नई दिल्ली:
तीन पूर्व टेस्ट क्रिकेटरों मनिंदर सिंह, गुरुशरण सिंह और सुरेंद्र खन्ना को वन टाइम पेमेंट मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है।
सूत्रों के मुताबिक कीर्ति आज़ाद के साथ धरना देने वाले इन क्रिकेटरों के अफसोस ज़ाहिर करने पर बीसीसीआई मान गई है।
इन खिलाडियों ने बीसीसीआई से कीर्ति आज़ाद के साथ धरने पर बैठने के लिए माफी मांगी है। ये इसलिए ताकि उन्हें अपने हिस्से की 'वन टाइम पेमेंट' मिल सके।
इन तीनों खिलाड़ियों ने अलग−अलग वक्त पर बीसीसीआई के खिलाफ़ मोर्चाबंदी की थी। .
दिलचस्प बात यह है कि बोर्ड की नीतियों का विरोध करने वाले इन खिलाड़ियों से माफी मंगवाने की रणनीति भी बोर्ड की ही है। बोर्ड ने मई में तय किया कि वह 2003−04 से पहले रिटायर हुए खिलाड़ियों को भारतीय क्रिकेट की सेवा के लिए एकमुश्त रकम देगी। इसके लिए बोर्ड ने 70 करोड़ रुपये की रकम का ऐलान कर आईपीएल के दौरान कुछ क्रिकेटरों को यह रकम दे भी दी थी। जाहिर है, उसमें वे लोग नहीं थे जो बोर्ड की नज़र में बागी थे।
ऐसे में रिटायर हो चुके खिलाड़ियों को बोर्ड की ताकत का अंदाजा हो गया और धीरे-धीरे हर कोई बोर्ड से दोबारा जुड़ने की कोशिश करने लगा।
मनिंदर सिंह ने 35 टेस्ट खेले हैं इसलिए उन्हें 60 लाख रुपये मिलेंगे। सुरिंदर खन्ना ने 10 वनडे और 106 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं तो 30 लाख और गुरशरन सिंह को 1 टेस्ट और 104 फर्स्ट क्लास मैच के लिए भी 30 लाख रुपये मिलेंगे।
आईपीएल से जुटाई राशि का कुछ हिस्सा पूर्व क्रिकेटरों में बांटकर बोर्ड ने एक तीर से दो निशाने किए है। एक तो जनता की नज़र में वे दरियादिल बन गए दूसरे अपनी खिलाफ उठने वाली आवाज़ों को चांदी की खनक में दफन कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक कीर्ति आज़ाद के साथ धरना देने वाले इन क्रिकेटरों के अफसोस ज़ाहिर करने पर बीसीसीआई मान गई है।
इन खिलाडियों ने बीसीसीआई से कीर्ति आज़ाद के साथ धरने पर बैठने के लिए माफी मांगी है। ये इसलिए ताकि उन्हें अपने हिस्से की 'वन टाइम पेमेंट' मिल सके।
इन तीनों खिलाड़ियों ने अलग−अलग वक्त पर बीसीसीआई के खिलाफ़ मोर्चाबंदी की थी। .
दिलचस्प बात यह है कि बोर्ड की नीतियों का विरोध करने वाले इन खिलाड़ियों से माफी मंगवाने की रणनीति भी बोर्ड की ही है। बोर्ड ने मई में तय किया कि वह 2003−04 से पहले रिटायर हुए खिलाड़ियों को भारतीय क्रिकेट की सेवा के लिए एकमुश्त रकम देगी। इसके लिए बोर्ड ने 70 करोड़ रुपये की रकम का ऐलान कर आईपीएल के दौरान कुछ क्रिकेटरों को यह रकम दे भी दी थी। जाहिर है, उसमें वे लोग नहीं थे जो बोर्ड की नज़र में बागी थे।
ऐसे में रिटायर हो चुके खिलाड़ियों को बोर्ड की ताकत का अंदाजा हो गया और धीरे-धीरे हर कोई बोर्ड से दोबारा जुड़ने की कोशिश करने लगा।
मनिंदर सिंह ने 35 टेस्ट खेले हैं इसलिए उन्हें 60 लाख रुपये मिलेंगे। सुरिंदर खन्ना ने 10 वनडे और 106 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं तो 30 लाख और गुरशरन सिंह को 1 टेस्ट और 104 फर्स्ट क्लास मैच के लिए भी 30 लाख रुपये मिलेंगे।
आईपीएल से जुटाई राशि का कुछ हिस्सा पूर्व क्रिकेटरों में बांटकर बोर्ड ने एक तीर से दो निशाने किए है। एक तो जनता की नज़र में वे दरियादिल बन गए दूसरे अपनी खिलाफ उठने वाली आवाज़ों को चांदी की खनक में दफन कर दिया।