वेस्ट इंडीज़ के कर्टनी वॉल्श (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
क्रिकेट की दुनिया में जब भी बल्लेबाजी के विश्वरिकॉर्डों की बात की जाती है, सबसे पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar), वेस्ट इंडियन दिग्गज ब्रायन लारा (Brian Lara), वेस्ट इंडीज़ के ही मिस्टर एक्सप्लोसिव विवियन रिचर्ड्स (Vivian Richards), मिस्टर डिपेंडेबल राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid), प्रिंस ऑफ कोलकाता सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) जैसे नाम ही ज़हन में आते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बल्लेबाजी का कम से कम एक रिकॉर्ड वेस्ट इंडीज़ के दिग्गज गेंदबाज कर्टनी वॉल्श (Courtney Walsh) के नाम भी दर्ज है...
हालांकि रिकॉर्ड के बारे में पढ़ते ही आप भी मानेंगे कि बल्लेबाजी से जुड़ा यह रिकॉर्ड सिर्फ किसी बेहद शानदार गेंदबाज का ही हो सकता था, और यही सच भी है... इस रिकॉर्ड के शीर्ष 10 नामों में एक भी स्थापित बल्लेबाज शामिल नहीं है... और हां, वैसे भी दुनिया का कोई भी बल्लेबाज ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम के साथ जुड़ा देखना भी नहीं चाहेगा... यह रिकॉर्ड है टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा बार शून्य पर आउट होने का, यानी डक पर आउट... (टेबल देखें ख़बर के अंत में...)
सबसे ज़्यादा बार शून्य पर आउट हुए वॉल्श...
वेस्ट इंडीज़ के कर्टनी वॉल्श ने 1984 से 2001 तक चले अपने पूरे टेस्ट करियर के दौरान 132 मैचों की 185 पारियों में 61 बार नाबाद रहकर 7.54 की औसत से कुल 936 रन बनाए, और 519 विकेट चटकाए... उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 30* रहा, लेकिन इसके अलावा वह 43 बार शून्य पर आउट भी हुए, जो दुनिया के किसी भी बल्लेबाज से ज़्यादा है...
सूची में दूसरा स्थान हासिल किया है कीवी टीम के क्रिस मार्टिन (Chris Martin) ने, जिन्होंने 2000 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण से लेकर 2013 में रिटायरमेंट तक कुल 71 मैचों में 233 विकेट हासिल किए, लेकिन 104 पारियों में 52 बार नॉट आउट रहकर कुल 2.36 की औसत से सिर्फ 123 रन बनाए... मार्टिन के करियर में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 12* रहा, और वह 36 बार बिना खाता खोले पैवेलियन लौटे...
ग्लेन मैकग्रा हैं तीसरे पायदान पर...
लिस्ट में अगला नाम ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्लेन मैकग्रा (Glenn McGrath) का है, जिन्होंने 1993 से 2007 के बीच 124 मैचों की 138 पारियों में 51 बार नाबाद रहकर 7.36 की औसत से 641 रन बनाए, जबकि उनके हासिल किए विकेटों की गिनती भी 563 है... बल्लेबाजी के क्षेत्र में मैकग्रा पहले दोनों स्थानों पर काबिज खिलाड़ियों से बेहतर रहे, और एक बार अर्द्धशतक भी बनाया... उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 61 रन है, और मैकग्रा अपने पूरे करियर में 35 बार शून्य पर आउट हुए...
यहां दर्ज खिलाड़ियों में बल्लेबाज के तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है सूची के अगले नाम शेन वॉर्न (Shane Warne) ने, जो 1992 से 2007 के बीच चले अपने करियर में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज़्यादा टेस्ट विकेट चटकाने वाले गेंदबाज रहे... वॉर्न ने कुल 145 मैच खेले, जिनकी 199 पारियों में उन्होंने 17 बार नॉट आउट रहकर 17.32 की औसत से 12 बार अर्द्धशतक जड़ते हुए कुल 3,154 रन बनाए, और 708 विकेट लिए... वॉर्न के करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 99 रन है, और वह कुल 34 बार बिना खाता खोले आउट हुए...
सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले मुरली भी हैं सूची में...
सूची में अगला नाम टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में सबसे ज़्यादा खिलाड़ियों को पैवेलियन लौटाने वाले श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) हैं, जिन्होंने टेस्ट मैचों में कुल 800 विकेट लिए हैं... वर्ष 1992 से 2010 तक चले अपनने करियर में श्रीलंका के अलावा आईसीसी की टीम के लिए भी टेस्ट मैच खेलने वाले मुरली ने कुल 133 टेस्ट मैचों की 164 पारियों में 56 बार नाबाद रहकर 11.67 की औसत से 1,261 रन बनाए, जिनमें एक अर्द्धशतक भी शामिल है... 67 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर वाले मुरलीधरन पूरे करियर में कुल 33 बार शून्य पर आउट हुए...
