नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने मौजूदा कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के कुछ फैसलों की आलोचना करते हुए कहा है कि उनके फैसले 'पक्षपातपूर्ण' महसूस होते हैं।
एक समाचारपत्र से खास बातचीत में कपिल ने सवाल किया कि आखिर आरपी सिंह और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों को धोनी का इतना समर्थन क्यों प्राप्त है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर आरपी को इंग्लैण्ड में खिलाने की क्या आवश्यकता थी, और ऑस्ट्रेलिया में रैना को इतनी बार मौका क्यों दिया गया, और मनोज तिवारी को क्यों नहीं खिलाया गया। कपिल के मुताबिक कप्तान को न पक्षपात करना चाहिए, और न ही वह ऐसा करता हुआ महसूस होना चाहिए, लेकिन आरपी और रैना को ज़रूरत से ज्यादा समर्थन देने से उनके अच्छा कप्तान होने पर सवाल खड़े हो गए हैं। कपिल के मुताबिक धोनी को सीनियर्स को निशाना बनाने वाला बयान भी नहीं देना चाहिए था।
इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे में मिली शिकस्त के बाद टीम इंडिया के मौजूदा कोच डंकन फ्लेचर निशाने पर हैं, सो, ऐसे में जब किसी ने कोच के तौर पर सौरव गांगुली की बात कही, कपिल ने कहा, उन्हें भरोसा है कि गांगुली अच्छे कोच साबित हो सकते हैं, लेकिन कोई भी भारतीय क्रिकेटर उन्हें कोच के रूप में अभी स्वीकार नहीं करेगा। कपिल का कहना था कि कोच टीम और खिलाड़ियों के मामलों में ज़रूरत से ज्यादा हस्तक्षेप न करे, इसी वजह से गांगुली ने खुद विदेशी कोच का चलन शुरू किया था, जो अब तक जारी है।
एक समाचारपत्र से खास बातचीत में कपिल ने सवाल किया कि आखिर आरपी सिंह और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों को धोनी का इतना समर्थन क्यों प्राप्त है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर आरपी को इंग्लैण्ड में खिलाने की क्या आवश्यकता थी, और ऑस्ट्रेलिया में रैना को इतनी बार मौका क्यों दिया गया, और मनोज तिवारी को क्यों नहीं खिलाया गया। कपिल के मुताबिक कप्तान को न पक्षपात करना चाहिए, और न ही वह ऐसा करता हुआ महसूस होना चाहिए, लेकिन आरपी और रैना को ज़रूरत से ज्यादा समर्थन देने से उनके अच्छा कप्तान होने पर सवाल खड़े हो गए हैं। कपिल के मुताबिक धोनी को सीनियर्स को निशाना बनाने वाला बयान भी नहीं देना चाहिए था।
इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे में मिली शिकस्त के बाद टीम इंडिया के मौजूदा कोच डंकन फ्लेचर निशाने पर हैं, सो, ऐसे में जब किसी ने कोच के तौर पर सौरव गांगुली की बात कही, कपिल ने कहा, उन्हें भरोसा है कि गांगुली अच्छे कोच साबित हो सकते हैं, लेकिन कोई भी भारतीय क्रिकेटर उन्हें कोच के रूप में अभी स्वीकार नहीं करेगा। कपिल का कहना था कि कोच टीम और खिलाड़ियों के मामलों में ज़रूरत से ज्यादा हस्तक्षेप न करे, इसी वजह से गांगुली ने खुद विदेशी कोच का चलन शुरू किया था, जो अब तक जारी है।
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