प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय के अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटाने के बाद क्रिकेट बोर्ड संशय में हैं कि अपने पांच उपाध्यक्षों में से किसे कार्यवाहक प्रमुख के रूप में नामित करे.
फिलहाल दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अनुभवी अधिकारी सीके खन्ना तीसरी बार उपाध्यक्ष बने हैं और सबसे वरिष्ठ हैं. वह मध्य क्षेत्र से उपाध्यक्ष हैं.
हालांकि डीडीसीए के पर्यवेक्षक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट में खन्ना को ‘घातक प्रभाव वाला’ करार दिया है.
ऐसी संभावना नहीं है कि फाली एस नरिमन और गोपाल सुब्रमण्यम न्यायमूर्ति मुदगल जैसे विधि विशेषज्ञ की रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लें.
खन्ना के अलावा असम क्रिकेट संघ के गौतम राय उपाध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और वह 2000 से 2015 तक एसीए अध्यक्ष रहे. लेकिन असम को लेकर आंतरिक रिपोर्ट प्रतिकूल रही है और ऐसा तब हुआ है जब राय अध्यक्ष थे. खन्ना और राय हालांकि एक दशक से भी अधिक समय तक अपने राज्य संघों का हिस्सा रहे हैं और उन्हें अनिवार्य ब्रेक से गुजरना होगा.
जी गंगा राजू के साथ भी ऐसा ही है जो एक दशक तक आंध्र क्रिकेट संघ से जुड़े रहे हैं और उन्हें भी ब्रेक लेना पड़ सकता है. अब तक सौरव गांगुली की स्थिति को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं क्योंकि वह उपाध्यक्ष नहीं हैं.
फिलहाल बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के महाप्रबंधक एमवी श्रीधर के साथ मिलकर रोजमर्रा का संचालन संभालने की उम्मीद है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
फिलहाल दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अनुभवी अधिकारी सीके खन्ना तीसरी बार उपाध्यक्ष बने हैं और सबसे वरिष्ठ हैं. वह मध्य क्षेत्र से उपाध्यक्ष हैं.
हालांकि डीडीसीए के पर्यवेक्षक सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सौंपी रिपोर्ट में खन्ना को ‘घातक प्रभाव वाला’ करार दिया है.
ऐसी संभावना नहीं है कि फाली एस नरिमन और गोपाल सुब्रमण्यम न्यायमूर्ति मुदगल जैसे विधि विशेषज्ञ की रिपोर्ट का संज्ञान नहीं लें.
खन्ना के अलावा असम क्रिकेट संघ के गौतम राय उपाध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और वह 2000 से 2015 तक एसीए अध्यक्ष रहे. लेकिन असम को लेकर आंतरिक रिपोर्ट प्रतिकूल रही है और ऐसा तब हुआ है जब राय अध्यक्ष थे. खन्ना और राय हालांकि एक दशक से भी अधिक समय तक अपने राज्य संघों का हिस्सा रहे हैं और उन्हें अनिवार्य ब्रेक से गुजरना होगा.
जी गंगा राजू के साथ भी ऐसा ही है जो एक दशक तक आंध्र क्रिकेट संघ से जुड़े रहे हैं और उन्हें भी ब्रेक लेना पड़ सकता है. अब तक सौरव गांगुली की स्थिति को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं क्योंकि वह उपाध्यक्ष नहीं हैं.
फिलहाल बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के महाप्रबंधक एमवी श्रीधर के साथ मिलकर रोजमर्रा का संचालन संभालने की उम्मीद है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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