सूची में एकमात्र भारतीय हैं ज़हीर खान...
इस सूची के शीर्ष 10 नामों में दर्ज एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं ज़हीर खान (Zaheer Khan), जिन्होंने 2000-2014 के बीच 92 टेस्ट मैच खेले, और 311 विकेट चटकाने के अलावा 127 पारियों में 24 बार नॉट आउट रहते हुए तीन अर्द्धशतकों की मदद से 11.95 की औसत से 1,231 रन बनाए, और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 75 रन है... ज़हीर अपने पूरे करियर में कुल 29 बार बिना खाता खोले पैवेलियन लौटे हैं...
इस लिस्ट का सातवां नाम वेस्ट इंडीज़ के मर्विन डिलन (Mervyn Dillon) का है, जिन्होंने 1997 से 2004 के बीच कुल 38 टेस्ट मैचों की 68 पारियों में तीन बार नाबाद रहकर 8.44 की औसत से 549 रन बनाए... मर्विन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 43 रन है, और 131 विकेट चटकाने वाले मर्विन कुल 26 बार शून्य पर भी आउट हुए...
वेस्ट इंडीज़ के कुल तीन खिलाड़ी हैं लिस्ट में...
आठवें पायदान पर भी वेस्ट इंडीज़ के ही सर कर्टली एम्ब्रोस (Curtly Ambrose) हैं, जो 405 विकेट लेने के अलावा 1988-2000 के बीच 98 टेस्ट मैचों की 145 पारियों में 29 बार नाबाद रहकर 12.4 की औसत से 1,439 रन ही बना पाए... पूरे करियर में सिर्फ एक अर्द्धशतक, यानी 53 रन बनाने वाले कर्टली भी 26 बार ही शून्य पर आउट हुए...
पाकिस्तान का भी एक खिलाड़ी है सूची में...
सूची में नौवां नाम है भारत के चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान की ओर से खेले हिन्दू खिलाड़ी दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) का, जिन्होंने 2000 से 2010 के बीच 61 मैचों में 261 विकेट लेने के अलावा 84 पारियों में 33 बार नॉट आउट रहते हुए 7.05 की औसत से 360 रन बनाए... दानिश के करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 29 रन है, और वह 25 बार बिना खाता खोले आउट हुए...
सबसे ज़्य़ादा बार शून्य पर आउट होने वाले शीर्ष 10 खिलाड़ियों में आखिरी नाम कीवी गेंदबाज डैनी मॉरिसन (Danny Morrison) का है, जिन्होंने 1987 से 1997 के बीच 160 विकेट लिए, और 48 मैचों की 71 पारियों में 26 बार नाबाद रहकर 8.42 की औसत से 379 रन बनाए... 42 रन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर रखने वाले डैनी पूरे करियर में कुल 24 बार शून्य पर आउट हुए...
हालांकि रिकॉर्ड के बारे में पढ़ते ही आप भी मानेंगे कि बल्लेबाजी से जुड़ा यह रिकॉर्ड सिर्फ किसी बेहद शानदार गेंदबाज का ही हो सकता था, और यही सच भी है... इस रिकॉर्ड के शीर्ष 10 नामों में एक भी स्थापित बल्लेबाज शामिल नहीं है... और हां, वैसे भी दुनिया का कोई भी बल्लेबाज ऐसा रिकॉर्ड अपने नाम के साथ जुड़ा देखना भी नहीं चाहेगा... यह रिकॉर्ड है टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा बार शून्य पर आउट होने का, यानी डक पर आउट... (टेबल देखें ख़बर के अंत में...)
सबसे ज़्यादा बार शून्य पर आउट हुए वॉल्श...
वेस्ट इंडीज़ के कर्टनी वॉल्श ने 1984 से 2001 तक चले अपने पूरे टेस्ट करियर के दौरान 132 मैचों की 185 पारियों में 61 बार नाबाद रहकर 7.54 की औसत से कुल 936 रन बनाए, और 519 विकेट चटकाए... उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 30* रहा, लेकिन इसके अलावा वह 43 बार शून्य पर आउट भी हुए, जो दुनिया के किसी भी बल्लेबाज से ज़्यादा है...
सूची में दूसरा स्थान हासिल किया है कीवी टीम के क्रिस मार्टिन (Chris Martin) ने, जिन्होंने 2000 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण से लेकर 2013 में रिटायरमेंट तक कुल 71 मैचों में 233 विकेट हासिल किए, लेकिन 104 पारियों में 52 बार नॉट आउट रहकर कुल 2.36 की औसत से सिर्फ 123 रन बनाए... मार्टिन के करियर में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 12* रहा, और वह 36 बार बिना खाता खोले पैवेलियन लौटे...
ग्लेन मैकग्रा हैं तीसरे पायदान पर...
