कप्तान के रूप में इन पारियों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे महेंद्र सिंह धोनी

कप्तान के रूप में इन पारियों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे महेंद्र सिंह धोनी

महेंद्र सिंह धोनी का फाइल फोटो

खास बातें

  • कप्तान के रूप में धोनी ने 199 मैच खेले और 6633 रन बनाए
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धोनी का आखिरी मैच न्यूज़ीलैंड के खिलाफ था
  • 2011 में 28 साल बाद धोनी की कप्तानी में भारत ने जीता विश्वकप
नई दिल्ली:

मंगलवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया अभ्यास मैच इंग्लैंड ने तीन विकेट से जीत लिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 304 रन बनाए. भारत के तरफ से अंबाती रायडू ने सबसे ज्यादा 100 रन बनाए थे जबकि महेंद्र सिंह धोनी ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 40 गेंदों में 68 रन बनाए. युवराज सिंह ने भी 48 गेंदों पर 56 रन बनाए.

कप्तान के रूप में धोनी का यह आखिरी मैच था. यह एक अभ्यास मैच था और इस मैच के आंकड़े रिकॉर्ड बुक में दर्ज नहीं किए जाएंगे. कप्तान के रूप में धोनी यह आखिरी जरूर हार गए, लेकिन मैच में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया और एक खिलाड़ी के रूप में भी धोनी का व्यक्तिगत प्रदर्शन शानदार रहा.

अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धोनी के आखिरी मैच की बात किया जाए तो कप्तान के रूप में धोनी अपना आखिरी मैच 29 अक्टूबर, 2016 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेल चुके हैं. कप्तान के रूप में धोनी ने 199 मैच खेलते हुए करीब 54 के औसत से 6633 रन बनाए, जिनमें छह शतक और 47 अर्धशतक शामिल हैं. चलिए धोनी के कुछ ऐसे पारियों पर ध्यान देते हैं जिनके लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे-

2011 के वर्ल्ड कप का फाइनल : 2 अप्रैल, 2011 की बात है. भारत और श्रीलंका के बीच मुंबई के वानखेड़े मैदान पर फाइनल मैच था. 28 साल बाद भारत के पास एक मौक़ा था वर्ल्ड कप जीतने का. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने 274 रन बनाए थे. भारत की शुरुआत काफी ख़राब रही. सलामी बल्लेबाज के रूप में सहवाग बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गए थे. सचिन तेंदुलकर भी सिर्फ 18 रन बनाकर आउट हो गए. भारत का स्कोर जब 114 रन था तब कोहली 35 रन बनाकर आउट हो गए. ऐसा लग रहा था जैसे भारत के हाथ से मैच निकल रहा हो.

महेंद्र सिंह धोनी पांचवे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए. शानदार बल्लेबाजी करते हुए धोनी ने 79 गेंदों पर 91 रन बनाए. कुलसेकरा की गेंद पर छक्का लगते हुए धोनी ने भारत को जीत दिलाया था और 28 साल के बाद धोनी की कप्तानी में भारत ने विश्व कप जीता.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पारी : 28 अक्टूबर, 2009 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में एकदिवसीय मैच खेला गया. इस मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 97 रन में तीन विकेट गवां दिए. तेंदुलकर, सहवाग और युवराज सिंह जैसे बल्लेबाज आउट हो चुके थे. ऐसा लग रहा था जैसे भारत का स्कोर 200 के ऊपर नहीं जाएगा.

धोनी पांचवे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए. धोनी ने 107 गेंदों का सामना करते हुए 124 रन बनाए. धोनी की इस शानदार पारी के वजह से भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 355 रन का लक्ष्य रखा था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम सिर्फ 255 रन ही बना सकी. इस तरह भारत ने यह मैच 99 रन से जीता.

बांग्लादेश के खिलाफ शतक : 7 जनवरी, 2010 को भारत और बांग्लादेश के बीच मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में ट्राई-सीरीज का तीसरा मैच था. इस मैच में टॉस जीतकर बांग्लादेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 297 रन का लक्ष्य रखा. सिर्फ 51 रन पर टीम इंडिया ने सहवाग, गंभीर और युवराज सिंह के रूप में तीन विकेट गवां दिए थे. महेंद्र सिंह धोनी पांचवे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए. उन्होंने 107 गेंदों का सामना करते हुए  नाबाद 101 रन बनाए. धोनी के इस शानदार पारी के वजह से भारत ने यह मैच 6 विकेट से जीता था.

पाकिस्तान में शानदार प्रदर्शन : साल 2006 में भारत ने पाकिस्तान का दौरा किया. 13 फरवरी को लाहौर में खेले गए मैच में धोनी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को जीत दिलाई. पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 288 रन बनाए. धोनी जब बल्लेबाजी करने आए तब भारत को 15.2 ओवरों में 99 रन की जरूरत थी. धोनी ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए  46 गेंदों पर 72 रन बनाए और चौका लगाते हुए भारत को जीत दिलाई.


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