युवराज सिंह (फाइल फोटो)
भोपाल:
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर और हरफनमौला ऑलराउंडर युवराज सिंह को खेल में दिये योगदान के लिये ग्वालियर के आईएमटी विश्वविद्यालय ने गुरुवार को दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की मानद् उपाधि से सम्मानित किया.
क्रिकेटर युवराज को यह सम्मान मैदान में असाधारण खेल कौशल दिखाने के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से निजात पाने के बाद दूसरों को हौसला देने के लिये दिया गया. बता दें कि युवराज सिंह ने कैंसर से उबरकर भी बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया था.
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यहां जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, युवराज के अलावा यह सम्मान डा. ए.एस किरण कुमार (अंतरिक्ष विज्ञान), गोविंद निहलानी (फिल्म), डा. अशोक वाजपेयी (कवि), रजत शर्मा ( मीडिया), डा. आर.ए माशेलकर (विज्ञान एवं तकनीक) और अरुणा राय (सामाजिक कार्य) को भी दिया गया.
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युवराज सिंह ने कहा कि 'डाक्टरेट की उपाधि पाकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. इससे मुझे अतिरिक्त जिम्मेदारी का अहसास होता है और मैं अपने कार्यों से दूसरों के लिये उदाहरण बनना चाहता हूं.' युवराज ने देश के लिये 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में 10,000 से ज्यादा रन बनाये हैं. उन्होंने भारत के टी20 विश्व कप 2007 और एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप 2011 जीतने में अहम भूमिका निभाई थी.
VIDEO: यो यो टेस्ट में फेल हुए युवराज सिंह और सुरेश रैना (इनपुट भाषा से)
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यहां जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, युवराज के अलावा यह सम्मान डा. ए.एस किरण कुमार (अंतरिक्ष विज्ञान), गोविंद निहलानी (फिल्म), डा. अशोक वाजपेयी (कवि), रजत शर्मा ( मीडिया), डा. आर.ए माशेलकर (विज्ञान एवं तकनीक) और अरुणा राय (सामाजिक कार्य) को भी दिया गया.
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युवराज सिंह ने कहा कि 'डाक्टरेट की उपाधि पाकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. इससे मुझे अतिरिक्त जिम्मेदारी का अहसास होता है और मैं अपने कार्यों से दूसरों के लिये उदाहरण बनना चाहता हूं.' युवराज ने देश के लिये 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में 10,000 से ज्यादा रन बनाये हैं. उन्होंने भारत के टी20 विश्व कप 2007 और एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप 2011 जीतने में अहम भूमिका निभाई थी.
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