विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी मजाक के अंदाज में (फोटो : AFP)
नई दिल्ली:
मुंबई में आईसीसी वर्ल्ड टी-20 की ट्रॉफी का अनावरण किया गया। इस मौके पर टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली, मध्यक्रम बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे और ओपनर शिखर धवन भी मौजूद थे। सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मौजूद नहीं थे। वे झारखंड की ओर से विजय हजारे ट्रॉफी में खेल रहे हैं। विराट कोहली ने धोनी को क्रिकेट ही नहीं, खेल के सबसे बड़े कप्तानों में से एक बताया। पेश है ट्रॉफी अनावरण के अवसर पर हुई चर्चा के कुछ अंश। मॉडरेटर थे पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर।
संजय मांजरेकर : आप 19 साल के थे जब भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहला आईसीसी वर्ल्ड T20 जीता था। क्या आपने वो फाइनल देखा था?
विराट कोहली : बिल्कुल। मैं क्या, पूरा देश देख रहा था। ये इसलिए भी खास था क्योंकि तब तक आईपीएल शुरू नहीं हुआ था। बहुत कम लोग इस फॉर्मेट के बारे में जानते थे। लिहाजा जबरदस्त उत्साह था। ऐसा क्रिकेट पहले लोगों ने नहीं देखा था। ये फॉर्मेट आसान नहीं था। कई बार नर्वस के पल भी थे। हमने कप जीता तो बहुत ही गर्व हुआ। इतने साल बाद हमने वर्ल्ड ट्रॉफी जीती थी। इस जीत से टीम को जो आत्मविश्वास मिला वो 2011 वर्ल्ड कप तक बना रहा।
संजय मांजरेकर : ये कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए लॉन्च भी था। आपने उनके साथ लंबा खेला है। उन्हें करीब से देखा और जाना है। दो-दो वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान के बारे में आपकी क्या राय है?
विराट कोहली : जी हां, एमएस धोनी-द कैप्टन का लॉन्च था। जिस तरह उन्होंने रणनीति बनाई...कप्तानी की...वो भी वर्ल्ड स्टेज पर, वो प्रशंसनीय है। रोहित, श्रीसंत, सभी नए थे। धोनी ने नए खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरा-हां हम कर सकते हैं। उस जीत के बाद वर्ल्ड क्रिकेट में धोनी का कद बढ़ता गया। उनकी कप्तानी की दुनिया भर में तारीफ होने लगी। वे भारतीय क्रिकेट की पहचान बने।
संजय मांजरेकर : आप उनकी कप्तानी से क्या सीखना चाहेंगे?
विराट कोहली : अपनी कप्तानी में उन्होंने नया मुकाम बनाया है। एक नया मानक बनाया है। जो भी संभव था वो करके दिखाया। टीम को टेस्ट और वनडे मे नंबर-1 बनाया। उन्होंने हमारे लिए कुछ छोड़ा ही नहीं है। मैं टेस्ट कप्तानी करते समय उनकी तरह संयम बनाए रखना सीख रहा हूं। मुझे लगता है कि मैंने इसमें काफी कुछ सीखा भी है। दबाव में धैर्य नहीं खोना भी सीखना है। मैंने कोशिश शुरु कर भी दी है। वे खेल के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक हैं।
संजय मांजरेकर : अजिंक्य रहाणे पढ़ने-लिखने वाले शख्स नज़र आते हैं। विशुद्ध टेस्ट बल्लेबाज़। उन्हें जब मैं अच्छा लड़का कहता हूं तो कोहली कहते हैं कि क्या हम सब बुरे हैं? T20 आपके लिए स्वभाविक खेल है?
अजिंक्य रहाणे : मैं हर फॉर्मेट का मजा लेता हूं। हर फॉर्मेट की अपनी चुनौतियां होती हैं। मुझे चुनौती पसंद भी है। मैं हमेशा अपने खेल को बेहतर करने की कोशिश करता हूं। T20 मजेदार खेल है। आपको खेल का मजा लेना होता है। अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है। एक या दो ओवर में खेल बदल सकता है। मेरे लिए T20 स्वभाविक फॉर्मेट है।
संजय मांजरेकर : रहाणे में T20 का भी हुनर है। रहाणे जब भी बड़ा शॉट्स लगाना चाहते हैं, लगा सकते हैं। दिल्ली में शतक के दौरान हमने देखा कि कैसे वे बड़े शॉट्स लगाते हैं। गजब की टाइमिंग और पावर के साथ शॉट्स लगाते हैं। मैं तो हैरान रह गया।
विराट कोहली : मैं रहाणे के खेल को लगातार देखता रहा हूं। मैंने और धोनी दोनों ने नोटिस किया है कि गेंद उनके बल्ले से टकरा कर तेजी से लौटती है। टाइमिंग और पावर उन्हें गिफ्ट में मिली हुई है। आपने इन्हें आईपीएल में भी देखा होगा। वहां वे बिल्कुल अलग खिलाड़ी लगते हैं। उनमें फॉर्मेट के अनुसार खेल बदल लेने की गजब की क्षमता है। भारतीय क्रिकेट के लिए रहाणे बड़ी बात हैं।
संजय मांजरेकर : अजिंक्य के बगल में एक ऐसा खिलाड़ी बैठा है, जिसने अपना पहला शतक ठोका तो मानों T20 खेल रहा हो।
शिखर धवन : मुझे T20 खेलने में बड़ा मजा आता है। मैं उस दिन खेल का मजा ले रहा था, T20 समझ कर नहीं खेल रहा था। गेंद को बाउंड्री के बाहर पहुंचाना बड़ा मजेदार होता है। T20 में आप खुलकर खेलते हैं। खेल में आपकी शख्सियत झलकती है। यहां नए शॉट्स बनते हैं। नए शॉट्स बाद में टेस्ट और वनडे दोनों में खेले जाने लगे हैं। T20 ने क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है।
संजय मांजरेकर : आप 19 साल के थे जब भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहला आईसीसी वर्ल्ड T20 जीता था। क्या आपने वो फाइनल देखा था?
