सिडनी:
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने त्रिकोणीय एकदिवसीय सीरीज के मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 87 रन से हार के लिए बल्लेबाजों को दोषी ठहराया। धोनी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे इस पर विस्तार से बताने की जरूरत नहीं है। हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। ऐसा लगता है कि मैच जीतने के लिए हमें अपनी विरोधी टीमों को 200 रन से कम स्कोर पर आउट करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बल्लेबाजी लाइन-अप मजबूत है। हम अच्छी फार्म में नहीं हैं इसलिए बल्लेबाजों पर रन बनाने का दबाव है। सातवें, आठवें और नौंवे नंबर के बल्लेबाज को 30वें ओवर तक ही क्रीज पर उतरना पड़ रहा है। बीस ओवर के बाद हमारे पांच विकेट निकल गए थे। हम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।’’ धोनी ने कहा कि वह चाहते हैं कि जिस बल्लेबाज ने क्रीज पर पांव जमा लिया है वह उसका अधिक से अधिक फायदा उठाये। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी एक पर उंगली उठाने में विश्वास नहीं करता। जिस विकेट पर तेजी और उछाल थी उसमें आपको अधिक समय की जरूरत थी। जो बल्लेबाज जम गया था उसे उसका फायदा उठाना चाहिए था क्योंकि हम सभी अच्छी फार्म में नहीं हैं। गौतम गंभीर ने दो मैचों में ऐसा किया और हमारा प्रदर्शन उनमें अच्छा रहा। ’’ धोनी का पता नहीं था कि भारत अब भी फाइनल्स के लिए क्वालीफाई कर सकता है। इसके लिए भारत को होबार्ट में श्रीलंका पर बड़ी जीत दर्ज करनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि ऐसा है तो हमें एक और मौका मिलेगा। इसका मतलब है कि हमें विरोधी टीम का लक्ष्य 40 ओवर में पार करना होगा जो कि बहुत मुश्किल काम होगा लेकिन कम से कम हमारे पास मौका तो है। यह बुरे दौर से गुजर रही टीम के लिए वास्तविक मौका है। हमें अब कुछ नहीं गंवाना है और बड़े स्ट्रोक खेलने हैं।’’ भारत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में सभी मैच गंवाये लेकिन धोनी वर्तमान दौरे को कई तरह से बेहद खराब मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में मुश्किल सीरीज थी विशेषकर टेस्ट मैचों में जहां हम उन्हें चुनौती भी नहीं दे पाए। इंग्लैंड में हम चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझ रहे थे लेकिन यहां कोई खिलाड़ी चोटिल नहीं था। अधिकतर फिट थे। यह अधिक निराशाजनक सीरीज रही।’’ धोनी ने कहा कि विराट कोहली और उमेश यादव ने दौरे में प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी बल्लेबाजी लाइन-अप मजबूत है। हम अच्छी फार्म में नहीं हैं इसलिए बल्लेबाजों पर रन बनाने का दबाव है। सातवें, आठवें और नौंवे नंबर के बल्लेबाज को 30वें ओवर तक ही क्रीज पर उतरना पड़ रहा है। बीस ओवर के बाद हमारे पांच विकेट निकल गए थे। हम लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।’’ धोनी ने कहा कि वह चाहते हैं कि जिस बल्लेबाज ने क्रीज पर पांव जमा लिया है वह उसका अधिक से अधिक फायदा उठाये। उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी एक पर उंगली उठाने में विश्वास नहीं करता। जिस विकेट पर तेजी और उछाल थी उसमें आपको अधिक समय की जरूरत थी। जो बल्लेबाज जम गया था उसे उसका फायदा उठाना चाहिए था क्योंकि हम सभी अच्छी फार्म में नहीं हैं। गौतम गंभीर ने दो मैचों में ऐसा किया और हमारा प्रदर्शन उनमें अच्छा रहा। ’’ धोनी का पता नहीं था कि भारत अब भी फाइनल्स के लिए क्वालीफाई कर सकता है। इसके लिए भारत को होबार्ट में श्रीलंका पर बड़ी जीत दर्ज करनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि ऐसा है तो हमें एक और मौका मिलेगा। इसका मतलब है कि हमें विरोधी टीम का लक्ष्य 40 ओवर में पार करना होगा जो कि बहुत मुश्किल काम होगा लेकिन कम से कम हमारे पास मौका तो है। यह बुरे दौर से गुजर रही टीम के लिए वास्तविक मौका है। हमें अब कुछ नहीं गंवाना है और बड़े स्ट्रोक खेलने हैं।’’ भारत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में सभी मैच गंवाये लेकिन धोनी वर्तमान दौरे को कई तरह से बेहद खराब मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में मुश्किल सीरीज थी विशेषकर टेस्ट मैचों में जहां हम उन्हें चुनौती भी नहीं दे पाए। इंग्लैंड में हम चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से जूझ रहे थे लेकिन यहां कोई खिलाड़ी चोटिल नहीं था। अधिकतर फिट थे। यह अधिक निराशाजनक सीरीज रही।’’ धोनी ने कहा कि विराट कोहली और उमेश यादव ने दौरे में प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
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