वर्ल्ड कप के मैचों के दौरान टीम इंडिया की ट्रेनिंग और आराम को लेकर आ रही अलग-अलग राय से कप्तान एमएस धोनी बिल्कुल बेफ़िक्र नज़र आते हैं। पर्थ में उन्होंने बीसीसीई.टीवी से बात करते हुए कहा कि टीम के लिए छह दिन की औसत ट्रेनिंग से अच्छा है कि टीम तीन दिन ज़बरदस्त ट्रेनिंग करे और तीन दिन आराम करे। दक्षिण अफ़्रीका और यूएई के बीच मैचों के बीच टीम इंडिया ने चार में से दो दिन अभ्यास किए और दो दिन आराम।
शुक्रवार को वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ मैच से पहले भी धोनी और उनकी सेना इसी फ़ॉर्मूले के साथ तैयारी कर रही है। कप्तान धोनी कहते हैं कि हम वर्कलोड को बांटकर योजना के मुताबिक अभ्यास कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस दौरे पर टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया की सभी पिचों पर खेलने का अनुभव हासिल हो चुका है। इसलिए मैचों से पहले इस लिहाज़ से टीम को एक्स्ट्रा होमवर्क करने की ज़रूरत नहीं है।
उनका मानना है कि सात हफ्तों के इस टूर्नामेंट में मैचों के दौरान टीम का तरोताज़ा रहना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि जिस दिन टीम अभ्यास नहीं करती है, उसका मतलब नहीं कि वह उन दिनों कुछ नहीं करती। उन दिनों टीम के खिलाड़ी जिम जाते हैं,
टेनिस खेलते हैं, स्विमिंग पूल जाते हैं और ऐसी कई चीज़ें करती हैं, ताकि टीम फ़िट भी रहे और मानसिक रूप से एकदम ताज़ा भी।
धोनी ने यह भी बताया कि 2011 में जीत के दौरान टीम इंडिया इसी फ़ॉर्मूले से खेली और सही समय पर टीम का प्रदर्शन बेहतरीन
रहा जिसकी वजह से टीम को जीत मिल पाई। उन्होंने कहा कि इस बार भी टीम वैसी ही कोशिश कर रही है।
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