विराट कोहली : बिल्कुल। मैं क्या, पूरा देश देख रहा था। ये इसलिए भी खास था क्योंकि तब तक आईपीएल शुरू नहीं हुआ था। बहुत कम लोग इस फॉर्मेट के बारे में जानते थे। लिहाजा जबरदस्त उत्साह था। ऐसा क्रिकेट पहले लोगों ने नहीं देखा था। ये फॉर्मेट आसान नहीं था। कई बार नर्वस के पल भी थे। हमने कप जीता तो बहुत ही गर्व हुआ। इतने साल बाद हमने वर्ल्ड ट्रॉफी जीती थी। इस जीत से टीम को जो आत्मविश्वास मिला वो 2011 वर्ल्ड कप तक बना रहा।
संजय मांजरेकर : ये कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए लॉन्च भी था। आपने उनके साथ लंबा खेला है। उन्हें करीब से देखा और जाना है। दो-दो वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान के बारे में आपकी क्या राय है?
विराट कोहली : जी हां, एमएस धोनी-द कैप्टन का लॉन्च था। जिस तरह उन्होंने रणनीति बनाई...कप्तानी की...वो भी वर्ल्ड स्टेज पर, वो प्रशंसनीय है। रोहित, श्रीसंत, सभी नए थे। धोनी ने नए खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरा-हां हम कर सकते हैं। उस जीत के बाद वर्ल्ड क्रिकेट में धोनी का कद बढ़ता गया। उनकी कप्तानी की दुनिया भर में तारीफ होने लगी। वे भारतीय क्रिकेट की पहचान बने।
संजय मांजरेकर : आप उनकी कप्तानी से क्या सीखना चाहेंगे?
विराट कोहली : अपनी कप्तानी में उन्होंने नया मुकाम बनाया है। एक नया मानक बनाया है। जो भी संभव था वो करके दिखाया। टीम को टेस्ट और वनडे मे नंबर-1 बनाया। उन्होंने हमारे लिए कुछ छोड़ा ही नहीं है। मैं टेस्ट कप्तानी करते समय उनकी तरह संयम बनाए रखना सीख रहा हूं। मुझे लगता है कि मैंने इसमें काफी कुछ सीखा भी है। दबाव में धैर्य नहीं खोना भी सीखना है। मैंने कोशिश शुरु कर भी दी है। वे खेल के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक हैं।
संजय मांजरेकर : अजिंक्य रहाणे पढ़ने-लिखने वाले शख्स नज़र आते हैं। विशुद्ध टेस्ट बल्लेबाज़। उन्हें जब मैं अच्छा लड़का कहता हूं तो कोहली कहते हैं कि क्या हम सब बुरे हैं? T20 आपके लिए स्वभाविक खेल है?
अजिंक्य रहाणे : मैं हर फॉर्मेट का मजा लेता हूं। हर फॉर्मेट की अपनी चुनौतियां होती हैं। मुझे चुनौती पसंद भी है। मैं हमेशा अपने खेल को बेहतर करने की कोशिश करता हूं। T20 मजेदार खेल है। आपको खेल का मजा लेना होता है। अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है। एक या दो ओवर में खेल बदल सकता है। मेरे लिए T20 स्वभाविक फॉर्मेट है।
संजय मांजरेकर : रहाणे में T20 का भी हुनर है। रहाणे जब भी बड़ा शॉट्स लगाना चाहते हैं, लगा सकते हैं। दिल्ली में शतक के दौरान हमने देखा कि कैसे वे बड़े शॉट्स लगाते हैं। गजब की टाइमिंग और पावर के साथ शॉट्स लगाते हैं। मैं तो हैरान रह गया।
विराट कोहली : मैं रहाणे के खेल को लगातार देखता रहा हूं। मैंने और धोनी दोनों ने नोटिस किया है कि गेंद उनके बल्ले से टकरा कर तेजी से लौटती है। टाइमिंग और पावर उन्हें गिफ्ट में मिली हुई है। आपने इन्हें आईपीएल में भी देखा होगा। वहां वे बिल्कुल अलग खिलाड़ी लगते हैं। उनमें फॉर्मेट के अनुसार खेल बदल लेने की गजब की क्षमता है। भारतीय क्रिकेट के लिए रहाणे बड़ी बात हैं।
संजय मांजरेकर : अजिंक्य के बगल में एक ऐसा खिलाड़ी बैठा है, जिसने अपना पहला शतक ठोका तो मानों T20 खेल रहा हो।
शिखर धवन : मुझे T20 खेलने में बड़ा मजा आता है। मैं उस दिन खेल का मजा ले रहा था, T20 समझ कर नहीं खेल रहा था। गेंद को बाउंड्री के बाहर पहुंचाना बड़ा मजेदार होता है। T20 में आप खुलकर खेलते हैं। खेल में आपकी शख्सियत झलकती है। यहां नए शॉट्स बनते हैं। नए शॉट्स बाद में टेस्ट और वनडे दोनों में खेले जाने लगे हैं। T20 ने क्रिकेट को बहुत कुछ दिया है।
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