लिस्ट में अगला नाम ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्लेन मैकग्रा (Glenn McGrath) का है, जिन्होंने 1993 से 2007 के बीच 124 मैचों की 138 पारियों में 51 बार नाबाद रहकर 7.36 की औसत से 641 रन बनाए, जबकि उनके हासिल किए विकेटों की गिनती भी 563 है... बल्लेबाजी के क्षेत्र में मैकग्रा पहले दोनों स्थानों पर काबिज खिलाड़ियों से बेहतर रहे, और एक बार अर्द्धशतक भी बनाया... उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 61 रन है, और मैकग्रा अपने पूरे करियर में 35 बार शून्य पर आउट हुए...
यहां दर्ज खिलाड़ियों में बल्लेबाज के तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है सूची के अगले नाम शेन वॉर्न (Shane Warne) ने, जो 1992 से 2007 के बीच चले अपने करियर में ऑस्ट्रेलिया की ओर से सबसे ज़्यादा टेस्ट विकेट चटकाने वाले गेंदबाज रहे... वॉर्न ने कुल 145 मैच खेले, जिनकी 199 पारियों में उन्होंने 17 बार नॉट आउट रहकर 17.32 की औसत से 12 बार अर्द्धशतक जड़ते हुए कुल 3,154 रन बनाए, और 708 विकेट लिए... वॉर्न के करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 99 रन है, और वह कुल 34 बार बिना खाता खोले आउट हुए...
सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले मुरली भी हैं सूची में...
सूची में अगला नाम टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में सबसे ज़्यादा खिलाड़ियों को पैवेलियन लौटाने वाले श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) हैं, जिन्होंने टेस्ट मैचों में कुल 800 विकेट लिए हैं... वर्ष 1992 से 2010 तक चले अपनने करियर में श्रीलंका के अलावा आईसीसी की टीम के लिए भी टेस्ट मैच खेलने वाले मुरली ने कुल 133 टेस्ट मैचों की 164 पारियों में 56 बार नाबाद रहकर 11.67 की औसत से 1,261 रन बनाए, जिनमें एक अर्द्धशतक भी शामिल है... 67 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर वाले मुरलीधरन पूरे करियर में कुल 33 बार शून्य पर आउट हुए...
सूची में एकमात्र भारतीय हैं ज़हीर खान...
इस सूची के शीर्ष 10 नामों में दर्ज एकमात्र भारतीय गेंदबाज हैं ज़हीर खान (Zaheer Khan), जिन्होंने 2000-2014 के बीच 92 टेस्ट मैच खेले, और 311 विकेट चटकाने के अलावा 127 पारियों में 24 बार नॉट आउट रहते हुए तीन अर्द्धशतकों की मदद से 11.95 की औसत से 1,231 रन बनाए, और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 75 रन है... ज़हीर अपने पूरे करियर में कुल 29 बार बिना खाता खोले पैवेलियन लौटे हैं...
इस लिस्ट का सातवां नाम वेस्ट इंडीज़ के मर्विन डिलन (Mervyn Dillon) का है, जिन्होंने 1997 से 2004 के बीच कुल 38 टेस्ट मैचों की 68 पारियों में तीन बार नाबाद रहकर 8.44 की औसत से 549 रन बनाए... मर्विन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 43 रन है, और 131 विकेट चटकाने वाले मर्विन कुल 26 बार शून्य पर भी आउट हुए...
वेस्ट इंडीज़ के कुल तीन खिलाड़ी हैं लिस्ट में...
आठवें पायदान पर भी वेस्ट इंडीज़ के ही सर कर्टली एम्ब्रोस (Curtly Ambrose) हैं, जो 405 विकेट लेने के अलावा 1988-2000 के बीच 98 टेस्ट मैचों की 145 पारियों में 29 बार नाबाद रहकर 12.4 की औसत से 1,439 रन ही बना पाए... पूरे करियर में सिर्फ एक अर्द्धशतक, यानी 53 रन बनाने वाले कर्टली भी 26 बार ही शून्य पर आउट हुए...
पाकिस्तान का भी एक खिलाड़ी है सूची में...
सूची में नौवां नाम है भारत के चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान की ओर से खेले हिन्दू खिलाड़ी दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) का, जिन्होंने 2000 से 2010 के बीच 61 मैचों में 261 विकेट लेने के अलावा 84 पारियों में 33 बार नॉट आउट रहते हुए 7.05 की औसत से 360 रन बनाए... दानिश के करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 29 रन है, और वह 25 बार बिना खाता खोले आउट हुए...
सबसे ज़्य़ादा बार शून्य पर आउट होने वाले शीर्ष 10 खिलाड़ियों में आखिरी नाम कीवी गेंदबाज डैनी मॉरिसन (Danny Morrison) का है, जिन्होंने 1987 से 1997 के बीच 160 विकेट लिए, और 48 मैचों की 71 पारियों में 26 बार नाबाद रहकर 8.42 की औसत से 379 रन बनाए... 42 रन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर रखने वाले डैनी पूरे करियर में कुल 24 बार शून्य पर आउट हुए...
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