सहवाग (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने वाले वीरेंद्र सहवाग ने आलोचकों के कोपभाजन बने महेंद्र सिंह धोनी का बचाव करते हुए कहा है कि उन्हें अगले वर्ल्ड कप तक भारत का सीमित ओवरों का कप्तान बने रहना चाहिए।
धोनी के बारे में सवालों का जवाब देते हुए सहवाग ने कहा, 'उन्हें अगले वर्ल्ड कप तक कप्तान रहना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो वह अच्छी वर्ल्ड कप टीम छोड़कर जाएंगे। यदि वह संन्यास लेते हैं तो आप सोच सकते हैं कि अभी उनके रहते ही लोगों को सोचना पड़ रहा है कि पांचवें, छठे और सातवें स्थान पर बल्लेबाजी कौन करेगा।' उन्होंने कहा ,'यदि धोनी नहीं होंगे तो पांचवां, छठा और सातवां स्थान बिल्कुल खाली हो जायेगा और कोई इतने अच्छे तरीके से मैच फिनिश करने वाला भी नहीं होगा।'
टीम से बाहर करने के फैसले के पीछे धोनी नहीं
इस आक्रामक बल्लेबाज ने इन रपटों को खारिज किया कि भारतीय टीम से उन्हें बाहर करने के फैसले के पीछे धोनी थे। सहवाग ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा ,'मुझे नहीं लगता कि धोनी ने ऐसा किया होगा। वह दिल से अच्छा आदमी है । सभी सीनियर खिलाड़ी उसका सम्मान करते हैं। जब वह कप्तान बना तो सभी सीनियर उसकी कप्तानी में खेले, उसे मार्गदर्शन दिया और अच्छे सुझाव दिए जिन पर उसने अमल किया और हमारी टीम ने टी20 , वनडे और टेस्ट मैच जीते।'
कभी मतभेद नहीं रहे
यह पूछने पर कि क्या उनके धोनी के साथ मतभेद रहे, सहवाग ने कहा ,'मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ। यह मीडिया की अटकलें थी कि सहवाग और धोनी की ठन गई है। हम साथ में होटल में रहते थे और मैच खेलते थे। यदि ऐसा कुछ होता तो मुझे बहुत पहले बाहर कर दिया गया होता। मुझे नहीं लगता कि वह बयान (सौरव गांगुली का ) सही था कि सहवाग के टीम इंडिया से बाहर होने के पीछे धोनी का हाथ था। गांगुली ने कहा था कि चयन मसलों में कप्तान की हमेशा भूमिका होती है, इस बारे में सहवाग ने कहा, 'चार टेस्ट में खराब खेलने पर कोई भी खिलाड़ी बाहर हो सकता है, चाहे वह कप्तान हो, सीनियर या जूनियर।'
श्रेय कप्तान ही नहीं, टीम को भी मिले
भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने अपने कालम में लिखा था कि सहवाग और धोनी के बीच इसलिये ठन गई क्योंकि सहवाग कप्तान बनना चाहते थे। इस बारे में सहवाग ने कहा, 'आप इस बारे में धोनी से पूछ सकते हैं । हमने 2007 वर्ल्ड कप साथ में खेला। यह कहना कि मैं कप्तान बनना चाहता था, पूरी तरह से गलत है।'
यह बताने पर कि उन्होंने छह जुलाई 2012 को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि टीम धोनी की कप्तानी की वजह से वर्ल्ड कप नहीं जीती बल्कि इसलिये जीती क्योंकि टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया था, सहवाग ने कहा, 'यहां मौजूद किसी भी व्यक्ति से पूछ लीजिये कि मेरा बयान सही था या गलत। मेरा बयान गलत नहीं था लेकिन उसे गलत तरीके से पेश किया गया।' उन्होंने कहा, 'मैं धोनी की आलोचना नहीं कर रहा था । मैने इतना ही कहा था कि पूरा श्रेय कप्तान को ही नहीं, बल्कि टीम को भी दिया जाना चाहिये।'
धोनी के बारे में सवालों का जवाब देते हुए सहवाग ने कहा, 'उन्हें अगले वर्ल्ड कप तक कप्तान रहना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो वह अच्छी वर्ल्ड कप टीम छोड़कर जाएंगे। यदि वह संन्यास लेते हैं तो आप सोच सकते हैं कि अभी उनके रहते ही लोगों को सोचना पड़ रहा है कि पांचवें, छठे और सातवें स्थान पर बल्लेबाजी कौन करेगा।' उन्होंने कहा ,'यदि धोनी नहीं होंगे तो पांचवां, छठा और सातवां स्थान बिल्कुल खाली हो जायेगा और कोई इतने अच्छे तरीके से मैच फिनिश करने वाला भी नहीं होगा।'
टीम से बाहर करने के फैसले के पीछे धोनी नहीं
इस आक्रामक बल्लेबाज ने इन रपटों को खारिज किया कि भारतीय टीम से उन्हें बाहर करने के फैसले के पीछे धोनी थे। सहवाग ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा ,'मुझे नहीं लगता कि धोनी ने ऐसा किया होगा। वह दिल से अच्छा आदमी है । सभी सीनियर खिलाड़ी उसका सम्मान करते हैं। जब वह कप्तान बना तो सभी सीनियर उसकी कप्तानी में खेले, उसे मार्गदर्शन दिया और अच्छे सुझाव दिए जिन पर उसने अमल किया और हमारी टीम ने टी20 , वनडे और टेस्ट मैच जीते।'
कभी मतभेद नहीं रहे
यह पूछने पर कि क्या उनके धोनी के साथ मतभेद रहे, सहवाग ने कहा ,'मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ। यह मीडिया की अटकलें थी कि सहवाग और धोनी की ठन गई है। हम साथ में होटल में रहते थे और मैच खेलते थे। यदि ऐसा कुछ होता तो मुझे बहुत पहले बाहर कर दिया गया होता। मुझे नहीं लगता कि वह बयान (सौरव गांगुली का ) सही था कि सहवाग के टीम इंडिया से बाहर होने के पीछे धोनी का हाथ था। गांगुली ने कहा था कि चयन मसलों में कप्तान की हमेशा भूमिका होती है, इस बारे में सहवाग ने कहा, 'चार टेस्ट में खराब खेलने पर कोई भी खिलाड़ी बाहर हो सकता है, चाहे वह कप्तान हो, सीनियर या जूनियर।'
श्रेय कप्तान ही नहीं, टीम को भी मिले
भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने अपने कालम में लिखा था कि सहवाग और धोनी के बीच इसलिये ठन गई क्योंकि सहवाग कप्तान बनना चाहते थे। इस बारे में सहवाग ने कहा, 'आप इस बारे में धोनी से पूछ सकते हैं । हमने 2007 वर्ल्ड कप साथ में खेला। यह कहना कि मैं कप्तान बनना चाहता था, पूरी तरह से गलत है।'
यह बताने पर कि उन्होंने छह जुलाई 2012 को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि टीम धोनी की कप्तानी की वजह से वर्ल्ड कप नहीं जीती बल्कि इसलिये जीती क्योंकि टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया था, सहवाग ने कहा, 'यहां मौजूद किसी भी व्यक्ति से पूछ लीजिये कि मेरा बयान सही था या गलत। मेरा बयान गलत नहीं था लेकिन उसे गलत तरीके से पेश किया गया।' उन्होंने कहा, 'मैं धोनी की आलोचना नहीं कर रहा था । मैने इतना ही कहा था कि पूरा श्रेय कप्तान को ही नहीं, बल्कि टीम को भी दिया जाना चाहिये।'
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