
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास की खबर उनके लिए भी किसी अन्य की तरह हैरानी वाली रही और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि 'कैप्टेन कूल' इतनी जल्दी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहेंगे। गावस्कर ने एनडीटीवी से कहा, 'यह फैसला पूरी तरह से हैरानी भरा है। हालांकि यह अचानक नहीं लिया गया। मुझे लग रहा था कि वह सिडनी मैच के बाद कप्तानी छोड़ देंगे, लेकिन मुझे नहीं लग रहा था कि वह खिलाड़ी के रूप में संन्यास लेंगे। मेरा अब भी मानना है कि वह दो या तीन साल और क्रिकेट खेल सकता है।'
धोनी की कप्तानी में भारत विदेशों में लगातार हार का सामना करता रहा और इसलिए उनकी कप्तानी पर लगातार सवाल उठाए जाते रहे। गावस्कर ने कहा, 'कप्तान की जिंदगी में बोझ कभी बहुत भारी हो जाता है। यह टेस्ट मैच (मेलबर्न मैच) भी इसी तरह का था। कई बार आप हर तरह का प्रयास करते हो, लेकिन कोई भी रणनीति नहीं चलती। और धोनी के लिए ऐसा ही समय चल रहा था।'
धोनी ने मैच के बाद कहा था कि इस टीम को कुछ और समय दिया जाना चाहिए और कई खिलाड़ियों को इस शृंखला से सीख मिलेगी। इस पर गावस्कर ने कहा कि यह पूरी तरह से बहाना है।
उन्होंने कहा, 'यह उस विद्यार्थी जैसा है जो कक्षा एक में लंबे समय से अनुत्तीर्ण हो रहा हो। जो कक्षा दो में नहीं जा पा रहा हो। टीम लंबे समय से सीख रही है। विशेषकर गेंदबाज। हमने गेंदबाजों के मामले में बहुत धैर्य दिखाया।'
गावस्कर ने कहा, 'नि:संदेह बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया। यदि चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, मुरली विजय, शिखर धवन अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हैं तो भारत निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन करेगा।'
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