
- केनिंगटन ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने अंतिम टेस्ट मैच छह रनों से जीतकर सीरीज को बराबर किया
- मोहम्मद सिराज ने आखिरी दिन चार विकेट लेकर टीम की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई और प्लेयर ऑफ द मैच बने
- यशस्वी जायसवाल ने दूसरी पारी में शतक बनाकर अपनी बल्लेबाजी क्षमता और धैर्य का परिचय दिया
England vs India: मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ केनिंगटन ओवल (kennington Oval) में खत्म हुए पांचवें और आखिरी टेस्ट में टीम इंडिया को 6 रन से मिली जीत को इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. इस जीत की मिसाल दी जाएगी. तमाम ब्रॉडकास्टर इस मैच के विजुअलों का प्रोमो में इस्तेमाल करेंगे. आखिरी दिन जब इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन और भर बनाने थे. और उसके हाथ में 4 विकेट बाकी थे, तब मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) की अगुवाई में भारतीय बॉलरों ने अंग्रेजों पर ऐसा आखिरी मारक प्रहार किया कि मेजबानों को एक समय दिख रही 3-1 की तस्वीर, 2-2 में तब्दील हो गई. दो राय नहीं तमाम भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन किया, लेकिन यहां 5 शीर्ष प्रदर्शन ऐसे रहे, जो भारत की जीत की वजह बने. इनमें भी पांचवे वाले ने तो इंग्लैंड के साथ सबसे बड़ा खेला कर दिया.
1. सिराज बने मैच के सिकंदर !
सिराज....सिराज...सिराज...केनिंगटन ओवल में जीत के बाद मानो पूरी चर्चा एकदम से भारतीय पेसर के इर्द-गिर्द सिमट गई है. और आखिर ऐसा भला हो भी क्यों न...जिस तरह आखिर दिन सिराज ने आखिरी चार में से तीन विकेट लेते हुए पारी में पंजा जड़ा, वह सुपर से ऊपर का प्रदर्शन बन गया. और इसमें पहली पारी के चार विकेटों ने सोने पर सुहागा का काम किया, तो मियां साहब प्लेयर ऑफ द मैच बन गए.
2. यशस्वी जायसवाल का शानदार शतक
निश्चित रूप से इस लेफ्टी बल्लेबाज के शतक की टाइमिंग इससे बेहतर नहीं ही हो सकती थी. पहली पारी में नाकामी के बाद गावस्कर सहित तमाम दिग्गजों ने सवाल उठाए थे. लेकिन जायसवाल ने दूसरी पारी में बनाए 118 रनों से दिखाया कि हालात चाहे कैसे भी हों, वह अपनी एप्रोच से समझौता नहीं ही करेंगे. जरूरत पड़ेगी, तो अपर कट बार-बार खेलेंगे. जरा सी जगह मिलेगी, तो प्वाइंट को कट से चीर देंगे.
3. नायर, जडेजा के अर्द्धशतक
पूरी सीरीज में विफलता के लिए तमाम दिग्गजों की आलोचना झेलने वाले करुण नायर के ये 57 रन ही थे, जिन्होंने भारत को पहली पारी में 224 का स्कोर दिलाया. कुछ ऐसा ही काम जड्डू ने दूसरी पारी में किया, जिससे भारत 396 तक पहुंचने में कामयाब रहा. इन दोनों के पचासे भारत की की 6 रन की ऐतिहासिक जीत में बहुमूल्य साबित हुए. सिराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नायर के अर्द्धशतक की मूल्यवान करार दिया.
4. कृष्णआ का 'सुंदर' गान, वॉशिंगटन ने बढ़ाया मान!
हैमिल्टन में पहले टेस्ट में 5 विकेट लेने वाले प्रसिद्ध कृष्णा की गाड़ी बर्मिंघम में सिर्फ 1 विकेट के साथ पटरी से उतरी, तो आलोचक सिर पर सवार हो गए. तीसरे और चौथे मैच से उन्हें बाहर कर दिया गया. लेकिन आखिरी टेस्ट में कृष्णा ने 'सुंदर' गान लगाया, तो मैच में चटकाए 8 विकेटों से सीरीज में अपने कुल विकेटों की संख्या को 14 पहुंचा दिया. और दूसरी पारी में नंबर-9 पर सिर्फ 46 गेंदों पर 53 रन बनाकर वॉशिंगटन सुंदर ने पूरी तस्वीर को अति सुंदर..अति सुंदर बना दिया! लेकिन बड़ा खेला किया भारतीय टीम के बड़े और बहुत ही साहसिक फैसल ने
5. प्रबंधन के इस बड़े फैसले ने कर दिया इंग्लैंड के साथ खेला
तारीफ करनी होगी टीम इंडिया के प्रबंधन की कि उसने मैच के दूसरे दिन तुरुप का पत्ता फेंका. जब खेल के एकदम आखिरी पलों में साई सुदर्शन 11 रन बनाकर लौटे, तो इस बार गंभीर एंड कंपनी ने नाइटवॉचमैन के रूप में वॉशिंगटन सुंदर या किसी और को नहीं, बल्कि आकाश दीप को चुना. और फिर इस बिहारी बाबू ने 94 गेंदों पर 12 चौकों से जो 66 रन की पारी खेली, वह इंग्लैंड के साथ सबसे बड़ा खेला कर गई. इस फैसले ने प्रबंधन का पूरा पैसा वसूल करा दिया. सोचिए अगर ये 66 रन आकाश दीप के न होते और वह सस्ते में आउट हो गए होते, तो फिर क्या होता.
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