
- शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में छेड़छाड़ न करने और प्रारूप को वैसे ही बनाए रखने की सलाह दी
- गिल ने कहा कि यदि टेस्ट मैच चार दिन के होते तो इस श्रृंखला के अधिकतर मैच ड्रॉ पर समाप्त हो जाते
- उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी खासियत बताया कि यह खिलाड़ियों को हमेशा दूसरा मौका प्रदान करता है
Shubman Gill's advice to ICC: भारतीय कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) ने इंग्लैंड के खिलाफ (Eng vs Ind) पांचवें टेस्ट मैच में छह रन की नाटकीय जीत दर्ज करने के बाद सोमवार को इस प्रारूप से छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दी. टेस्ट क्रिकेट पर फ्रेंचाइजी क्रिकेट के कारण खतरे की बात की जा रही है, लेकिन इस श्रृंखला के पांचों मैच पांचवें दिन तक चले और रोमांचक बने रहे. गिल ने चुटीले अंदाज में कहा कि अगर टेस्ट मैच चार दिनी होते तो इस श्रृंखला के सारे मैच ड्रॉ पर समाप्त होते. निश्चित तौर पर भारतीय युवा कप्तान की यह बात ICC तक जरूर पहुंचेगी, जहां से गाहे-बेगाहे चार दिन के टेस्ट मैच का सुर लग जाता है. खासतौर पर बैजबॉल शैली के बाद से कई मौकों पर इसे लेकर चर्चा छिड़ी है, लेकिन हालिया खत्म हुई सीरीज और शुभमन गिल के इस बड़े बयान के बाद आईसीसी या पूर्व दिग्गज शायद ही निकट भविष्य में ऐसी कोई बात करें.
यह फॉर्मेट दूसरा मौका देता है
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल ने कहा, 'मेरे विचार से टेस्ट क्रिकेट जैसा है, वैसा ही रहना चाहिए क्योंकि यह सबसे फायदेमंद और संतोषजनक प्रारूप है. इसमें जीत हासिल करने के लिए आपको सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. और इस प्रारूप की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको हमेशा दूसरा मौका देता है, जो किसी अन्य प्रारूप में संभव नहीं है.' उन्होंने कहा, ‘आप अगर कड़ी मेहनत और सही दिशा में काम करते रहेंगे तो आपके पास हमेशा दूसरा मौका होगा. मेरी राय में यह सबसे फायदेमंद और संतोषजनक प्रारूप है. मुझे नहीं लगता कि इस प्रारूप में कोई बदलाव किया जाना चाहिए.'
...तो भी सिराज का सम्मान कम नहीं होता
भारतीय कप्तान ने सिराज की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर भारत यह मैच हार भी जाता, तो भी वह अपना सम्मान बरकरार रखते, जो उन्होंने पिछले कुछ सालों में कड़ी मेहनत से हासिल किया है. गिल बोले, 'इस मैच में सिराज ने बहुत ही उच्च स्तरीय प्रयास किया. अगर हम यह मैच हार जाते हैं, तो निश्चित ही यह निराश करने वाली बात होती, लेकिन ड्रेसिंग रूम में उनके प्रति सम्मान में जरा सी भी कमी नहीं आती. यह उन्होंने कई सालों के कड़े परिश्रम से कमाया है. एक पल आपका सम्मान बयां नहीं कर सकता या उसके कारण आपका सम्मान कम नहीं हो जाता. सिराज ने पिछले 4-5 सालों में बहुत ही कड़ी मेहनत की है और इससे उन्होंने खुद के लिए सम्मान कमाया है''
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