केकेआर (KKR) कप्तान रहे थे. तब बुचनैन ने अलग-अलग क्षेत्र के कप्तान नियुक्त करने की कोशिश थी, जो सौरव को रास नहीं आया था. इसके बाद साल 2010 से पहले केकेआर ने बुचनैन को बाहर का रास्ता दिखाया दिया था. बुचनैन (John Buchanan) ने अब गांगुली के बारे में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सौरव ने टी-20 फॉर्मेट के अनुकूल नहीं थे.
कंगारू पूर्व कोच ने कहा कि उस समय मेरी सोच यह थी कि बतौर कप्तान को तेजी से निर्णय लेने वाला होना चाहिए और आपका गेम छोटे फॉर्मेट के अनूकूल होना चाहिए. यही कारण था कि उस समय मेरी सौरव के साथ इस बारे में बातचीत हुई थी. बुचनैन ने कहा कि मैं यह नहीं मान सका है कि सौरव का खेल टी20 के अनुकूल था और कप्तान की भूमिका के लिए तो बिल्कुल भी फिट नहीं थे.
केकेआर के पूर्व कोच ने कहा कि वह अभी भी मानते हैं कि खासकर खेल के दीर्घकालिक फॉर्मेट में अलग-अलग विभाग के कप्तान नियुक्त करने को वह सही मानते हैं. उन्होंने कहा कि मैं सोचता हूं खेल के सभी पहलुओं को समझना किसी एक शख्स के लिए खासा मुश्किल है. आपको अलग-अलग निर्णय लेने पड़ते हैं, तेजी से फैसले लेने पड़ते हैं. और यही वह पहलू है, जहां प्रत्येक शख्स को लीडर बनने की जरूरत पड़ती है.
बुचनन ने कहा कि मैं सोचता हूं कि किसी एक शख्स के लिए खेल के तमाम पहलुओं को दुरुस्त करना खासा मुश्किल है. दूसरे शब्दों में आप कप्तानी को बांटने की बात करते हैं, लेकिन आप मैदान पर प्रत्येक शख्स को लीडर के रूप में चाहते हैं. इन दिनों सभी गेंदबाज अपनी हर फेंके जाने वाली गेंद के कप्तान होते हैं. सभी बल्लेबाज बिना कप्तान या कोच की सलाह के निर्णय लेते हैं. मैं सोचता हूं कि इसी बात में टीम की ताकत निहित है.
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