दिल्ली को लगातार दो मैचों में आख़िरी गेंद पर हार का सामना करना पड़ा और पूर्व टेस्ट कप्तान सुनील गावस्कर ने तो यहां तक कह दिया कि डेल्ही को वाकई डेयरडेविल्स की तरह खेलने की ज़रूरत है।
दिल्ली की टीम में युवराज सिंह, जेपी ड्यूमिनी और एल्बी मॉर्केल जैसे कई स्टार खिलाड़ी हैं, लेकिन डेयरडेविल्स शायद रणनीति में मात खा रहे हैं। दिल्ली के दोनों ही मैचों में लगा कि ये टीम जीत हासिल कर सकती है, लेकिन इस टीम ने पुणे वॉरियर्स के लगातार ग्यारह मैचों में हार के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
16 करोड़ के युवराज को ये बात ज़रूर खाए जा रही होगी कि उनका नाम दोनों ही टीमों की लिस्ट में शामिल है। 2014 के आईपीएल में आख़िरी स्थान पर रही इस टीम को अब जीत की ज़रूरत है। वह भी बिल्कल तुरंत क्योंकि, हर लम्हा इस टीम पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है। इस टीम को हर मैच में ये याद ज़रूर दिलाया जाएगा कि पिछली बार इसने सिर्फ़ दो मैच ही जीते थे। टीम किस बदलाव के साथ अगले मैच में उतरेगी इसे लेकर दिलचस्पी ज़रूर बनी रहेगी।
दिल्ली के रिकॉर्ड की वजह से पंजाब की टीम के हौसले तो बुलंद होंगे ही, उससे भी बड़ी बात यह है कि पिछले साल की इस उपविजेता टीम ने अपने पिछले फाइनल मैच में मुंबई जैसी ताक़तवर टीम को शिकस्त दी है।
लेकिन कप्तान जॉर्ज बेली के अलावा अभी तक टीम के किसी भी बल्लेबाज़ ने इस सीज़न कोई अर्द्धशतकीय पारी नहीं खेली है। सलामी बल्लेबाज़ वीरेन्द्र सिंह सहवाग, ग्लेन मैक्सवेल, मुरली विजय और डेविड मिलर जैसे बल्लेबाज़ों से अब भी तूफ़ानी पारी की उम्मीद है।
मिचेल जॉनसन की अगुआई में अक्षर पटेल और संदीप शर्मा जैसे गेंदबाज़ों की ये यूनिट ताक़तवर नज़र आती है तो ऐसे में पलड़ा पंजाब का ही भारी नज़र आता है।
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